पटना: बिहार में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए जिलों में नए-नए थाने भी खोले जा रहे हैं. साथ ही कई ओपी को भी थानों में तब्दील किया जा रहा है. उसी कड़ी में दियारा क्षेत्र में बढ़ते शराब और हथियार की तस्करी और अवैध बालू खनन और भंडारण पर नकेल कसने के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा पहल की जा रही है. इसके लिए राज्य के कई दियारा और टाल क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां थानें खोले जा रहे है, जहां एसटीएफ और बिहार पुलिस की तैनात रहेगी.
18 जिलों के दियारा क्षेत्र चिन्हित: मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के 18 जिलों के दियारा क्षेत्र को चिन्हित किया गया है, जहां 50 पुलिस कैंप बनाए जाएंगे. इस कड़ी में पहले चरण में 22 पुलिस कैंप खोले गए हैं. तो वहीं, दूसरे चरण में 19 पुलिस कैंप की स्थापना की जा चुकी है. अभी तक कुल 41 पुलिस कैंप दियारा क्षेत्र में खोले जा चुके हैं.
पुलिस अधीक्षक करेंगे मॉनिटरिंग: बता दें कि प्रत्येक पुलिस कैंप में जिला स्तर के दो पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. प्रत्येक कैंप के पर्यवेक्षी पदाधिकारी पुलिस उपाधीक्षक स्तर के रहेंगे. वहीं इसकी मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक करेंगे. इसके अलावा दियारा क्षेत्र और टाल क्षेत्र में खुले पुलिस कैंप का मुख्य उद्देश्य कुख्यात वंचित अपराधियों की सूची तैयार कर, उनके छिपाने का स्थान पता कर कार्रवाई करना होगा.
अपराधियों का सर्वे करेगी पुलिस: वहीं, इन अपराधियों के पास कौन-कौन से हथियार है. इसका भी पता लगाकर कार्रवाई करना होगा. साथ ही दियारा क्षेत्र में मौजूद गांव में घूमकर अपराधियों का सर्वे करना तथा शराब मादक पदार्थ एवं अवैध हथियार के निर्माण तथा तस्करी का पता लगाकर इसे ध्वस्त करना होगा. बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन के विरुद्ध कार्रवाई करना, दियारा क्षेत्र में नदी में चलने वाले नाव का सर्वे करना तथा नाविकों का डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा.
इन जिलों में खुला कैंप: गौरतलब हो कि अभी तक कुल 41 पुलिस कैंप खोले जा चुके हैं, जिसमें पटना, वैशाली, सारण, खगड़िया,नवगछिया ,भागलपुर, मोतिहारी, कटिहार, मुंगेर, पूर्णिया, बक्सर, भोजपुर, बेगूसराय, सुपौल, सहरसा, बेतिया, मोतिहारी, डिहरी ऑन सोन शामिल हैं. इन सभी जिलों के दियारा क्षेत्र को चिन्हित कर यह पुलिस कैंप खोले गए हैं.
"दियारा क्षेत्र में अपराध की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी छिप जाते है. साथ ही इन इलाकों में कई तरह के अवैध कार्य किए जाते हैं, जिसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा यह कार्रवाई की गई है. अभी अन्य कई जगहों को चिन्हित कर वहां पुलिस कैंप खोलने की तैयारी की जा रही है." - विशाल शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (कल्याण) एआईजी
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