पटना: ध्वनि प्रदूषण दिन प्रतिदिन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, जो मानव जीवन को कई तरह से प्रभावित कर रहा है. शहरों में अनावश्यक को फोन बजाना ध्वनि प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. अनावश्यक हॉर्न बजाने से होने वाले शोर से मानव जीवन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है. इसी को ध्यान में देखते हुए बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष डीके शुक्ला ने परिवहन सचिव को पत्र लिखा है.
लाउडस्पीकर पर लगे रोक: पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि राजधानी में अनावश्यक हॉर्न बजाने से वायु प्रदूषण होता है. नगर निगम क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण के निवारण और नियंत्रण के लिए वाहनों में लगे प्रेशर हार्न और लाउडस्पीकर डीजे पर रोक लगाई जाए. शहरी क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने शहर में जागरूकता अभियान शुरू किया है.
जागरूकता अभियान चलाया जाए: वहीं, जागरूकता अभियान के बाद वैसे लोगों पर नकेल कसी जाएगी जो सड़क पर बिना कारण हॉर्न बजाते हैं या वाहनों में मल्टी हॉर्न का उपयोग करते हैं. उन पर कार्रवाई करने की योजना तैयार की जा रही है. इसके लिए विशेष टीम बनाकर जांच अभियान भी चलाया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग के सचिव के नेतृत्व में वाहनों में मल्टी हॉर्न और या दो पहिया वाहनों में साइलेंसर में बदलाव करने वालों पर विशेष रूप से करवाई की जाएगी.
साइलेंसर लगाने से मना किया: पत्र के माध्यम से यह भी अवगत कराया गया है कि बाइक, ऑटो या निगम क्षेत्र में चलने वाले बस में हाई प्रेशर के हॉर्न बजाए जाते हैं. ऐसे हॉर्न बजाने से आम लोगों को भी काफी परेशानी होती है. इसको देखते हुए परिवहन विभाग गाड़ी के साथ-साथ दुकानों में भी छापेमारी करेगी. जहां एजेंसी को भी साइलेंसर लगाने से मना किया जाएगा. साथ ही ऐसे मैकेनिक जो दो पहिया वाहन में साइलेंसर बदलते हैं उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
वायु प्रदूषण करना दंडनीय अपराध: केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 की धारा 120 व पर्यावरण संरक्षण नियमावली 1986 के तहत निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले प्रेशर और वह मल्टी हॉर्न का वाहनों में प्रयोग होना निषेध है. यह दंडनीय अपराध है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण को कंट्रोल बोर्ड में अनुवश्यक और बजने को लेकर के पत्र लिखा है.
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