पटनाः क्या महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटे से रहे मंत्री पैसे की उगाही कर रहे थे? ये बड़ा सवाल बिहार की सियासत में इसलिए उठने लगा है कि मंत्रिमंडल सचिवालय की तरफ से आरजेडी कोटे वाले कई मंत्रियों के मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा के आदेश जारी कर दिए गये हैं. आरजेडी ने जांच के इस आदेश को नीतीश सरकार की घबराहट करार दिया है तो कांग्रेस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
नीतीश कुमार ने लगाए थे आरोपः तेजस्वी यादव सहित आरजेडी कोटे के कई मंत्रियों के विभागों के कामकाज की जांच के कयास तभी से लगाए जा रहे थे जब 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने आरजेडी के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और कहा था कि नयी सरकार इसकी जांच कराएगी. सीएम ने कहा था, 'मैंने उन्हें सम्मान दिया, लेकिन वे भ्रष्टाचार में लिप्त रहे. आरजेडी नेताओं के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी.'
बीजेपी ने भी कही थी जांच की बातः विधानसभा में नीतीश कुमार के जांच वाली बात को आगे बढ़ाते हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी इस बात का ऐलान किया था कि आरजेडी कोटे से रहे मंत्रियों के विभागों के कामकाज की जांच करवाई जाएगी. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार जल्द ही कोई बड़ा फैसला लेंगे. आखिरकार मंत्रिमंडल सचिवालय की तरफ से कई मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा के आदेश जारी कर दिए गये.
तेजस्वी के साथ-साथ मुश्किल में कई RJD नेता : जांच की आंच डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव के साथ-साथ आरजेडी के दूसरे नेताओं तक भी पहुंचने वाली है. मंत्रिमंडल सचिवालय ने जिन आरजेडी कोटे के विभागों की जांच के आदेश दिए हैं वे इस प्रकार हैं. जिन विभागों की समीक्षा होगी, उसमें तेजस्वी यादव के पथ निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, नगर विकास व आवास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग, ललित यादव के स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) और रामानांद यादव के खान भू-तत्व विभाग शामिल हैं.
जांच के आदेश पर चढ़ा सियासी पाराः नीतीश सरकार के इस आदेश के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. आरजेडी ने जांच के इस फैसले को नीतीश सरकार की घबराहट बताया है. राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा का कहना है कि तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता से नीतीश कुमार घबरा गये हैं.
''जो अस्पताल बेहतर हो गए उन अस्पतालों को फिर बदत्तर हालत में ले जाएंगे. फ्लाइओवर की नीचे की जमीन बेकार पड़ी थी, वहां बच्चे अब खेल सकते है, उसे खत्म कर देंगे. जो मानदेय बढ़ा, आशा, रसोईया, ममता उसे खत्म कर देंगे, ये जांच नहीं आपकी (नीतीश कुमार) घबराहट है. क्योंकि बिहार में एक मैसेज चला गया है, जिसे मैं बार-बार कहता हूं, नौकरी बोलिए, बच्चा-युवा जवाब देता है तेजस्वी, अस्पताल बोलिए तेजस्वी, मानदेय बढ़ना तेजस्वी, टूरिज्म पॉलिसी तेजस्वी. तो यह जाहिर तौर पर इससे उन्हें (नीतीश कुमार) दिक्कत हो रही है. ये हथकंडे अपनाए जाएंगे.''- मनोज झा, सांसद, आरजेडी
कांग्रेस ने भी उठाए सवालः आरजेडी कोटे के मंत्रियों के विभागों की जांच का आदेश कांग्रेस को भी रास नहीं आया है. कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. हालांकि कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि, 'जांच करा लीजिए, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा.'
बिहार में सियासी घमासान मचना तय : विधानसभा में विश्वासमत के दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को थका मुख्यमंत्री बताया था. उन्होंने कहा था कि पिछले 17 महीनों में इतने काम हुए जो बिहार के इतिहास में पहले कभी नहीं हुए. लेकिन विकास के दावे करनेवाले तेजस्वी अब खुद जांच के दायरे में आ गये हैं. राज्य की ताजा राजनीतिक परिस्थितियों के बीच सरकार के इस नये आदेश से बड़ा सियासी घमासान मचनेवाला है.
ये भी पढ़ें :-
'अब कौन ले रहा क्रेडिट' राजद कोटे के मंत्रियों के कार्यकाल की समीक्षा के आदेश पर भड़की आरजेडी
'उनके चक्कर में मत आइये', लालू के 'दरवाजा खुले' होने वाले बयान पर CM नीतीश का जवाब
तेजस्वी यादव और RJD कोटे के मंत्रियों के कामकाज की होगी समीक्षा, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला