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संवेदनशील सीट CAPF-RAC जवानों के हवाले, भयमुक्त मतदान के लिए यह है पुलिस का प्लान

सात सीटों पर सीएपीएफ, आरएसी और पुलिस के 15 हजार जवान रहेंगे तैनात. जरूरत के हिसाब से अतिरिक्त जाब्ता भी रखा गया है रिजर्व.

Rajasthan Law and Order
पुलिस का प्लान (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 12, 2024, 6:38 PM IST

जयपुर: राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इन सीटों पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान करवाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है. खींवसर (नागौर) और दौसा सीट को अतिसंवेदनशील माना जा रहा है. ऐसे में इन सीटों के लगभग सभी मतदान केंद्रों पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और आरएसी के जवान पुलिस बल के साथ तैनात किए जाएंगे. इसके साथ ही भयग्रस्त मतदाताओं और भय पैदा करने वाले तत्वों को भी पुलिस ने चिह्नित किया है.

प्रदेश में 700 से ज्यादा बूथ संवेदनशील : सात सीटों पर करीब 700 से ज्यादा मतदान केंद्रों को संवेदनशील माना जा रहा है. खींवसर में जहां ज्यादातर मतदान केंद्रों को संवेदनशील माना जा रहा है. वहीं, दौसा और रामगढ़ में भी संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या ज्यादा है. इस लिहाज से सात सीटों पर उपचुनाव के बीच चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए पुलिस जाब्ते के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों की 43 कंपनियां और आरएसी की 17 बटालियन भी तैनात की गई है.

विशाल बंसल, एडीजी (ETV Bharat Jaipur)

संवेदनशील बूथों के साथ भयग्रस्त मतदाता चिह्नित : खींवसर में 200 से ज्यादा मतदान केंद्र को संवेदनशील माना गया है, जबकि भयग्रस्त मतदाताओं की संख्या का खुलासा साफतौर पर नहीं किया गया है. जबकि सलूंबर में 49 बूथ संवेदनशील, दस बूथ अतिसंवेदनशील और 49 भयग्रस्त मतदाता हैं. देवली-उनियारा में दस संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. रामगढ़ में संवेदनशील मतदान केंद्र की संख्या 154 है, जबकि भयग्रस्त मतदाता 27 है. दौसा में संवेदनशील मतदान केंद्र 192, भयग्रस्त मतदान केंद्र 76 और भयग्रस्त मतदाता 840 हैं, जबकि झुंझुनूं में संवेदनशील मतदान केंद्र 49 और चौरासी में भयग्रस्त मतदान केंद्र 103 है.

पुलिस के साथ सीएपीएफ-आरएसी के जवान : एडीजी (कानून-व्यवस्था) विशाल बंसल ने बताया कि सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर पुलिस की ओर से माकूल इंतजाम किए गए हैं. उपचुनाव वाली जगहों पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) आरएसी, जिलों की फोर्स और रेंज की फोर्स भी तैनात की जाएगी. रेंज के अधिकारियों के साथ ही दूसरी जगहों के अधिकारियों को भी आवश्यकता के अनुसार डिप्लॉय किया गया है. कुल मिलाकर 15 हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.

पढ़ें : चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा ने झोंकी ताकत, सीएम-अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा, लेकिन वसुंधरा की दूरी

ज्यादातर केंद्रों पर हथियारबंद जवान : उन्होंने बताया कि ज्यादातर मतदान केंद्र पर आरएसी या सीएपीएफ के हथियारबंद जवान तैनात रहेंगे. संवेदनशील सीटों पर सभी मतदान केंद्रों पर सीएपीएफ या आरएसी के जवान मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि जयपुर में भी अधिकारी रेगुलर फीडबैक लेंगे. वेबकेम और संचार तंत्र के जरिए स्थानीय अधिकारियों से समन्वय कर लगातार मॉनिटरिंग करते रहेंगे. आरएसी की कंपनियों के रूप में अतिरिक्त जाब्ता भी स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर डेप्यूट किया हुआ है, ताकि आकस्मिक परिस्थिति में जरूरत पड़ने पर हालात काबू में किए जा सकें.

भय फैलाने वालों पर कानून सम्मत कार्रवाई : उन्होंने बताया कि जिन सीटों को संवेदनशील माना गया है. उन पर पूरा सीएपीएफ या आरएसी कवरेज दिया गया है. उसी के अनुसार, पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि वल्नरेबल (भयग्रस्त) लोगों को भी चिह्नित किया गया है, यदि कोई इलाका ऐसा है. जहां कोई व्यक्ति मतदान में अवरोध पैदा कर रहा है तो उस एरिया और लोगों को चिह्नित किया गया है. भयग्रस्त लोगों के साथ ही भय पैदा करने वाले लोगों को भी चिह्नित कर कानून सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की गई है.

जयपुर: राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इन सीटों पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान करवाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है. खींवसर (नागौर) और दौसा सीट को अतिसंवेदनशील माना जा रहा है. ऐसे में इन सीटों के लगभग सभी मतदान केंद्रों पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और आरएसी के जवान पुलिस बल के साथ तैनात किए जाएंगे. इसके साथ ही भयग्रस्त मतदाताओं और भय पैदा करने वाले तत्वों को भी पुलिस ने चिह्नित किया है.

प्रदेश में 700 से ज्यादा बूथ संवेदनशील : सात सीटों पर करीब 700 से ज्यादा मतदान केंद्रों को संवेदनशील माना जा रहा है. खींवसर में जहां ज्यादातर मतदान केंद्रों को संवेदनशील माना जा रहा है. वहीं, दौसा और रामगढ़ में भी संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या ज्यादा है. इस लिहाज से सात सीटों पर उपचुनाव के बीच चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए पुलिस जाब्ते के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों की 43 कंपनियां और आरएसी की 17 बटालियन भी तैनात की गई है.

विशाल बंसल, एडीजी (ETV Bharat Jaipur)

संवेदनशील बूथों के साथ भयग्रस्त मतदाता चिह्नित : खींवसर में 200 से ज्यादा मतदान केंद्र को संवेदनशील माना गया है, जबकि भयग्रस्त मतदाताओं की संख्या का खुलासा साफतौर पर नहीं किया गया है. जबकि सलूंबर में 49 बूथ संवेदनशील, दस बूथ अतिसंवेदनशील और 49 भयग्रस्त मतदाता हैं. देवली-उनियारा में दस संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. रामगढ़ में संवेदनशील मतदान केंद्र की संख्या 154 है, जबकि भयग्रस्त मतदाता 27 है. दौसा में संवेदनशील मतदान केंद्र 192, भयग्रस्त मतदान केंद्र 76 और भयग्रस्त मतदाता 840 हैं, जबकि झुंझुनूं में संवेदनशील मतदान केंद्र 49 और चौरासी में भयग्रस्त मतदान केंद्र 103 है.

पुलिस के साथ सीएपीएफ-आरएसी के जवान : एडीजी (कानून-व्यवस्था) विशाल बंसल ने बताया कि सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर पुलिस की ओर से माकूल इंतजाम किए गए हैं. उपचुनाव वाली जगहों पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) आरएसी, जिलों की फोर्स और रेंज की फोर्स भी तैनात की जाएगी. रेंज के अधिकारियों के साथ ही दूसरी जगहों के अधिकारियों को भी आवश्यकता के अनुसार डिप्लॉय किया गया है. कुल मिलाकर 15 हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.

पढ़ें : चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा ने झोंकी ताकत, सीएम-अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा, लेकिन वसुंधरा की दूरी

ज्यादातर केंद्रों पर हथियारबंद जवान : उन्होंने बताया कि ज्यादातर मतदान केंद्र पर आरएसी या सीएपीएफ के हथियारबंद जवान तैनात रहेंगे. संवेदनशील सीटों पर सभी मतदान केंद्रों पर सीएपीएफ या आरएसी के जवान मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि जयपुर में भी अधिकारी रेगुलर फीडबैक लेंगे. वेबकेम और संचार तंत्र के जरिए स्थानीय अधिकारियों से समन्वय कर लगातार मॉनिटरिंग करते रहेंगे. आरएसी की कंपनियों के रूप में अतिरिक्त जाब्ता भी स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर डेप्यूट किया हुआ है, ताकि आकस्मिक परिस्थिति में जरूरत पड़ने पर हालात काबू में किए जा सकें.

भय फैलाने वालों पर कानून सम्मत कार्रवाई : उन्होंने बताया कि जिन सीटों को संवेदनशील माना गया है. उन पर पूरा सीएपीएफ या आरएसी कवरेज दिया गया है. उसी के अनुसार, पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि वल्नरेबल (भयग्रस्त) लोगों को भी चिह्नित किया गया है, यदि कोई इलाका ऐसा है. जहां कोई व्यक्ति मतदान में अवरोध पैदा कर रहा है तो उस एरिया और लोगों को चिह्नित किया गया है. भयग्रस्त लोगों के साथ ही भय पैदा करने वाले लोगों को भी चिह्नित कर कानून सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की गई है.

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