देहरादूनः पर्यावरण प्रदूषण को लेकर वैसे तो पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अहम जिम्मेदारियां हैं. लेकिन दीपावली से पहले पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) अब लोगों को त्योहार पर कुछ खास सीख देने जा रहा है. बोर्ड की कोशिश है कि इस दीपावली पर लोग पटाखों का उपयोग छोड़कर पर्यावरण संरक्षण को तरजीह दें. इस दौरान पीसीबी इस बार थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग भी करवाने जा रहा है ताकि दीपावली के त्योहार के दौरान प्रदूषण की स्थिति पर बेहतर रूप से निगरानी रखी जा सके.
दीपावली के त्योहार को देखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड विशेष अभियान चलाने जा रहा है. इसके तहत पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाएगी. ताकि पटाखों के प्रयोग को कम करते हुए एनवायरमेंट फ्रेंडली दिवाली मनाई जा सके.
दीपावली के आसपास बढ़ जाता है AQI: दरअसल, दीपावली के दौरान प्रदेश के कई शहरों में AQI बढ़ने लगता है. राजधानी देहरादून में भी पिछले कुछ दिनों के भीतर इसमें इजाफा हुआ है. जबकि दीपावली के आसपास इसमें काफी तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण लोगों के लिए समस्याएं बढ़ जाती हैं. इन्हीं बातों को देखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में लोगों को जागरूक करने का फैसला लिया है. इसमें रात 10 बजे के बाद पटाखों का प्रयोग न करने, अस्पतालों के आसपास तेज आवाज वाले पटाखे ना जलाने की भी गुजारिश की जाएगी. इसके अलावा ऐसे पटाखों को ही तरजीह देने की सलाह दी जाएगी जो पर्यावरण को ज्यादा नुकसान ना पहुंचाएं.
13 शहरों की होगी मॉनिटरिंग: इस बार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड राज्य के करीब 13 शहरों में थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम भी शुरू कर रहा है. इसके तहत राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के 13 शहरों में थर्ड पार्टी के माध्यम से मॉनिटरिंग कराई जाएगी. ताकि पर्यावरण प्रदूषण से जुड़ी एक्यूरेट जानकारी बोर्ड को मिल सके. जबकि इसके बाद इस आधार पर आगे प्रदूषण कम करने को लेकर काम किया जा सके.
सांस के मरीजों के लिए घातक: हालांकि पिछले कुछ समय में राजधानी देहरादून समेत विभिन्न शहरों में AQI कम हुआ है जिसके कारण पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लेकर आम लोगों ने भी राहत की सांस ली है. लेकिन दीपावली नजदीक आते ही एक बार फिर इसके बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. AQI 100 से बढ़कर कई बार 300 तक भी चला जाता है जो कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. खास तौर पर सांस के मरीजों के लिए तो यह स्थिति बेहद घातक हो जाती है.
बोर्ड की विभिन्न स्तर पर तैयारी: उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते बताते हैं कि बोर्ड ने विभिन्न स्तर पर अपनी तैयारी को किया है. पर्यावरण प्रदूषण पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसके लिए अलग-अलग उपाय भी किए जा रहे हैं. ताकि इसके प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सके.
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