पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. हालांकि मद्य निषेध विभाग और पुलिस-प्रशासन की सख्ती के कारण आए दिन तस्कर पकड़े भी जाते हैं. इसी क्रम में धनरुआ इलाके में पुलिस ने देसी शराब बनाने वाली भट्ठी पर धावा बोला और भारी मात्रा में देसी शराब जब्त की है. हालांकि इस दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई.
भारी मात्रा में देसी शराब बरामद: सोमवार सुबह ड्रोन कैमरे के सहारे पुलिस ने धनरूआ थाना क्षेत्र के सांडा पंचायत में नदी के किनारे पर चला रही बड़ी शराब भट्ठी को ध्वस्त कर दिया है. जहां पर तकरीबन 2000 किलो से अधिक जावा महुआ के साथ ढाई सौ लीटर शराब को जब्त किया गया है. हालांकि पुलिस की छापेमारी की भनक लगते ही शराब माफिया और शराब बनाने वाले लोग मौके से फरार हो गए.
शराब भट्ठी नदी किनारे ही क्यों?: दरअसल नदी के किनार पर देसी शराब बनाने वालों शराब माफिया को काफी सहूलियत होती है. ऐसा माना जाता है कि नदी के किनारे पर छिपाने और महुआ सड़ाने में काफी सहूलियत होती है. जिसको लेकर आहर-पाइन, नदी और खेत-खलिहान को सभी शराब माफिया सेफ स्थल बनाए हुए हैं. इन्हीं जगहों पर बड़ी-बड़ी शराब की मिनी फैक्ट्री जैसा बनाकर शराब चुलाई कर रहे हैं.
क्या बोले अधिकारी?: एक्साइज सुपरिंटेंडेंट संजय कुमार चौधरी ने बताया कि लगातार ऑपरेशन देसी शराब चलाकर जगह-जगह पर देसी शराब की भट्ठियां तोड़ी जा रही है. अब तक 3000 से अधिक शराब पीने वाले और तकरीबन 1500 शराब बनाने वाले धंधेबाजों की गिरफ्तारी की गई है. इसके अलावा 25 ऐसे धंधेबाज हैं, जो दोबारा जेल भेजा जा रहे हैं. आज भी शराब की मिनी फैक्ट्री चलने की सूचना मिली था. जिसके आधार पर छापेमारी की गई.
"सूचना मिली थी कि संडा पंचायत में नदी के किनारे सेफ जोन बनाकर शराब की मिनी फैक्ट्री चलाई जा रही है. सूचना को सत्यापन करते हुए चारों तरफ से घेरकर छापेमारी की गई है. जहां पर भारी मात्रा में जावा महुआ और शराब जब्त की गई. हालांकि भनक लगते ही शराब बनाने वाले धंधेबाज भाग निकले हैं. गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी रहेगी."- संजय कुमार चौधरी, आबकारी अधीक्षक
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