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छत्तीसगढ़ के स्कूल में प्रकट हुई गंगा, क्लास रूम में ही बच्चों ने देखा झरना - Swami Atmanand School

Poor work in Swami Atmanand School छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अनोखी तस्वीर देखने को मिली. इस स्कूल में क्लास के दौरान साक्षात् मां गंगा प्रकट हो गई. बच्चे भी अपने बीच मां गंगा को पाकर काफी खुश थे. क्योंकि उनकी पढ़ाई मां गंगा के पानी में धुल गई.अब आप सोच रहे होंगे कि हम कैसी बहकी हुई बातें कर रहे हैं.लेकिन ये बातें बहकी हुई नहीं है.बल्कि हकीकत है. हकीकत क्या है आप भी जानिए.Waterlogging in Kannewada School

Swami Atmanand School
छत्तीसगढ़ के स्कूल में प्रकट हुई गंगा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 18, 2024, 6:03 PM IST

बालोद : बालोद के कन्नेवाड़ा में 35 लाख की लागत से पुराने भवन को तोड़कर नए स्वामी आत्मानंद विद्यालय बनाया गया है. नई छत,नया भवन और सब कुछ नया चकाचक है.बच्चों को इस विद्यालय में आकर काफी अच्छा महसूस होता है.हालांकि अभी इस नई नवेली बिल्डिंग को शिक्षा विभाग को हैंडओव्हर नहीं किया गया है.बावजूद इसके इस बिल्डिंग में बच्चों की पढ़ाई शुरु करा दी गई.लेकिन पिछले दिनों पढ़ाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि किसी को भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ.

Swami Atmanand School
छत से बहने लगा पानी (ETV Bharat Chhattisgarh)

मूसलाधार बारिश में हुआ अजूबा : कन्नेवाड़ा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के कमरों में बच्चे सुकून से पढ़ाई कर रहे थे.इसी दौरान मॉनसून के बदरा ने स्कूल भवन को घेर लिया. काले-काले बादल और तेज बिजलियों का दौर शुरु हुआ.थोड़ी देर बाद पूरे जिले समेत इस स्कूल के आसपास मूसलाधार बारिश होने लगी.इसी मूसलाधार बारिश ने नई नवेली बिल्डिंग की सच्ची तस्वीर सभी के सामने लाकर खड़ी कर दी.

स्वीमिंग पूल में बदला क्लास रूम : करीब 35 लाख रुपए की लागत से बने इस स्कूल का सामना जब तेज बारिश से हुआ तो पूरी की पूरी बिल्डिंग ने जवाब दे दिया. इस बिल्डिंग का एक भी ऐसा कोना नहीं था जहां से पानी का रिसाव नहीं हो रहा था.और तो और स्कूल के छत से पानी की बौछार ऐसी हो रही थी मानो मां गंगा छत तोड़कर प्रकट हो गई हो.चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा था.खिड़कियां तो बच्चों को झरने का आनंद क्लास रूम में ही दिला रही थी. थोड़ी देर बाद ये पूरा स्कूल स्वीमिंग पूल में बदल गया.कक्षा नवमी के छात्र जयदीप देवांगन ने बताया कि नए भवन में हमें बैठाया गया. लेकिन जब बारिश हुई तो पूरा पानी सीपेज होकर फर्श पर भर गया. जिसके कारण कॉपी किताब समेत गिरने का डर सताने लगा.

छत्तीसगढ़ के स्कूल में प्रकट हुई गंगा (ETV Bharat Chhattisgarh)


30 से 35 लाख की लागत से हुआ काम : विद्यालय की प्राचार्य कविता वानखेड़े जो छुट्टी पर थीं. उन्होंने फोन के माध्यम से भवन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये संधारण का काम है. जिसके लिए दुर्ग के एक ठेकेदार सत्य प्रकाश शुक्ला को काम दिया गया था.जब हमने निर्माण कार्य संबंधित बोर्ड लगाने की बात की तो ठेकेदार ने बोर्ड लगाने से मना कर दिया.

Swami Atmanand School
खिड़कियों से बहने लगा पानी (ETV Bharat Chhattisgarh)

''अब तक जल भराव जैसी स्थिति तो हमने देखा नहीं है. बिल्डिंग को हैंडओवर नहीं किया गया है. बच्चों की व्यवस्था के लिए उन्हें बैठाया जा रहा है.''- कविता वानखेड़े,प्राचार्य

भवन को किया जाएगा दुरुस्त : वहीं पूरे मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि यदि इस मामले में हैंडओवर नहीं किया गया है. तो फिर पूरे भवन को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा.

''भवन दुरुस्त होने के बाद ही हैंडओवर लिया जाएगा .जब तक पूरी तरह संतुष्टि नहीं मिल जाती ठेकेदार का पेमेंट भी रोक दिया जाएगा. बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा से जुड़ा हुआ सवाल है इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाएगा.'' चंद्रकांत कौशिक, अपर कलेक्टर

ये कैसा संधारण : पुराने भवन जैसे भी होते थे काफी मजबूत होते थे. लेकिन बच्चों को इस तरह की समस्या नहीं होती थी. अब जब संधारण कार्य किया गया है तो बच्चे नए भवन से काफी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. किसी भी कमरे में वेंटिलेशन नहीं बनाया गया है . घटिया स्तर का काम किया गया है.जिसका नतीजा ये है कि बारिश में बच्चे स्कूल में स्वीमिंग पूल देख रहे हैं.

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बालोद : बालोद के कन्नेवाड़ा में 35 लाख की लागत से पुराने भवन को तोड़कर नए स्वामी आत्मानंद विद्यालय बनाया गया है. नई छत,नया भवन और सब कुछ नया चकाचक है.बच्चों को इस विद्यालय में आकर काफी अच्छा महसूस होता है.हालांकि अभी इस नई नवेली बिल्डिंग को शिक्षा विभाग को हैंडओव्हर नहीं किया गया है.बावजूद इसके इस बिल्डिंग में बच्चों की पढ़ाई शुरु करा दी गई.लेकिन पिछले दिनों पढ़ाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि किसी को भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ.

Swami Atmanand School
छत से बहने लगा पानी (ETV Bharat Chhattisgarh)

मूसलाधार बारिश में हुआ अजूबा : कन्नेवाड़ा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के कमरों में बच्चे सुकून से पढ़ाई कर रहे थे.इसी दौरान मॉनसून के बदरा ने स्कूल भवन को घेर लिया. काले-काले बादल और तेज बिजलियों का दौर शुरु हुआ.थोड़ी देर बाद पूरे जिले समेत इस स्कूल के आसपास मूसलाधार बारिश होने लगी.इसी मूसलाधार बारिश ने नई नवेली बिल्डिंग की सच्ची तस्वीर सभी के सामने लाकर खड़ी कर दी.

स्वीमिंग पूल में बदला क्लास रूम : करीब 35 लाख रुपए की लागत से बने इस स्कूल का सामना जब तेज बारिश से हुआ तो पूरी की पूरी बिल्डिंग ने जवाब दे दिया. इस बिल्डिंग का एक भी ऐसा कोना नहीं था जहां से पानी का रिसाव नहीं हो रहा था.और तो और स्कूल के छत से पानी की बौछार ऐसी हो रही थी मानो मां गंगा छत तोड़कर प्रकट हो गई हो.चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा था.खिड़कियां तो बच्चों को झरने का आनंद क्लास रूम में ही दिला रही थी. थोड़ी देर बाद ये पूरा स्कूल स्वीमिंग पूल में बदल गया.कक्षा नवमी के छात्र जयदीप देवांगन ने बताया कि नए भवन में हमें बैठाया गया. लेकिन जब बारिश हुई तो पूरा पानी सीपेज होकर फर्श पर भर गया. जिसके कारण कॉपी किताब समेत गिरने का डर सताने लगा.

छत्तीसगढ़ के स्कूल में प्रकट हुई गंगा (ETV Bharat Chhattisgarh)


30 से 35 लाख की लागत से हुआ काम : विद्यालय की प्राचार्य कविता वानखेड़े जो छुट्टी पर थीं. उन्होंने फोन के माध्यम से भवन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये संधारण का काम है. जिसके लिए दुर्ग के एक ठेकेदार सत्य प्रकाश शुक्ला को काम दिया गया था.जब हमने निर्माण कार्य संबंधित बोर्ड लगाने की बात की तो ठेकेदार ने बोर्ड लगाने से मना कर दिया.

Swami Atmanand School
खिड़कियों से बहने लगा पानी (ETV Bharat Chhattisgarh)

''अब तक जल भराव जैसी स्थिति तो हमने देखा नहीं है. बिल्डिंग को हैंडओवर नहीं किया गया है. बच्चों की व्यवस्था के लिए उन्हें बैठाया जा रहा है.''- कविता वानखेड़े,प्राचार्य

भवन को किया जाएगा दुरुस्त : वहीं पूरे मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि यदि इस मामले में हैंडओवर नहीं किया गया है. तो फिर पूरे भवन को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा.

''भवन दुरुस्त होने के बाद ही हैंडओवर लिया जाएगा .जब तक पूरी तरह संतुष्टि नहीं मिल जाती ठेकेदार का पेमेंट भी रोक दिया जाएगा. बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा से जुड़ा हुआ सवाल है इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाएगा.'' चंद्रकांत कौशिक, अपर कलेक्टर

ये कैसा संधारण : पुराने भवन जैसे भी होते थे काफी मजबूत होते थे. लेकिन बच्चों को इस तरह की समस्या नहीं होती थी. अब जब संधारण कार्य किया गया है तो बच्चे नए भवन से काफी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. किसी भी कमरे में वेंटिलेशन नहीं बनाया गया है . घटिया स्तर का काम किया गया है.जिसका नतीजा ये है कि बारिश में बच्चे स्कूल में स्वीमिंग पूल देख रहे हैं.

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