रांची: झारखंड की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के साथ ही नगर निगम चुनाव कराने के पक्ष में हैं. झामुमो, राजद, कांग्रेस, भाजपा सभी पार्टियों के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार को नगर निकाय में ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए समय चाहिए तो उसे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करना चाहिए.
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने फोन पर बताया कि नगर निगम चुनाव में ओबीसी को आरक्षण का लाभ मिले, इसके लिए सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया है, जिसकी तीन-चार बैठकें हो चुकी हैं. लोकसभा चुनाव के बाद ओबीसी को आरक्षण देने के साथ ही नगर निगम चुनाव हो, यही पार्टी का स्टैंड है.
राजद के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि पूर्व में झारखंड उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को डबल बेंच ने बरकरार रखा है, ऐसे में सरकार को ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए. अगर जरूरी हो तो सुप्रीम कोर्ट जाएं.
भाजपा और कांग्रेस भी राज्य में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने के पक्ष में हैं. पूर्व नगर विकास मंत्री और बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि राज्य में नगर निगम चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक साल से ज्यादा हो गया है, ऐसे में अगर जल्द चुनाव नहीं हुए तो शहरी विकास की समस्याएं प्रभावित होंगी. यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि राज्य को केंद्र से मिलने वाली राशि से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनल शांति ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि राज्य में जल्द से जल्द नगर निगम चुनाव होने चाहिए, लेकिन ओबीसी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. हाल ही में नगर निगम चुनाव कराने को लेकर दिए गए आदेश के बाद पार्टी का मानना है कि अगर जरूरी हो तो सरकार को ओबीसी को आरक्षण देने के साथ-साथ नगर निगम चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाना चाहिए.
हाईकोर्ट की डबल बेंच का आदेश
झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जनवरी 2024 में तीन सप्ताह में नगर निगम चुनाव की घोषणा करने का आदेश दिया था, जिसे रोकने के लिए सरकार डबल बेंच में गयी थी. हाल ही में हाई कोर्ट ने इसी मामले में पहले के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
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