नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर 104 स्थित मून लाइट होटल में आग लगने से हुए हादसे की जांच सेक्टर-39 पुलिस ने शुरू कर दी है. पुलिस ने लीज संबंधी दस्तावेज तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराने के लिए कहा है. साथ ही इमारत के मालिक और इसे लीज पर लेने वाले होटल के संचालक को भी पुलिस ने बयान के लिए बुलाया है. दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी. फिलहाल किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
अग्निकांड में अभी तक की जांच में सामने आया है कि होटल की एनओसी नहीं थी. इमारत बिहार के विमलेश झा की है, जिसे शामली के आकाश वर्मा ने चार लाख 80 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर लिया था. तकनीकी तौर पर अग्निकांड की जांच फायर डिपार्टमेंट करेगा. यह रिपोर्ट भी थाना पुलिस के पास आएगी. शनिवार की देर शाम आग लगने से होटल के छठें फ्लोर स्थित कमरे में फिजियोथेरेपिस्ट युवती पलक व उसका इंजीनियर मंगेतर तरुण फंस गया था. फेफड़ों में धुंआ भरने से युवती की मौत हो गई है. वहीं प्राथमिक उपचार के बाद युवक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
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युवती के भाई ने होटल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराई है. पलक और तरुण ने खुद जाकर कमरे की बुकिंग कराई थी. दोनों को बेहोशी की हालत में कमरे से बाहर निकाला गया था. रविवार शाम को पलक का अंतिम संस्कार कर दिया गया. फायर एनओसी के बगैर नक्शा पास करवाए बनी 6 मंजिला बिल्डिंग में चल रहे होटल में यह बड़ा हादसा हुआ है. हादसे के दो दिन बाद भी नोएडा अथॉरिटी या फायर डिपार्टमेंट ने होटल बिल्डिंग को जांच के लिए भी सील नहीं किया है.
वहीं दूसरी तरफ जांच के लिए भी कोई मौके पर नहीं गया है. होटल में लगी लिफ्ट, फायर एग्जिट की भी जांच नहीं की गई है. यहीं नहीं सीसीटीवी की डीवीआर भी कब्जे में नहीं ली गई है. पुलिस और अग्निशमन विभाग का दावा है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है, पर नतीजा अभी तक सिफर है. किसी पर भी कार्रवाई नहीं हुई है.
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