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AI की मदद से पकड़े गए बैंक लुटेरे, तीन दिन में खुली वारदात, दो बदमाश गिरफ्तार - ACCUSED OF BANK ROBBERY ARRESTED

करौली जिले के हिंडौनसिटी के पंजाब नेशनल बैंक में हुई डकैती के मामले में पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

Accused Of Bank Robbery Arrested
बैंक डकैती के आरोपी गिरफ्तार (Etv Bharat Karoli)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2025, 7:18 PM IST

करौली: जिले के हिंडौनसिटी के रीको मंडल स्थित पंजाब नेशनल बैंक में गत दिनों हुई डकैती का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में आर्टिफिशियल इंटेली​जेंस की सहायता ली.

पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि 10 जनवरी शाम को दो नकाबपोश बदमाश बिना नंबर की मोटरसाइकिल से हिंडौनसिटी के पंजाब नेशनल बैंक में आए. बैंक में घुसकर उन्होंने बैंक कर्मियों को हथियार के दम पर बंधक बना लिया. साथ ही कैशियर की कनपटी पर बंदूक रखकर 10 लाख 75 हजार रुपए की नकदी लूटकर भाग गए. वारदात की सूचना के बाद वे स्वयं मौके पर पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया. वारदात की गंभीरता को देखते हुए आठ पुलिस टीमों का गठन किया गया.

पढ़ें: सुरंग खोद बैंक डकैती का प्रयास: क्राइम पेट्रोल देख जल्द करोड़पति बनना चाहते थे, सूत्रधार सहित 4 आरोपी गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान के प्रमुख मार्गों पर नाकाबंदी करवाई गई, लेकिन पुलिस को बदमाशों को चिह्नित करने में परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि बदमाशों ने मंकी कैप और मफलर से अपना चेहरा छुपा रखा था.

एआई की मदद से पकड़ा: एसपी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेली​जेंस की तकनीक का उपयोग किया गया. इसके लिए पुलिस टीमों ने 550 सीसीटीवी के फुटेज खंगाले. साथ ही 50 से ज्यादा संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ की गई. पुलिस टीम को मिले सीसीटीवी वीडियो से आर्टिफिशियल इंटेली​जेंस(एआई) का उपयोग कर आरोपियों के चेहरों के फोटोग्राफ डवलप किए गए. इसके बाद बैंक डकैती के मुख्य आरोपी ओमप्रकाश गुर्जर को पकड़ा गया.

मुख्य आरोपी जंगलों में घेराबंदी कर पकड़ा: एसपी ने बताया कि ओमप्रकाश गुर्जर दौसा जिले के महवा पहाड़ी निवासी है. उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह फरार हो गया. पुलिस को उसके गांव के जंगलों में छिपने की सूचना मिली. इस पर पुलिस टीम ने जंगल में घेराबंदी कर बदमाश को दबोच लिया. आरोपी ओमप्रकाश से पूछताछ की तो उसने बैंक डकैती करने की बात कबूल की.साथ ही उसने दूसरे बदमाश का नाम भी बताया. दूसरा बदमाश बिष्णु कोली गांव धौलेटा का निकला. पुलिस तुरंत ही दूसरे आरोपी गांव धौलेटा गई और उसे वहां दबोच लिया.

पढ़ें: बड़ी साजिश नाकाम : डकैती गैंग के सरगना समेत पांच गिरफ्तार, दो महंगे लैपटॉप और 40 मोबाइल बरामद

अन्य बैंक डकैतियां भी खुलने की संभावना: एसपी उपाध्याय ने बताया कि पुलिस दोनों बदमाशों से वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल हथियार और लूटी गई नकदी बरामदगी के प्रयास में जुटी हुई है. आरोपियों से अन्य बैंक लूट की घटना भी खुलने की संभावना है. दोनों बदमाशों को पकड़ने में हिंडौनसिटी के डीएसपी गिरधर सिंह, हेड कांस्टेबल रविंद्र सिंह और कांस्टेबल जोगेंद्र की मुख्य भूमिका रही है.

पहले भी डाल चुके बैंक में डकैती: एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी ओमप्रकाश ने साल 2021 में मासलपुर में बड़ौदा बैंक में डकैती डाली थी. पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने पहले बैंक की अच्छी तरीके से रैकी की. आरोपियों को यह पता था कि बैंक लूटने का समय कौन सा निर्धारित करना चाहिए. दोनों बदमाशों ने प्लानिंग के तहत शाम को चार से पांच बजे के बीच का समय चुना, क्योंकि उस समय ग्राहकों की भीड़ कम रहती है. साथ ही दिनभर का कैश भी एकत्रित हो जाता है.

बैंक प्रबंधन की लापरवाही: उन्होंने बताया कि इस मामले में बैंक प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई है. बैंक में 6 महीने पहले सुरक्षा गार्ड रिटायर हो गया था, जिसके बाद बैंक प्रबंधक की तरफ से कोई भी गार्ड नियुक्त नहीं किया गया. साथ ही बैंक का बाहर का कैमरा भी खराब था और अन्दर के कैमरे भी पुराने थे. उनमें फुटेज साफ नहीं थे.

करौली: जिले के हिंडौनसिटी के रीको मंडल स्थित पंजाब नेशनल बैंक में गत दिनों हुई डकैती का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में आर्टिफिशियल इंटेली​जेंस की सहायता ली.

पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि 10 जनवरी शाम को दो नकाबपोश बदमाश बिना नंबर की मोटरसाइकिल से हिंडौनसिटी के पंजाब नेशनल बैंक में आए. बैंक में घुसकर उन्होंने बैंक कर्मियों को हथियार के दम पर बंधक बना लिया. साथ ही कैशियर की कनपटी पर बंदूक रखकर 10 लाख 75 हजार रुपए की नकदी लूटकर भाग गए. वारदात की सूचना के बाद वे स्वयं मौके पर पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया. वारदात की गंभीरता को देखते हुए आठ पुलिस टीमों का गठन किया गया.

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उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान के प्रमुख मार्गों पर नाकाबंदी करवाई गई, लेकिन पुलिस को बदमाशों को चिह्नित करने में परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि बदमाशों ने मंकी कैप और मफलर से अपना चेहरा छुपा रखा था.

एआई की मदद से पकड़ा: एसपी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेली​जेंस की तकनीक का उपयोग किया गया. इसके लिए पुलिस टीमों ने 550 सीसीटीवी के फुटेज खंगाले. साथ ही 50 से ज्यादा संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ की गई. पुलिस टीम को मिले सीसीटीवी वीडियो से आर्टिफिशियल इंटेली​जेंस(एआई) का उपयोग कर आरोपियों के चेहरों के फोटोग्राफ डवलप किए गए. इसके बाद बैंक डकैती के मुख्य आरोपी ओमप्रकाश गुर्जर को पकड़ा गया.

मुख्य आरोपी जंगलों में घेराबंदी कर पकड़ा: एसपी ने बताया कि ओमप्रकाश गुर्जर दौसा जिले के महवा पहाड़ी निवासी है. उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह फरार हो गया. पुलिस को उसके गांव के जंगलों में छिपने की सूचना मिली. इस पर पुलिस टीम ने जंगल में घेराबंदी कर बदमाश को दबोच लिया. आरोपी ओमप्रकाश से पूछताछ की तो उसने बैंक डकैती करने की बात कबूल की.साथ ही उसने दूसरे बदमाश का नाम भी बताया. दूसरा बदमाश बिष्णु कोली गांव धौलेटा का निकला. पुलिस तुरंत ही दूसरे आरोपी गांव धौलेटा गई और उसे वहां दबोच लिया.

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अन्य बैंक डकैतियां भी खुलने की संभावना: एसपी उपाध्याय ने बताया कि पुलिस दोनों बदमाशों से वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल हथियार और लूटी गई नकदी बरामदगी के प्रयास में जुटी हुई है. आरोपियों से अन्य बैंक लूट की घटना भी खुलने की संभावना है. दोनों बदमाशों को पकड़ने में हिंडौनसिटी के डीएसपी गिरधर सिंह, हेड कांस्टेबल रविंद्र सिंह और कांस्टेबल जोगेंद्र की मुख्य भूमिका रही है.

पहले भी डाल चुके बैंक में डकैती: एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी ओमप्रकाश ने साल 2021 में मासलपुर में बड़ौदा बैंक में डकैती डाली थी. पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने पहले बैंक की अच्छी तरीके से रैकी की. आरोपियों को यह पता था कि बैंक लूटने का समय कौन सा निर्धारित करना चाहिए. दोनों बदमाशों ने प्लानिंग के तहत शाम को चार से पांच बजे के बीच का समय चुना, क्योंकि उस समय ग्राहकों की भीड़ कम रहती है. साथ ही दिनभर का कैश भी एकत्रित हो जाता है.

बैंक प्रबंधन की लापरवाही: उन्होंने बताया कि इस मामले में बैंक प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई है. बैंक में 6 महीने पहले सुरक्षा गार्ड रिटायर हो गया था, जिसके बाद बैंक प्रबंधक की तरफ से कोई भी गार्ड नियुक्त नहीं किया गया. साथ ही बैंक का बाहर का कैमरा भी खराब था और अन्दर के कैमरे भी पुराने थे. उनमें फुटेज साफ नहीं थे.

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