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Jharkhand Election 2024: बूढ़ापहाड़ में बंपर वोटिंग, तीन दशक बाद बना मतदान केंद्र, हेलीकॉप्टर से लौटे मतदानकर्मी - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION

पलामू के बूढ़ापहाड़ में इस बार बंपर वोटिंग हुई है. तीन दशक बाद यहां कोई मतदान केंद्र बना है.

voting in Budhapahar
वापस लौटे मतदानकर्मी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 14, 2024, 2:02 PM IST

पलामू: माओवादियों का गढ़ माने जाने वाले बूढ़ापहाड़ इलाके में विधानसभा चुनाव के दौरान बंपर वोटिंग हुई. बूढ़ापहाड़ इलाका डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र में है, जहां हेलीकॉप्टर से नौ मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मियों को भेजा गया था. जो मतदान कराकर वापस लौट आए हैं.

गौरतलब हो कि बूढ़ापहाड़ के हेसातु में तीन दशक बाद मतदान केंद्र बनाया गया. हेसातु में कुल 752 मतदाता हैं, जिसमें से 524 मतदाताओं ने मतदान किया है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी हेसातु में 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था, विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी मतदान हुआ है. बूढ़ापहाड़ का सबसे नजदीकी मतदान केंद्र हेसातु है. यहां तीन दशक से कोई मतदान केंद्र नहीं था.

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार (Etv Bharat)

बूढ़ापहाड़ से मतदान कराकर लौटे मतदान कर्मियों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. मतदान कर्मियों ने ईटीवी भारत को बताया कि बूढ़ापहाड़ इलाके में मतदान को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह था, ग्रामीण सुबह से ही वोट देने के लिए लाइन में खड़े थे. मतदान कर्मियों ने बताया कि अब इलाके में डर नाम की कोई चीज नहीं है. मतदान के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और सीआरपीएफ की तैनाती की गई थी.

सभी मतदान कर्मियों को बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से बूढ़ापहाड़ के इलाके में भेजा गया था. बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों का यूनिफाइड कमांड और ट्रेनिंग सेंटर भी रहा है. 2022-23 में अभियान ऑक्टोपस चलाकर बूढ़ापहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया गया है. बूढ़ापहाड़ से ही माओवादी पूरे झारखंड और बिहार में वोट बहिष्कार का फरमान जारी करते थे. लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा बूढ़ापहाड़ पर कब्जा किए जाने के बाद नक्सली गतिविधि काफी कमजोर हो गई है.

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गौरतलब हो कि बूढ़ापहाड़ के हेसातु में तीन दशक बाद मतदान केंद्र बनाया गया. हेसातु में कुल 752 मतदाता हैं, जिसमें से 524 मतदाताओं ने मतदान किया है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी हेसातु में 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था, विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी मतदान हुआ है. बूढ़ापहाड़ का सबसे नजदीकी मतदान केंद्र हेसातु है. यहां तीन दशक से कोई मतदान केंद्र नहीं था.

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार (Etv Bharat)

बूढ़ापहाड़ से मतदान कराकर लौटे मतदान कर्मियों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. मतदान कर्मियों ने ईटीवी भारत को बताया कि बूढ़ापहाड़ इलाके में मतदान को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह था, ग्रामीण सुबह से ही वोट देने के लिए लाइन में खड़े थे. मतदान कर्मियों ने बताया कि अब इलाके में डर नाम की कोई चीज नहीं है. मतदान के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और सीआरपीएफ की तैनाती की गई थी.

सभी मतदान कर्मियों को बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से बूढ़ापहाड़ के इलाके में भेजा गया था. बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों का यूनिफाइड कमांड और ट्रेनिंग सेंटर भी रहा है. 2022-23 में अभियान ऑक्टोपस चलाकर बूढ़ापहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया गया है. बूढ़ापहाड़ से ही माओवादी पूरे झारखंड और बिहार में वोट बहिष्कार का फरमान जारी करते थे. लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा बूढ़ापहाड़ पर कब्जा किए जाने के बाद नक्सली गतिविधि काफी कमजोर हो गई है.

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