पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की गिनती 4 जून को होने जा रही है. कुछ राजनीतिक दलों ने पोस्टल बैलेट की गिनती में गड़बड़ी की आशंका जताई है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले की जाएगी. 4 जून को सुबह 7:00 बजे तक जितने भी पोस्टल बैलेट आएंगे, उनकी गिनती सुनिश्चित की जाएगी. नेताओं का मानना है कि पोस्टल बैलेट के जरिए बड़ी संख्या में वोट डाले जाते हैं और इनकी गिनती सही तरीके से होना जरूरी है.
"लोकसभा चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट का बहुत महत्व नहीं रह जाता है क्योंकि वोटों की संख्या बहुत अधिक होती है. हां अगर जीत हार का अंतर कम है तो वैसे स्थिति में राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं. चुनाव आयोग ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी है और गड़बड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है."- भोलानाथ, वरिष्ठ पत्रकार
निर्णायक भूमिका में रहा था पोस्टल बैलेटः चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद सभी राजनीतिक दलों की नजरें पोस्टल बैलेट पर टिकी हैं. पिछली बार 2019 के चुनाव में जहानाबाद सीट के परिणाम में पोस्टल बैलेट की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी. लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर चंद्रवंशी ने महज 1700 वोट से चुनाव जीता था. जबकि कुल 5091 पोस्टल वोट पड़े थे. इस तरह से जहानाबाद लोकसभा चुनाव में पोस्ट बैलेट ने अहम भूमिका निभाया था. इस बार भी संभावना है कि कुछ सीटों पर पोस्ट बैलेट निर्णायक भूमिका में रहेगा.
"जहानाबाद लोकसभा सीट पर 2019 में कम मतों के अंतर से जीत हार हुई थी. सुरेंद्र यादव आज तक आरोप लगाते हैं. इस बार कई सीटों पर मुकाबला कठिन है और ऐसी स्थिति में पोस्टल बैलेट की भूमिका अहम होगी, इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है."- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
2019 के चुनाव में कितने पड़े थे पोस्टल बैलेट: लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों की बात करें तो सबसे अधिक पोस्टल बैलेट वाला जिला गोपालगंज था. वहां 9482 मत पड़े थे. दूसरे स्थान पर बेगूसराय लोकसभा सीट रही थी जहां मतों की संख्या 8178 थी. पूर्वी चंपारण में 7765 पोस्टल वोट पड़े थे. बक्सर लोकसभा सीट पर 6570, पश्चिम चंपारण में 5553, सासाराम लोकसभा सीट पर 5505 वोट और जहानाबाद लोकसभा सीट पर 5091 वोट पड़े थे.
क्या होता है पोस्टल बैलेट: सेना और अर्ध सैनिक बलों के अलावा राज्य से बाहर प्रतिनियुक्त पुलिस के जवान और अधिकारी अपनी नियुक्ति वाली जगह से पोस्ट के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते है. इन्हें सर्विस वोटर कहा जाता है. चुनावी मुकाबला जब कांटे का हो तो पोस्टल बैलट की अहमियत बढ़ जाती है.
2024 में बढ़ी सर्विस वोटर्स की संख्याः बिहार में सर्विस वोटर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2019 के मुकाबले 2024 में इसमें 19.8 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है. 2019 में बिहार में सर्विस वोटर्स की संख्या 1 लाख 49 हजार 815 थी जो 2024 में बढ़कर 1लाख 67 हजार 469 हो गयी है. 2019 में देश में 16 लाख 62 हजार 993 सर्विस वोटर्स थे जो 2024 में बढ़कर 19 लाख 8194 हो गए हैं. यूपी में सर्वाधिक 2 लाख 97867 सर्विस वोटर्स हैं
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