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एक जुलाई 2024 से देश में लागू होंगे तीन नए आपराधिक कानून, दुमका में पुलिस पदाधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग - Three New Criminal Laws

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 29, 2024, 9:47 PM IST

Police officers training in Dumka.भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में बदलाव किया गया है. इसके तहत तीन नए आपराधिका कानून लागू किए गए हैं. एक जुलाई से नए आपराधिक कानून देशभर में लागू हो जाएंगे. इसके तहत दुमका में पुलिस पदाधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई.

Three New Criminal Laws
जानकारी देते दुमका एसपी पीतांबर सिंह. (फोटो-ईटीवी भारत)

दुमकाः देशभर में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं. इस कानून में कई धाराएं समाप्त कर दी गई हैं और कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं. इसे लेकर दुमका में पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सात दिन से डीएसपी, इंस्पेक्टर, थानेदार और जवानों को नए आपराधिक कानूनों की जानकारी दी जा रही है.इसके तहत दुमका के पुलिस सभागार में शनिवार को भी पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. पुलिस पदाधिकारियों को बताया गया कि नए आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से प्रभावी होंगी. एक जुलाई को जो मामले दर्ज होंगे, वो नई धारा के तहत दर्ज की जाएगी.

जानकारी देते दुमका एसपी पीतांबर सिंह. (वीडियो-ईटीवी भारत)

दुमका एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के बाद दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा. अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लागू हो रही है. इसमें दंड संहिता की कुछ पुरानी धाराओं को समाप्त कर दिया गया है.इनमें मुख्य रूप से सरकार के विरुद्ध अपराध की धारा 124, आत्महत्या के प्रयास में 309, अप्राकृतिक यौनाचार, जाली सिक्का, नाप-तौल में लगने वाली सारी धाराओं को समाप्त कर दी गई है.एसपी ने कहा कि एक जुलाई को जो भी केस दर्ज होंगे वह नई धारा के तहत होंगे.

पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर करेंगे वीडियोग्राफी और लेंगे सेल्फी

एसपी ने बताया कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत अब हर घटना की वीडियोग्राफी होगी. घटनास्थल पर जाने वाले पदाधिकारी को घटनास्थल से अपनी सेल्फी लेकर भेजना होगा. हर घटना में वीडियोग्राफी को जरूरी कर दिया गया है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के द्वारा लिए गए ऑडियो और वीडियो को साक्ष्य के रूप में ग्राहय माना गया है.

सात साल से कम सजा वाले केस में डीएसपी की अनुमति जरूरी

एसपी ने बताया कि नए कानून में प्रारंभिक जांच की धारा 173 में अगर सात साल से कम सजा वाला कोई केस थाना आता है तो थानेदार डीएसपी स्तर के अधिकारी से अनुमति लेंगे. थाना प्रभारी को इस केस में 14 दिनों के अंदर जांच कर कार्रवाई करनी होगी. असंज्ञेय अपराध में थाना प्रभारी को 15 दिन के अंदर पाक्षिक रिपोर्ट न्याययिक पदाधिकारी को समर्पित करनी होगी. दुष्कर्म में पीड़िता की चिकित्सीय जांच रिपोर्ट को एक सप्ताह के अंदर 184 ए के तहत देना होगा.

नए आपराधिक कानून के तहत इन धाराओं में हुआ बदलाव

  • पूर्व में धारा 498 ए (दहेज प्रताड़ना)------------अब धारा 85
  • पूर्व में धारा 304 बी (दहेज हत्या)--------------अब धारा 80(2)
  • पूर्व में धारा 306 (विवाहित महिला से प्रताड़ना)----अब धारा 108
  • पूर्व में धारा 376 (दुष्कर्म)---------------------अब धारा 64 से 70 तक
  • पूर्व में धारा 354 (छेड़खानी)-------------------अब धारा 74 से 78
  • पूर्व में धारा 307(हत्या का प्रयास)---------------अब धारा 109
  • पूर्व में धारा 302(हत्या)------------------------अब धारा 103
  • पूर्व में धारा 395(डकैती)----------------------अब धारा 310 (2)
  • पूर्व में धारा 420(धोखाधड़ी)-------------------अब धारा 318 (4)
  • पूर्व में धारा 379(चोरी) -----------------------अब धारा 303(2)
  • पूर्व में धारा 279 (सड़क दुर्घटना)---------------अब धारा 281

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जानकारी देते दुमका एसपी पीतांबर सिंह. (वीडियो-ईटीवी भारत)

दुमका एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के बाद दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा. अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लागू हो रही है. इसमें दंड संहिता की कुछ पुरानी धाराओं को समाप्त कर दिया गया है.इनमें मुख्य रूप से सरकार के विरुद्ध अपराध की धारा 124, आत्महत्या के प्रयास में 309, अप्राकृतिक यौनाचार, जाली सिक्का, नाप-तौल में लगने वाली सारी धाराओं को समाप्त कर दी गई है.एसपी ने कहा कि एक जुलाई को जो भी केस दर्ज होंगे वह नई धारा के तहत होंगे.

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सात साल से कम सजा वाले केस में डीएसपी की अनुमति जरूरी

एसपी ने बताया कि नए कानून में प्रारंभिक जांच की धारा 173 में अगर सात साल से कम सजा वाला कोई केस थाना आता है तो थानेदार डीएसपी स्तर के अधिकारी से अनुमति लेंगे. थाना प्रभारी को इस केस में 14 दिनों के अंदर जांच कर कार्रवाई करनी होगी. असंज्ञेय अपराध में थाना प्रभारी को 15 दिन के अंदर पाक्षिक रिपोर्ट न्याययिक पदाधिकारी को समर्पित करनी होगी. दुष्कर्म में पीड़िता की चिकित्सीय जांच रिपोर्ट को एक सप्ताह के अंदर 184 ए के तहत देना होगा.

नए आपराधिक कानून के तहत इन धाराओं में हुआ बदलाव

  • पूर्व में धारा 498 ए (दहेज प्रताड़ना)------------अब धारा 85
  • पूर्व में धारा 304 बी (दहेज हत्या)--------------अब धारा 80(2)
  • पूर्व में धारा 306 (विवाहित महिला से प्रताड़ना)----अब धारा 108
  • पूर्व में धारा 376 (दुष्कर्म)---------------------अब धारा 64 से 70 तक
  • पूर्व में धारा 354 (छेड़खानी)-------------------अब धारा 74 से 78
  • पूर्व में धारा 307(हत्या का प्रयास)---------------अब धारा 109
  • पूर्व में धारा 302(हत्या)------------------------अब धारा 103
  • पूर्व में धारा 395(डकैती)----------------------अब धारा 310 (2)
  • पूर्व में धारा 420(धोखाधड़ी)-------------------अब धारा 318 (4)
  • पूर्व में धारा 379(चोरी) -----------------------अब धारा 303(2)
  • पूर्व में धारा 279 (सड़क दुर्घटना)---------------अब धारा 281

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