प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुशीनगर में एक 'भूत' (मृत व्यक्ति ) के नाम से निर्दोष लोगों पर प्राथमिकी दर्ज़ कराकर उनको परेशान करने की घटना पर हैरानी जताई है. इतना ही नहीं पुलिस ने इस कथित भूत का बयान भी दर्ज़ किया और चार्जशीट में उसे गवाह भी बनाया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि एक 'भूत' लोगों पर एफआईआर दर्ज कराकर परेशान कर रहा है. इस मामले में कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि जांच अधिकारी की भी जांच करें कि उसने कैसे एक मृत व्यक्ति का बयान लिया. यह आदेश सौरभ श्याम शमशेरी ने पुरुषोत्तम सिंह एवं 4 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
कुशीनगर के थाना कोतवाली हाटा क्षेत्र के शिकायतकर्ता (शब्द प्रकाश) की मृत्यु 19 दिसंबर 2011 को हो चुकी है. इसकी पुष्टि मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति के साथ उसकी पत्नी के बयान के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कुशीनगर के एक रिपोर्ट से हुई. शब्द प्रकाश की ओर से मृत्यु के तीन साल बाद 2014 में याचियों पर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया. जांच अधिकारी ने उसका बयान भी लिया और 23 नवंबर 2014 को एक आरोप पत्र भी दायर किया था.
इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने कहा यह अदालत निशब्द है कि किस प्रकार से एक मृत व्यक्ति यानी भूत का बयान दर्ज़ किया गया. कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को जांच का आदेश दिया है. कहा है कि किस प्रकार से भूत निर्दोष लोगों पर मुकदमा दर्ज़ करा कर परेशान कर रहा है. कोर्ट ने सम्बंधित विवेचक की भी जांच करने के लिए कहा है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को कहा कि सम्बंधित अधिवक्ता को भी भविष्य सचेत रहने के कहें, क्योंकि उन्होंने मृतक की ओर से दाखिल वाकलतनामें पर मुकदमा दाखिल किया है.
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