लखनऊ : इस समय प्रदूषण का स्तर सुबह और शाम के समय सबसे अधिक होता है. पिछले कुछ दिनों में तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण दोपहर के समय होने वाले प्रदूषण से लोगों को निजात मिली है. बीते दिनों में फॉग और धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर भी काफी बढ़ा हुआ था. बहरहाल इन दिनों लखनऊ जिले का प्रदूषण स्तर 346 है, जो उच्चतम स्तर है. वहीं प्रदूषण से तमाम बीमारियों के चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में चेस्ट रोग विभाग और नेत्र रोग विभाग में सबसे अधिक भीड़ हो रही है.
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से चेस्ट और नेत्र रोग विभाग में सबसे अधिक भीड़ हुई है. आम दिनों में यहां पर 100 से 150 के बीच में मरीजों की संख्या रहती है. इन दिनों मरीजों की संख्या करीब 300 पहुंच रही है. हालांकि, ऐसे मरीज मौसम में बदलाव और प्रदूषण का स्तर कम होते ही ठीक हो जाते हैं. नेत्र रोग विभाग में आने वाले ज्यादातर मरीजों को आंखों में जलन, लालपन या फिर सूजन की शिकायत होती है. चेस्ट रोग विभाग में सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. जिन्हें पहले से ही सांस की कोई बीमारी है. उन्हें थोड़ा ऐहतियात बरतने की जरूरत है.
लखनऊ में इन क्षेत्रों का बढ़ा एक्यूआई
लखनऊ के कुछ क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर बहुत ही अधिक है. सेंट्रल कंट्रोल ऑफ़ पॉल्यूशन बोर्ड की गुरुवार शाम की रिपोर्ट के मुताबिक लालबाग का एयर क्वालिटी इंडेक्स 341, केंद्रीय विद्यालय का एक्यूआई 388, तालकटोरा का एक्यूआई 301, गोमतीनगर का एक्यूआई 231, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का एक्यूआई 286 और कुकरैल का एक्यूआई 258 रहा.
इन बातों का रखें ख्याल
- अनावश्यक सुबह और शाम घर के बाहर न निकलें.
- सुबह और शाम प्रदूषण बढ़ा रहता है. ऐसे में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए न निकलें.
- अगर आंखों में समस्या है तो ब्लैक चश्मा पहन कर ही बाहर निकलें.
- यदि सांस लेने में समस्या हो रही है तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
- अगर बाहर से घर आ रहे हैं तो सबसे पहले साफ पानी से आंखों को धुलें.