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खूंटी तालाब घोटाला: जांच के बीच विभाग ने फिर शुरू किया निर्माण कार्य, गलतियों को छिपाने की कोशिश या अधूरा काम किया जा रहा पूरा? - Khunti Pond Scam

Khunti Pond Scam. खूंटी में हुए तालाब घोटाला मामले की जांच शुरू हो गई है. एसडीओ की अध्यक्षता में यह जांच चल रही है. वहीं जांच के बीच ही भूमि संरक्षण विभाग वे फिर से तालाब निर्माण शुरू कर दिया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 13, 2024, 5:03 PM IST

Khunti Pond Scam
तालाब निर्माण कार्य के दौरान की तस्वीर (ईटीवी भारत)

खूंटी: जिले में तालाब जीर्णोद्धार में लूट मामले में विभागीय आदेश मिलते ही जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. विभागीय आदेश के बाद एसडीओ अनिकेत सचान की अध्यक्षता में जांच चल रही है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद मामले में विभागीय जांच के आदेश दिए गए.

तालाब जीर्णोद्धार में बरती गई अनियमितता और पैसों की निकासी मामले की जांच के बीच भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों एवं उससे जुड़े ठेकेदारों ने तालाब निर्माण कार्य अब शुरू कर दिया है. कल तक जहां मेढ़ बांध कर तालाब दिखाने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब उसे तालाब का आकार देने के लिए तालाब से मिट्टी काटकर तालाब को गहरा किया जा रहा है, जो पूर्व में नहीं किया गया था.

तालाब निर्माण में धांधली

जिले के 86 पंचायत क्षेत्रों में इस वित्तीय वर्ष में 69 बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया जबकि 150 परकोलेशन टैंक का भी निर्माण कराया गया. लेकिन निर्माण से पहले ही बड़े पैमाने पर धांधली की गई. विभाग और विभाग के चिन्हित ठेकेदारों की मिलीभगत से फर्जी कागजात तैयार कर तालाब का निर्माण शुरू कर दिया गया. पैसे की बंदरबांट कर ली गई.

इस मामले की जानकारी जब ईटीवी भारत की टीम को हुई तो 20 दिनों तक ईटीवी भारत की टीम ने लगभग सभी प्रखंड क्षेत्रों में बने तालाबों का भौतिक निरीक्षण किया और लाभुकों और इससे जुड़े जल पंचायतों के बीच जाकर जायजा लिया. उसके बाद तालाब जीर्णोद्धार में धांधली का खुलासा हुआ. अब विभागीय आदेश के बाद जांच चल रही है लेकिन जांच के बीच विभाग की पूरी मशीनरी तालाब को उसका स्वरूप देने में जुटी हुई है.

गलतियां छुपाने की कोशिश!

कहा जा सकता है कि अपनी गलतियों को छुपाने के लिए तालाब का जीर्णोद्धार फिर से किया जा रहा है, ताकि जांच के दौरान जांच टीम से तालाब में की गई अनियमितता को छुपाया जा सके. खासकर उन इलाकों में दोबारा काम कराया जा रहा है जो सुदूरवर्ती हैं. विभाग और उससे जुड़े ठेकेदार अनियमितता को छुपाने की पूरी कोशिश में जुट गए हैं. इस मामले पर गठित जांच टीम कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन जांच टीम का दावा है कि इलाके में किए गए तालाब जीर्णोद्धार में गलती हुई है और प्रारंभिक जांच में अनियमितता के सबूत मिले हैं.

जांच के बाद होगी कार्रवाई

जांच टीम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि वे सबूत छिपाने की कोशिश भले कर लें, लेकिन जांच के बाद कार्रवाई होगी. फिलहाल इस मामले पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. वहीं भूमि संरक्षण पदाधिकारी नमन सुरीन ने कहा कि कुछ जगहों पर निर्माण अधूरा था जिसे पूरा कराया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि तालाब को गहरा करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.

यह भी पढ़ें: खूंटी में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर मची लूट, मेढ़ बांध कर करोड़ों रुपए की निकासी, अब अधिकारी करेंगे जांच - Pond renovation in Khunti

यह भी पढ़ें: तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर लूट! जमीन पर काम में घालमेल, कागज पर काम पूरा, जिनके नाम पर हुई निकासी उन्हें पता ही नहीं - Pond scam in Khunti

यह भी पढ़ें: खूंटी में हुए तालाब घोटाला मामले की जांच शुरू, विभागीय निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने गठित की जांच टीम - Khunti pond scam

खूंटी: जिले में तालाब जीर्णोद्धार में लूट मामले में विभागीय आदेश मिलते ही जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. विभागीय आदेश के बाद एसडीओ अनिकेत सचान की अध्यक्षता में जांच चल रही है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद मामले में विभागीय जांच के आदेश दिए गए.

तालाब जीर्णोद्धार में बरती गई अनियमितता और पैसों की निकासी मामले की जांच के बीच भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों एवं उससे जुड़े ठेकेदारों ने तालाब निर्माण कार्य अब शुरू कर दिया है. कल तक जहां मेढ़ बांध कर तालाब दिखाने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब उसे तालाब का आकार देने के लिए तालाब से मिट्टी काटकर तालाब को गहरा किया जा रहा है, जो पूर्व में नहीं किया गया था.

तालाब निर्माण में धांधली

जिले के 86 पंचायत क्षेत्रों में इस वित्तीय वर्ष में 69 बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया जबकि 150 परकोलेशन टैंक का भी निर्माण कराया गया. लेकिन निर्माण से पहले ही बड़े पैमाने पर धांधली की गई. विभाग और विभाग के चिन्हित ठेकेदारों की मिलीभगत से फर्जी कागजात तैयार कर तालाब का निर्माण शुरू कर दिया गया. पैसे की बंदरबांट कर ली गई.

इस मामले की जानकारी जब ईटीवी भारत की टीम को हुई तो 20 दिनों तक ईटीवी भारत की टीम ने लगभग सभी प्रखंड क्षेत्रों में बने तालाबों का भौतिक निरीक्षण किया और लाभुकों और इससे जुड़े जल पंचायतों के बीच जाकर जायजा लिया. उसके बाद तालाब जीर्णोद्धार में धांधली का खुलासा हुआ. अब विभागीय आदेश के बाद जांच चल रही है लेकिन जांच के बीच विभाग की पूरी मशीनरी तालाब को उसका स्वरूप देने में जुटी हुई है.

गलतियां छुपाने की कोशिश!

कहा जा सकता है कि अपनी गलतियों को छुपाने के लिए तालाब का जीर्णोद्धार फिर से किया जा रहा है, ताकि जांच के दौरान जांच टीम से तालाब में की गई अनियमितता को छुपाया जा सके. खासकर उन इलाकों में दोबारा काम कराया जा रहा है जो सुदूरवर्ती हैं. विभाग और उससे जुड़े ठेकेदार अनियमितता को छुपाने की पूरी कोशिश में जुट गए हैं. इस मामले पर गठित जांच टीम कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन जांच टीम का दावा है कि इलाके में किए गए तालाब जीर्णोद्धार में गलती हुई है और प्रारंभिक जांच में अनियमितता के सबूत मिले हैं.

जांच के बाद होगी कार्रवाई

जांच टीम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि वे सबूत छिपाने की कोशिश भले कर लें, लेकिन जांच के बाद कार्रवाई होगी. फिलहाल इस मामले पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. वहीं भूमि संरक्षण पदाधिकारी नमन सुरीन ने कहा कि कुछ जगहों पर निर्माण अधूरा था जिसे पूरा कराया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि तालाब को गहरा करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.

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