ETV Bharat / state

गैरसैंण में विधानसभा का मानसून सत्र, धामी सरकार दे रही सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश, विपक्ष ने 'बाध्यता' पर घेरा - Monsoon session in Gairsain

Monsoon session in Gairsain, Monsoon session in Gairsain, uttarakhand monsoon session 21 अगस्त से उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा. उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैंण में आयोजित किया जाएगा. इसे लेकर आदेश जारी कर दिये गये हैं. आपदा के इस दौर में गैरसैंण में सत्र आयोजित करवाकर धामी सरकार सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देना चाहती है.

Etv Bharat
गैरसैंण सत्र पर तेज हुई सियासत (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 15, 2024, 5:09 PM IST

Updated : Aug 15, 2024, 6:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश के दौर के बीच धामी सरकार 21 अगस्त से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मानसून सत्र करने जा रही है. गैरसैंण में तीन दिनों तक विधानसभा का मानसून सत्र चलेगा. इस सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधायक पटल पर रखे जाएंगे. पूरा सरकारी अमला इन तीन दिनों में राजधानी देहरादून से कई सौ किलोमीटर दूर होगा. राज्य सरकार मानसून के समय पर सत्र को देहरादून में ना कर कर दो तरह के संदेश देना चाहती है. यह संदेश न केवल राज्य की जनता के लिए बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी है.

तीन दिनों का होगा मानसून सत्र: उत्तराखंड आंदोलनों से बना प्रदेश है. आंदोलनकारियों ने पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ पर बनाने की मांग की. राज्य गठन के 25 साल बाद भी उत्तराखंड को स्थाई राजधानी नहीं मिल पाई है. पूर्व की सरकार में हुए प्रयासों के बाद गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया. जिसके बाद यहां विधानसभा का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया. पूर्व में जब गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी में सत्र आहूत होना था तब कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर देहरादून में सत्र आयोजित करने की मांग की थी. तब इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. अब 21 अगस्त से गैरसैंण में मानसून सत्र शुरू होने जा रही है.

फरवरी महीने में राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 के लिए 89,230.07 करोड रुपए का बजट पेश किया. अब राज्य सरकार को अन्य विभागों के लिए और बजट की जरूरत पड़ रही है. जिसके लिए वित्त विभाग ने अनुपूरक बजट पूरी तरह से तैयार कर लिया है. 21 अगस्त होने जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर कई दिनों से असमंजस की स्थिति बनी रही. चर्चा थी कि यह सत्र भी देहरादून विधानसभा में आयोजित किया जाएगा. तमाम चर्चाओं के बीच यह फैसला लिया गया कि गैरसैंण में ही तीन दिनों का सत्र किया जाएगा.


बेहद जरुरी है पहाड़ के लिए ये सत्र: यह बात किसी से छुपी नहीं है कि उत्तराखंड इस वक्त मानसून के समय पर बड़ी समस्या से जूझ रहा है. गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही रीजन में बारिश अपना कहर बार पा रही है. अभी यह सिलसिला कई हफ्तों तक इसी तरह जारी रहेगा. गैरसैंण के आसपास के इलाके हो फिर चाहे वह चमोली हो या अल्मोड़ा सभी जगह बारिश ने कहर बरपाया है. चारधाम यात्रा पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है. हर साल मानसून के दौरान यात्रियों की संख्या कम हो जाती है. यह सत्र मानसून के हल्के पड़ने के बाद आने वाली यात्रियों की संख्या में भी इजाफा कर सकता है. यही सोचकर सरकार भी इस सत्र को गैरसैंण में करवा रही है.

गैरसैंण सत्र से संदेश देगी सरकार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा सत्र गैरसैंण में कराये जाने पर जानकारी दी. सीएम धामी ने कहा राज्य के हर हिस्से में बारिश से बहुत नुकसान हुआ है. रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा, टिहरी गढ़वाल, चमोली लगभग सभी जिलों में बारिश से नुकसान हुआ है. इसके कारण चारधाम यात्रा बाधित हुई है. सड़कें टूटी हैं. लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई है. ऐसे हालातों में पर्यटक भी उत्तराखंड आने से पहले सौ बार सोच रहे हैं. सीएम धामी ने कहा गैरसैंण में सत्र कर सरकार सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देना चाहती है.सीएम धामी ने कहा गैरसैंण में तीन दिन सत्र चलाकर सरकार संदेश देना चाहती है कि उत्तराखंड में बारिश कोई नई बात नहीं है. बारिश से हुये नुकसान का ये मतलब यह नहीं है कि यहां चारधाम यात्रा या अन्य पर्यटक स्थल सुरक्षित नहीं हैं.


ब्लॉक में रात्रि विश्राम करुंगा : सीएम धामी ने कहा जब सरकार इस तरह के सत्र या कोई कार्यक्रम करती है तो इसका बड़ा असर होता है. उन्होंने बताया तीन दिनों तक चलने वाले सत्र के दौरान लोग अलग-अलग माध्यम से उत्तराखंड को देखेंगे. उत्तराखंड की बात सुनेंगे. सीएम धामी ने कहा आपदा के समय में यह एक शानदार पहल भी होगी. हम हमेशा से यही कोशिश कर रहे हैं कि हमारे पर्यटक स्थल और धार्मिक स्थल हमेशा गुलजार रहें. सीएम धामी ने कहा वे जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर रात्रि विश्राम करेंगे. उन्होंने कहा इसके जरिये सरकार प्रदेश के इंटीरियर इलाकों तक पहुंचना चाहती है. जिससे वहां की परेशानियों से हम रुबरू हो सकें.

धामी सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष: गैरसैंण में मानसूत्र सत्र को लेकर सरकार कुछ भी कहे लेकिन नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इस मामले में हमलावर मोड में हैं. यशपाल आर्य ने कहा गैरसैंण में सत्र आयोजित करवाना सरकार की बाध्यता है. 6 महीने में सत्र आयोजित करवाना ही करवाना होता है. उन्होंने कहा सिर्फ तीन दिनों का सत्र ही क्यों आयोजित हो रहा है? उन्होंने कहा सरकार बारिश और मौसम का बहाना बना रही है. इससे पहले गैरसैंण में सत्र इससे कई अधिक दिनों के लिए आयोजित हुये हैं. यशपाल आर्य ने कहा धामी सरकार आपदा के मामले में पूरी तरह से फेल रही है. इस बात का जवाब गैरसैंण सत्र में मांगा जाएगा.

पढ़ें- गैरसैंण विधानसभा सत्र में पटल पर रखे जाएंगे ये नियमावली और विधेयक, अनुपूरक बजट भी होगा पेश - Uttarakhand Monsoon Session

पढ़ें- मॉनसून सत्र में कांग्रेस करेगी विधानसभा का घेराव, हरीश रावत करेंगे उपवास - Congress Assembly Siege

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश के दौर के बीच धामी सरकार 21 अगस्त से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मानसून सत्र करने जा रही है. गैरसैंण में तीन दिनों तक विधानसभा का मानसून सत्र चलेगा. इस सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधायक पटल पर रखे जाएंगे. पूरा सरकारी अमला इन तीन दिनों में राजधानी देहरादून से कई सौ किलोमीटर दूर होगा. राज्य सरकार मानसून के समय पर सत्र को देहरादून में ना कर कर दो तरह के संदेश देना चाहती है. यह संदेश न केवल राज्य की जनता के लिए बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी है.

तीन दिनों का होगा मानसून सत्र: उत्तराखंड आंदोलनों से बना प्रदेश है. आंदोलनकारियों ने पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ पर बनाने की मांग की. राज्य गठन के 25 साल बाद भी उत्तराखंड को स्थाई राजधानी नहीं मिल पाई है. पूर्व की सरकार में हुए प्रयासों के बाद गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया. जिसके बाद यहां विधानसभा का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया. पूर्व में जब गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी में सत्र आहूत होना था तब कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर देहरादून में सत्र आयोजित करने की मांग की थी. तब इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. अब 21 अगस्त से गैरसैंण में मानसून सत्र शुरू होने जा रही है.

फरवरी महीने में राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 के लिए 89,230.07 करोड रुपए का बजट पेश किया. अब राज्य सरकार को अन्य विभागों के लिए और बजट की जरूरत पड़ रही है. जिसके लिए वित्त विभाग ने अनुपूरक बजट पूरी तरह से तैयार कर लिया है. 21 अगस्त होने जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर कई दिनों से असमंजस की स्थिति बनी रही. चर्चा थी कि यह सत्र भी देहरादून विधानसभा में आयोजित किया जाएगा. तमाम चर्चाओं के बीच यह फैसला लिया गया कि गैरसैंण में ही तीन दिनों का सत्र किया जाएगा.


बेहद जरुरी है पहाड़ के लिए ये सत्र: यह बात किसी से छुपी नहीं है कि उत्तराखंड इस वक्त मानसून के समय पर बड़ी समस्या से जूझ रहा है. गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही रीजन में बारिश अपना कहर बार पा रही है. अभी यह सिलसिला कई हफ्तों तक इसी तरह जारी रहेगा. गैरसैंण के आसपास के इलाके हो फिर चाहे वह चमोली हो या अल्मोड़ा सभी जगह बारिश ने कहर बरपाया है. चारधाम यात्रा पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है. हर साल मानसून के दौरान यात्रियों की संख्या कम हो जाती है. यह सत्र मानसून के हल्के पड़ने के बाद आने वाली यात्रियों की संख्या में भी इजाफा कर सकता है. यही सोचकर सरकार भी इस सत्र को गैरसैंण में करवा रही है.

गैरसैंण सत्र से संदेश देगी सरकार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा सत्र गैरसैंण में कराये जाने पर जानकारी दी. सीएम धामी ने कहा राज्य के हर हिस्से में बारिश से बहुत नुकसान हुआ है. रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा, टिहरी गढ़वाल, चमोली लगभग सभी जिलों में बारिश से नुकसान हुआ है. इसके कारण चारधाम यात्रा बाधित हुई है. सड़कें टूटी हैं. लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई है. ऐसे हालातों में पर्यटक भी उत्तराखंड आने से पहले सौ बार सोच रहे हैं. सीएम धामी ने कहा गैरसैंण में सत्र कर सरकार सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देना चाहती है.सीएम धामी ने कहा गैरसैंण में तीन दिन सत्र चलाकर सरकार संदेश देना चाहती है कि उत्तराखंड में बारिश कोई नई बात नहीं है. बारिश से हुये नुकसान का ये मतलब यह नहीं है कि यहां चारधाम यात्रा या अन्य पर्यटक स्थल सुरक्षित नहीं हैं.


ब्लॉक में रात्रि विश्राम करुंगा : सीएम धामी ने कहा जब सरकार इस तरह के सत्र या कोई कार्यक्रम करती है तो इसका बड़ा असर होता है. उन्होंने बताया तीन दिनों तक चलने वाले सत्र के दौरान लोग अलग-अलग माध्यम से उत्तराखंड को देखेंगे. उत्तराखंड की बात सुनेंगे. सीएम धामी ने कहा आपदा के समय में यह एक शानदार पहल भी होगी. हम हमेशा से यही कोशिश कर रहे हैं कि हमारे पर्यटक स्थल और धार्मिक स्थल हमेशा गुलजार रहें. सीएम धामी ने कहा वे जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर रात्रि विश्राम करेंगे. उन्होंने कहा इसके जरिये सरकार प्रदेश के इंटीरियर इलाकों तक पहुंचना चाहती है. जिससे वहां की परेशानियों से हम रुबरू हो सकें.

धामी सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष: गैरसैंण में मानसूत्र सत्र को लेकर सरकार कुछ भी कहे लेकिन नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इस मामले में हमलावर मोड में हैं. यशपाल आर्य ने कहा गैरसैंण में सत्र आयोजित करवाना सरकार की बाध्यता है. 6 महीने में सत्र आयोजित करवाना ही करवाना होता है. उन्होंने कहा सिर्फ तीन दिनों का सत्र ही क्यों आयोजित हो रहा है? उन्होंने कहा सरकार बारिश और मौसम का बहाना बना रही है. इससे पहले गैरसैंण में सत्र इससे कई अधिक दिनों के लिए आयोजित हुये हैं. यशपाल आर्य ने कहा धामी सरकार आपदा के मामले में पूरी तरह से फेल रही है. इस बात का जवाब गैरसैंण सत्र में मांगा जाएगा.

पढ़ें- गैरसैंण विधानसभा सत्र में पटल पर रखे जाएंगे ये नियमावली और विधेयक, अनुपूरक बजट भी होगा पेश - Uttarakhand Monsoon Session

पढ़ें- मॉनसून सत्र में कांग्रेस करेगी विधानसभा का घेराव, हरीश रावत करेंगे उपवास - Congress Assembly Siege

Last Updated : Aug 15, 2024, 6:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.