नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लगातार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अपराधियों पर नकेल कसने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा त्रिनेत्र 2.0 ऐप लॉन्च किया गया था. फिलहाल गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस द्वारा त्रिनेत्र 2.0 ऐप पर अपराधियों के डाटा फीडिंग का काम चल रहा है. इस ऐप के माध्यम से पुलिस को अपराधी के संपूर्ण बैकग्राउंड की जानकारी विस्तार से मिल सकेगी. साथ ही अपराधियों पर तेजी के साथ कार्रवाई होने के साथ पुलिस के समय की बचत भी होगी.
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे नए अपराधियों की जानकारी भी त्रिनेत्र 2.0 ऐप में फीड की जा रही है. ऐप पर क्राइम हिस्ट्री, एफआईआर डिटेल, इंटेरोगेशन रिपोर्ट, ऑडियो फोटोग्राफ, जेल इन आउट डिटेल, रिवॉर्ड समेत विभिन्न जानकारी फीड की जा रही है. त्रिनेत्र 2.0 ऐप के माध्यम से पुलिस को प्रत्येक अपराधी और उससे संबंधित अपराधियों की जानकारी एक क्लिक में हासिल हो सकेगी.
"त्रिनेत्र पर करीब 19 हजार अपराधियों का डाटा फीड किया जा चुका है. अन्य अपराधियों का डेटा फीड करने का काम जारी है. त्रिनेत्र के माध्यम से अपराधियों के डेटा को डिजिटलाइज्ड किया गया है. पुलिस विभाग में अधिकारियों का समय-समय पर ट्रांसफर होता रहता है. त्रिनेत्र के माध्यम से तैनाती के बाद अधिकारी और कर्मचारी क्षेत्र के अपराधी, अपराधिक इतिहास आदि एक क्लिक में उपलब्ध हो जाता है." - दिनेश कुमार पी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
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इस ऐप और वेब डैशबोर्ड के माध्यम से फेशिअल रिकॉग्निशन की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे संदिग्ध को उसके फोटो के जरिए सर्च किया जा सकेगा. उदाहरण के लिए, किसी बड़े समारोह, बाजार में किसी संदिग्ध को तलाश करना हो तो वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उन्हें ढूंढ़ लिया जाएगा. इसके अलावा त्रिनेत्र 2.0 में ऑडियो बेस्ड सर्च की सुविधा होगी, जिससे अपराधी को उसकी आवाज के माध्यम से भी पहचाना जा सकेगा.
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