मेरठ : सहारनपुर जा रहे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को मेरठ पुलिस ने हिरासत में लिया. यति नरसिंहानंद बुधवार को देवबंद में दारूल उलूम के मौलाना से बहस करने के लिए निकले थे. पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की है. यति का कहना है कि दारुल उलूम देवबंद के फतवे पर वे मौलाना से बात करना चाहते हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर माहौल खराब किया गया. वहीं यति के साथ थाने में पुलिस ने मेहमान की तरह व्यवहार किया. चाय-नाश्ता भी कराया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पुलिस से बोले- आप अपने हो इसलिए मेरी आवाज बहुत शांत है
परतापुर थाने में महामंडलेश्वर ने पुलिस से कहा-आप अपने हो, इसलिए मेरी आवाज बहुत शांत है, वरना दुनिया जानती है कि दुश्मनों के सामने मेरी आवाज कैसी है. यूट्यूब खोलकर मेरे भाषण सुन लो. मेरी आवाज पता चल जाएगी. यति ने कहा-आप मुझे रोक सकते हो, लेकिन यह दादागिरी है. दारुल उलूम सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है. अगर वह हमें मारना चाहते हैं तो मैं ऐसे ही नहीं मर जाऊंगा. मैं मौलाना से उसके फतवे के बारे में पूछना चाहता हूं .
गजवा-ए-हिंद का अर्थ समझने निकला हूं
यति नरसिंहानंद ने कहा-मैं लोकतांत्रिक तरीके से मौलाना से मिलने जा रहा था, लेकिन मुझे अलोकतांत्रिक तरीके से रोका गया. बंदी बनाकर बैठाया गया. मैं सामान्य रूप से गजवा-ए-हिंद का अर्थ समझने मौलाना के पास जा रहा था. क्यों बात करने से मौलाना घबरा जाते हैं. इस्लामी दृष्टि से मौलाना ने गजवा-ए-हिंद को सही बताया है. वह हमें इसका मतलब समझा दें. ताकि हम हिंदू भी इसे समझ जाएं. उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि मुझे इस्लाम मत पढ़ाइए, इस्लाम की पढ़ाई मैंने की है. मेरी बातों पर अमेरिका में रिसर्च होती है. पुलिस मुझे कानून बताए, लेकिन इस्लाम का जस्टिफिकेशन नहीं करे. बच्चे आपके भी हैं, नौकरी बहुत दिन की नहीं है. एक दिन नौकरी छूट जाएगी तो आप भी हमारे जैसे हो जाएंगे।
इस मामले पर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि महामंडलेश्वर से थाने में सामान्य सवाल पूछे गए. थाना परतापुर में पूछताछ कर वापस भेज दिया गया है.
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