शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं. सरकार सभी लंबित मामलों को एक ही बार में निपटाने के लिए तत्परता से काम कर रही है. शिमला में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में नीति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए आवेदकों का विभाग, आयु और शैक्षणिक योग्यता अनुसार डाटा संकलित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 10 जनवरी, 2025 को आयोजित होने वाली आगामी बैठक में अपेक्षित डाटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
विधवाओं और अनाथों को प्राथमिकता
सीएम सुक्खू ने कहा राज्य सरकार सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपना रही है. राज्य सरकार अधिक से अधिक आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखेगी.
आज शिमला में उच्च स्तरीय बैठक में नीति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए आवेदकों का विभाग, आयु तथा शैक्षणिक योग्यता के अनुसार डेटा संकलित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) December 24, 2024
करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए वृहद नीति तैयार करने के भी निर्देश दिए।… pic.twitter.com/RZQB6QrAIb
राज्य सरकार करुणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने में विधवाओं और अनाथों को वरीयता देकर आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुकंपा नियुक्तियों के मामलों के गहन अध्ययन के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है.
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा इस उप-समिति के सदस्य हैं. इस बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव डॉ. अभिषेक जैन व राकेश कंवर, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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