जयपुर. भजनलाल सरकार के पहले पूर्ण बजट को लेकर बुलाई गई पहली बैठक पर राजस्थान में सियासत गरमा गई. डैमेज कंट्रोल का प्रयास करते हुए सरकार और प्रशासनिक अमले ने एक बार स्थगित की गई बैठक को दोबारा नोटिस जारी कर पूर्वनिर्धारित समय पर करवा तो लिया, लेकिन इससे पहले भजनलाल सरकार की आपसी खींचतान खुलकर सामने आ गई. दरअसल, राजस्थान में छह महीने पहले सत्ता में आई भजनलाल सरकार अपना पहला पूर्ण बजट जुलाई में पेश कर सकती है. इसे लेकर जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. हालांकि, बजट को लेकर सुझाव लेने के लिए बुलाई गई प्री-बजट मीटिंग को लेकर सियासत गरमा गई. बाद में सरकार और प्रशासनिक अमले ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की.
हुआ यूं कि बजट को लेकर सुझाव देने के लिए कर्मचारी संघों की एक बैठक 6 जून गुरुवार को दोपहर 3 बजे प्रस्तावित थी. इस बैठक के लिए पहले जो नोटिस जारी हुआ उसमें वित्त मंत्री दीया कुमारी का नाम नहीं था. मामले की नजाकत देखते हुए कांग्रेस ने तुरंत मुद्दा लपक लिया. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने वित्त मंत्री दीया कुमारी की अनुपस्थिति में प्री बजट बैठक बुलाने पर भजनलाल सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. इस बीच मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के कारण प्री बजट बैठक स्थगित करने की जानकारी दी गई. हालांकि, जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार और प्रशासनिक अमले ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की और पूर्वनिर्धारित समय (दोपहर 3 बजे) पर बैठक होने का नया फरमान जारी किया गया.
वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़ी दीया : खास बात यह रही कि इस नए नोटिस में इस बात का साफ तौर पर जिक्र किया गया कि दीया कुमारी जयपुर से बाहर हैं और उनके कार्यालय से कहा गया कि उनके वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बैठक से जुड़ने की व्यवस्था की जाए. बहरहाल, लोकसभा चुनाव के नतीजों में 11 सीट गंवाने के बाद खुलकर सामने आई आपसी खींचतान पर पर्दा डालने के लिए सरकार और प्रशासनिक अमले ने तमाम प्रयास किए और आनन-फानन में बैठक करवा ली, लेकिन जिस तरह इस मामले ने तूल पकड़ा है. उससे साफ है कि इसकी गूंज सियासी गलियारों में लंबे समय तक सुनाई दे सकती है.