मोतिहारीः सुनो..सुनो..सुनो..15 दिनों के अदर संजीत सिंह सरेंडर नहीं करता है तो घर पर बुलडोजर चला दिया जाएगा. बिहार के मोतिहारी में हत्या मामले में पुलिस मुख्य आरोपी के घर बैंड बाजा लेकर पहुंच गयी. गुरुवार को पुलिस जैसे ही आरोपी के घर पहुंची देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गयी. पुलिस के मुताबिक हत्या मामले में आरोपी फरार चल रहा है. लंबे समय से फरार चलने के कारण कोर्ट ने इश्तेहार निकाला है.
15 दिनों में सरेंडर करने का आदेशः गुरुवार को पुलिस आरोपी के घर कोर्ट का ऑर्डर लगाने के लिए पहुंचा था. पुलिस ने इश्तेहार चिपकाते हुए कहा कि आरोपी 15 दिनों के अंदर खुद को सरेंडर करें नहीं तो घर की कुर्की की जाएगी. घर का सारा दरवाजा और खिड़की निकाल कर बुलडोजर चला दिया जाएगा.
2023 में हुई थी हत्याः मामला जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के शम्भुचक पंचायत स्थित मठगोवर्धन गांव का है. फरवरी 2023 में नागेंद्र दास के इकलौते पुत्र अंकित कुमार की आपसी विवाद में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मृतक की मां सुशीला देवी ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में संजीत सिंह समेत पांच नामजद और पांच अज्ञात को आरोपी बनाया था.
तीन आरोपी की हो चुकी है गिरफ्तारीः इस मामले में पुलिस ने पूर्व में तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. घटना का मुख्य अभियुक्त संजीत सिंह फरार चल रहा है. इसकी गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट से वारंट निकला गया. लेकिन संजीत सिंह के फरार होने के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी. अब कोर्ट ने संजीत सिंह के खिलाफ इश्तेहार निकाला है. पंद्रह दिनों के अंदर संजीत सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं होगा तो पुलिस उसके घर की कुर्की जब्ती करेगी.
"थाना कांड संख्या 68/23 के फरार अभियुक्त संजीत सिंह के घर पर इश्तेहार चिपकाया गया है. अगर 15 दिनों के अंदर न्यायालय अथवा थाना में सरेंडर नहीं करता है तो संजीत सिंह के घर की कुर्की जब्ती की जाएगी. खिड़की-किवाड़ निकाल कर बुलडोजर चलवा दिया जाएगा." -जितेन्द्र कुमार, कल्याणपुर थानाध्यक्ष
इश्तेहार क्या होता है? अरअसल, इश्तेहार कोर्ट के द्वारा किया गया एक शब्द है. इसे आम भाषा में सूचना या नोटिस कह सकते हैं. कोर्ट इसका इस्तेमाल आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति के लिए करता है. हत्या, डकैती, लूटपाट और बलात्कार जैसे संगीन मामले का कोई आरोपी लंबे समय से फरार हो तो उसको सरेंडर करने के लिए कोर्ट की ओर से इश्तेहार जारी किया जाता है. अगर समय से हाजिर नहीं होता है तो उसके घर की कुर्की जब्ती कर दी जाएगी.
कुर्की जब्ती क्या है? कुर्की जब्ती का अर्थ है कि संपत्ति को सरकारी कब्जे में लेना. यह कोर्ट के आदेश पर होता है. अगर कोई अपराधी कोर्ट के आदेश के बावजूद खुद को सरेंडर नहीं करता है तो उसके घर सहित अन्य संपत्ति को सरकारी कब्जे में ले लिया जाता है. घर की खिड़की, किवाड़ आदि निकाल लिया जाता है. कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 82 से 86 तक इसका प्रावधान है.