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विवादित होर्डिंग्स ने बढ़ाया झारखंड का सियासी तापमान, भाजपा और झामुमो-कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू

रांची के चौक पर लगे विवादित होर्डिंग्स को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ गया है. भाजपा और इंडिया ब्लॉक आमने-सामने आ गए हैं.

hoardings in Ranchi
भाजपा, झामुमो और कांग्रेस नेता (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 10 hours ago

रांची: झारखंड की राजधानी रांची का मौसमी तापमान भले ही गिर रहा हो और लोगों को ठंड का एहसास हो रहा हो, लेकिन सियासी पारा चढ़ा हुआ है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इंडिआ ब्लॉक की प्रचंड जीत और हेमंत सोरेन के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद जेएमएम नेता और कार्यकर्ता राजधानी में हर दिन बड़ी संख्या में पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स लगा रहे हैं. इन्हीं में से एक विवादित होर्डिंग्स ने रांची के सियासी तापमान को गरमा दिया है.

भारतीय जनता पार्टी जहां इसे जेएमएम नेताओं और कार्यकर्ताओं की रात के अंधेरे में की गई ओछी हरकत बता रही है, वहीं सत्ताधारी जेएमएम-कांग्रेस के नेता इसे जनभावना और जनआकांक्षा का प्रकटीकरण बता रहे हैं. रांची के हरमू, सहजानंद चौक और आसपास के इलाकों में बिना किसी नेता या कार्यकर्ता के नाम के गुमनाम विवादित होर्डिंग्स लगाए गए हैं. इन पोस्टरों/होर्डिंग्स को किसने बनाया और लगाया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन होर्डिंग्स के विरोध और समर्थन में भाजपा और झामुमो-कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

विवादित होर्डिंग्स ने बढ़ाया झारखंड का सियासी तापमान (Etv Bharat)

रांची के वीआईपी रोड के चौराहों पर विवादित होर्डिंग्स लगाए जाने से नाराज भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि अगर दम है तो दिनदहाड़े ऐसे होर्डिंग्स या पोस्टर लगाओ. रात के अंधेरे में चोर अपना काम करते हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिन लोगों ने ये होर्डिंग्स लगाए हैं, उनमें कश्मीर का भी जिक्र करना चाहिए था, क्योंकि वहां से भी एक नेता झारखंड में चुनाव के लिए आया था.

भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा का कोई भी नेता फरार नहीं है. हमारी पार्टी में जो भी नेता को जिम्मेदारी मिलती है, उसे पूरी निष्ठा से निभाया जाता है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में जिन नेताओं को यहां चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है, वे फरार नहीं हैं.

इस बीच, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि ये होर्डिंग्स झामुमो कार्यकर्ताओं और जनता की भावनाओं के अनुरूप हैं. मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा नेता क्या कहते हैं, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है. जिस तरह से चुनाव के दौरान आदिवासी के बेटे, माटी और आंदोलनकारी के बेटे हेमंत सोरेन को हराने के लिए देशभर से भाजपा नेता हेलीकॉप्टर से झारखंड पहुंचे और भाजपा के स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि ऐसे में भाजपा नेताओं की अभद्र बातों, नफरत की राजनीति को परास्त कर शेरदिल सोरेन वापस लौटे हैं, ऐसी स्थिति में यह स्वाभाविक है. मनोज पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन लड़ना भी जानते हैं और जीतना भी जानते हैं. उनके खिलाफ बेबुनियाद बातें करने वाले आज फरार हो गए हैं, यह सच्चाई है.

विवादित होर्डिंग्स को लेकर राज्य में गरमाई राजनीति पर कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि भाजपा नेताओं को इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं होना चाहिए, क्योंकि स्वाभाविक रूप से जनता ने हेमंत सोरेन पर विश्वास जताया है और उन्हें फिर से बनाए रखा है. विधानसभा चुनाव के दौरान समाज में नफरत फैलाने वालों की हार हुई है. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि जो लोग समाज में नफरत फैला रहे थे और कह रहे थे कि बंटोगे तो कटोगे, वे असामी, गुजराती और भोपाली ही थे.

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रांची: झारखंड की राजधानी रांची का मौसमी तापमान भले ही गिर रहा हो और लोगों को ठंड का एहसास हो रहा हो, लेकिन सियासी पारा चढ़ा हुआ है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इंडिआ ब्लॉक की प्रचंड जीत और हेमंत सोरेन के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद जेएमएम नेता और कार्यकर्ता राजधानी में हर दिन बड़ी संख्या में पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स लगा रहे हैं. इन्हीं में से एक विवादित होर्डिंग्स ने रांची के सियासी तापमान को गरमा दिया है.

भारतीय जनता पार्टी जहां इसे जेएमएम नेताओं और कार्यकर्ताओं की रात के अंधेरे में की गई ओछी हरकत बता रही है, वहीं सत्ताधारी जेएमएम-कांग्रेस के नेता इसे जनभावना और जनआकांक्षा का प्रकटीकरण बता रहे हैं. रांची के हरमू, सहजानंद चौक और आसपास के इलाकों में बिना किसी नेता या कार्यकर्ता के नाम के गुमनाम विवादित होर्डिंग्स लगाए गए हैं. इन पोस्टरों/होर्डिंग्स को किसने बनाया और लगाया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन होर्डिंग्स के विरोध और समर्थन में भाजपा और झामुमो-कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

विवादित होर्डिंग्स ने बढ़ाया झारखंड का सियासी तापमान (Etv Bharat)

रांची के वीआईपी रोड के चौराहों पर विवादित होर्डिंग्स लगाए जाने से नाराज भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि अगर दम है तो दिनदहाड़े ऐसे होर्डिंग्स या पोस्टर लगाओ. रात के अंधेरे में चोर अपना काम करते हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिन लोगों ने ये होर्डिंग्स लगाए हैं, उनमें कश्मीर का भी जिक्र करना चाहिए था, क्योंकि वहां से भी एक नेता झारखंड में चुनाव के लिए आया था.

भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा का कोई भी नेता फरार नहीं है. हमारी पार्टी में जो भी नेता को जिम्मेदारी मिलती है, उसे पूरी निष्ठा से निभाया जाता है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में जिन नेताओं को यहां चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है, वे फरार नहीं हैं.

इस बीच, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि ये होर्डिंग्स झामुमो कार्यकर्ताओं और जनता की भावनाओं के अनुरूप हैं. मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा नेता क्या कहते हैं, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है. जिस तरह से चुनाव के दौरान आदिवासी के बेटे, माटी और आंदोलनकारी के बेटे हेमंत सोरेन को हराने के लिए देशभर से भाजपा नेता हेलीकॉप्टर से झारखंड पहुंचे और भाजपा के स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि ऐसे में भाजपा नेताओं की अभद्र बातों, नफरत की राजनीति को परास्त कर शेरदिल सोरेन वापस लौटे हैं, ऐसी स्थिति में यह स्वाभाविक है. मनोज पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन लड़ना भी जानते हैं और जीतना भी जानते हैं. उनके खिलाफ बेबुनियाद बातें करने वाले आज फरार हो गए हैं, यह सच्चाई है.

विवादित होर्डिंग्स को लेकर राज्य में गरमाई राजनीति पर कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि भाजपा नेताओं को इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं होना चाहिए, क्योंकि स्वाभाविक रूप से जनता ने हेमंत सोरेन पर विश्वास जताया है और उन्हें फिर से बनाए रखा है. विधानसभा चुनाव के दौरान समाज में नफरत फैलाने वालों की हार हुई है. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि जो लोग समाज में नफरत फैला रहे थे और कह रहे थे कि बंटोगे तो कटोगे, वे असामी, गुजराती और भोपाली ही थे.

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