जयपुर: राजस्थान पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर विशेष अभियान के तहत मेवात क्षेत्र में ऑपरेशन एंटीवायरस चलाया जा रहा है. पुलिस की ओर से इस अभियान में 2.36 लाख संदिग्ध सिम और 2.29 लाख आईएमईआई नंबर ब्लॉक करवाए गए हैं. मेवात रीजन में राजस्थान पुलिस की प्रभावी कार्रवाई से साइबर क्राइम रेट में भी भारी कमी आई है. प्रदेश भर में दो माह के विशेष अभियान में पांच हजार से ज्यादा चोरी और गुम हुए मोबाइल ट्रेस कर धारकों को लौटाए गए हैं.
महानिदेशक पुलिस (डीजीपी) साइबर अपराध और एससीआरबी हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश के मेवात क्षेत्र में चलाए गए 'ऑपरेशन एंटीवायरस' में राजस्थान पुलिस ने भारत सरकार और दूरसंचार विभाग से समन्वय करते हुए 2.36 लाख संदिग्ध सिम और 2.29 लाख आईएमईआई नंबर ब्लॉक करवाए हैं. वहीं, प्रदेश भर में जुलाई-अगस्त-2024 में गुमशुदा मोबाइल की तलाशी के लिए संचालित विशेष अभियान में 5000 से ज्यादा चोरी और गुम हुए मोबाइल ट्रेस कर धारकों को लौटाए गए हैं.
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मेवात में घटा साइबर क्राइम : प्रदेश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को चैलेंज के रूप में लेते हुए राजस्थान पुलिस ने मेवात क्षेत्र में 'ऑपरेशन एंटीवायरस' के तहत साइबर क्रिमिनल्स की डेटाबेस के आधार पर पहचान कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की है. इसके परिणाम स्वरुप मेवात क्षेत्र में साइबर क्राइम में भारी कमी दर्ज की गई है. आज से करीब 5-6 महीने देश के साइबर क्राइम का 18% मेवात क्षेत्र में हो रहा था, वह अब घटकर मात्र 5% तक रह गया है.
2.36 लाख संदिग्ध सिम बंद : डीजीपी (साइबर अपराध) प्रियदर्शी ने बताया कि मेवात क्षेत्र में आपरेशन एंटी वायरस में प्रभावी कार्रवाई करते हुए ना सिर्फ अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, उनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इस वजह से अधिकांश आरोपियों की न्यायालय से जमानत नहीं हुई है. इसके अतिरिक्त पुलिस ने 2.36 लाख के करीब संदिग्ध सिम और करीब 2.29 लाख संदिग्ध आईएमईआई वाले मोबाइल हैंडसेट की पहचान कर भारत सरकार के डिपार्मेंट आफ कम्यूनिकेशन से संपर्क कर ब्लॉक करवाया गया है, जिसके कारण साइबर क्राइम के अपराध में कमी आई है.
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डीजीपी साइबर क्राइम प्रियदर्शी ने बताया कि भारत सरकार के पोर्टल www.ceir.gov.in पर चोरी और गुम हुए और मोबाइल का डाटा रहता है. जब इन मोबाइल पर कोई व्यक्ति नई सिम डालकर प्रयोग करने की कोशिश करता है तो अलर्ट के रूप में उसकी लोकेशन नजदीकी थाने पर आ जाती है. उन्होंने आम लोगों को सलाह दी है कि मोबाइल चोरी या गुम हो जाने पर उसकी गुमशुदगी नजदीकी थाने पर दें या राजस्थान पुलिस के पोर्टल पर इसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं. इस कार्रवाई के बाद शिकायत का विवरण भारत सरकार के इस पोर्टल पर आवश्यक रूप से दर्ज करें. प्रदेश में जुलाई-अगस्त माह में बड़ी संख्या में गुमशुदा मोबाइल को ट्रेस करने की सफलता के बाद इस प्रक्रिया को आगे भी निरंतर जारी रखा जाएगा.