मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत गुरचहवा में बच्चों की शिक्षा भगवान भरोसे हैं.भले ही कहने को इस क्षेत्र के विधायक प्रदेश के कद्दावर मंत्री हैं.लेकिन उनके क्षेत्र के सरकारी स्कूल की बदहाली किसी से छिपी नहीं है.आज भी यहां के बच्चों के पास पढ़ने के लिए खुद का एक अदद स्कूल भवन नहीं मिल सका है.
प्रधान पाठक के कमरे में हो रही पढ़ाई : गुरचहवा गांव के लोगों को उम्मीद थी स्थानीय विधायक के मंत्री बनने के बाद क्षेत्र का विकास होगा.लेकिन आज सभी की उम्मीदें टूटती जा रही है. प्राथमिक शाला के करीब 55 बच्चे भवन के अभाव में प्रधान पाठक के कार्यालय में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. ग्राम पंचायत गुरचहवा का प्राथमिक शाला भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. छत और दीवारें इतनी कमजोर हैं कि कभी भी गिरने का खतरा मंडरा रहा है. लिहाजा बच्चे प्रधानपाठक के कमरे में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं.
स्कूल में असुविधाओं का अंबार : इस विद्यालय में कई तरह की समस्याएं हैं. जैसे शौचालय पूरी तरह से टूट चुका है. हैंडपंप में पानी नहीं आता.जिस जगह पर बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार किया जाता है,वो भी दयनीय स्थिति में है.गर्मी औऱ ठंड तो जैसे तैसे कट जाती है.लेकिन बारिश के दिनों में स्थिति और भी विकराल हो जाती है.
विद्यालय दो साल पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया था. तब से बच्चों को मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक के कार्यालय में पढ़ाया जा रहा है-मंजू भगत,प्रधान पाठक
अब सवाल ये है कि इन मासूम बच्चों को कब तक उनका खुद का विद्यालय नसीब होगा या फिर शिक्षा व्यवस्था का यह हाल इसी तरह चलता रहेगा.भले ही क्षेत्र के मंत्री शिक्षा को लेकर बड़ी बातें करते हो,लेकिन जब तक गुरचहवा जैसे स्कूलों का कायाकल्प नहीं होगा,तब तक शिक्षा की नींव मजबूत नहीं होगी.
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