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पुलिस का फिल्मी एक्शन: 400 CCTV, 200 गाड़ियां छानने के बाद हत्थे चढ़े खतरनाक गैंग के तीन बदमाश - Gangs of Burglar Arrested

Gangs of Burglar Arrested: सफदरजंग एनक्लेव पुलिस और किशनगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने सेंधमारों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो अब तक कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है. पुलिस का दावा है इनके पास से एक करोड़ रुपये के गहने बरामद हुए हैं. साथ ही गहने पिघलाने वाली मशीन भी मिली है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 2, 2024, 10:00 AM IST

Updated : Apr 2, 2024, 1:47 PM IST

Gangs of Burglar Arrested
Gangs of Burglar Arrested

नई दिल्ली: 400 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और 200 से ज्यादा गाड़ियों को छानने के बाद दिल्ली पुलिस और किशनगढ़ थाना पुलिस की ज्वाइंट टीम ने 28 मार्च को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो चोरी की कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है.

सेंधमारी करने वाले इस गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में रंजीत सोनी, सौरभ और सोनू गिरफ्तार हुए हैं जिनके पास से एक करोड़ रुपए के आभूषण, घर तोड़ने के औजार और आभूषण गलाने वाली मशीन बरामद की गई है. पुलिस के मुताबिक आरोपी रंजीत इस गिरोह का सरगना है और बाकि लोगों को वारदात के लिए कमीशन पर रखा करता था. आरोपी ने चोरी का सामान रखने के लिए एक फ्लैट भी किराए पर लिया हुआ था. फिलहाल पुलिस आरोपियों के बाकी साथियों की जानकारी जुटा रही है.

पुलिस की गिरफ्त में तीनों आरोपी

पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि 9 मार्च को सफदरजंग एन्क्लेव थाने में ज्योति मनोचा नाम की महिला ने अपने घर में चोरी की ई-एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही थी, इसी दौरान 16 मार्च को पंकज मिश्रा ने भी अपने घर में चोरी की ई-एफआईआर दर्ज की. पुलिस टीम ने जांच के दौरान पाया कि दोनों वारदात मिलती जुलती है और एक ही तरीके से अंजाम दी गई है. जिससे आशंका जताई जा रही थी दोनों को एक ही शख्स ने अंजाम दिया है.

चार सौ कैमरे, सौ वाहनों की जांच की

संयुक्त टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए दोनों घटनाओं के चार सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और सौ से ज्यादा वाहनों की जांच की. सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को 4 संदिग्धों के फोटो मिले. एक फुटेज में चारों संदिग्ध ऑटो में बैठते दिखे. पुलिस ने ऑटो के नम्बर से ऑटो चालक को दबोच लिया. उसने पूछताछ में बताया कि चारो आरोपी उसके ऑटो से जंगपुरा गए थे. पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर जांच की तो पता चला कि उस दिन वहां भी चोरी की वारदात हुई थी.

पुलिस ने वहां के सीसीटीवी फुटेज देखे तो आरोपियों को फिर ऑटो में बैठते हुए देखा गया. पुलिस ने इस ऑटो चालक को नम्बर की मदद से पकड़ा तो उसने बताया कि उसने चारों को आर.के. पुरम सेक्टर 3 के पास, कैपिटल कोर्ट, मुनिरका के सामने उतारा था. पुलिस ने चारों आरोपियों के फोटो उस इलाके में दिखाए और उनकी जानकारी जुटाई. जिसके बाद 28 मार्च को पुलिस ने कापसहेड़ा से रंजीत, सोनू और बल्लभगढ़ से सौरभ को छापा मार कर गिरफ्तार कर लिया.

ज्वैलरी पिघलाने की मशीन लगा रखी थी
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने चोरी के गहनों और अन्य सामान छिपाने के लिए उत्तम नगर के विपिन गार्डन में एक फ्लैट किराए पर लिया था. जहां छापा मार कर पुलिस ने चोरी का सामान, घर तोड़ने के उपकरण और सोने की ज्वैलरी पिघलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन बरामद की है. आरोपियों ने बताया कि वो आभूषणों को गलाकर उन्हें थोड़ा थोड़ा कर बेच देते थे.

ये भी पढ़ें- सर्विलांस टीम का एक्शन, 11 लाख से ज्यादा की 'ब्लैक मनी' सीज

कमीशन पर लोगों को रखता था
गिरोह के सरगना रंजीत ने बताया कि जेल में बंद होने के दौरान उसकी कई लोगों से दोस्ती हो गई, जिन्हें वो कमीशन के आधार पर अपने गिरोह में रखता था. ऐसे लोगों को चोरी के बाद मिले कैश और सामान का एक हिस्सा दे दिया जाता था, आरोपी ने बताया कि वो वारदात को अंजाम देते समय पूरी रात के लिए ऑटो किराए पर लिया करते थे. उनकी पहचान ना हो पाये इसलिए वो बार-बार ऑटो बदलते रहते थे.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में सेक्सटॉर्शन गैंग का भंडाफोड़, अश्लील वीडियो बनाकर करते थे वसूली

नई दिल्ली: 400 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और 200 से ज्यादा गाड़ियों को छानने के बाद दिल्ली पुलिस और किशनगढ़ थाना पुलिस की ज्वाइंट टीम ने 28 मार्च को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो चोरी की कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है.

सेंधमारी करने वाले इस गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में रंजीत सोनी, सौरभ और सोनू गिरफ्तार हुए हैं जिनके पास से एक करोड़ रुपए के आभूषण, घर तोड़ने के औजार और आभूषण गलाने वाली मशीन बरामद की गई है. पुलिस के मुताबिक आरोपी रंजीत इस गिरोह का सरगना है और बाकि लोगों को वारदात के लिए कमीशन पर रखा करता था. आरोपी ने चोरी का सामान रखने के लिए एक फ्लैट भी किराए पर लिया हुआ था. फिलहाल पुलिस आरोपियों के बाकी साथियों की जानकारी जुटा रही है.

पुलिस की गिरफ्त में तीनों आरोपी

पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि 9 मार्च को सफदरजंग एन्क्लेव थाने में ज्योति मनोचा नाम की महिला ने अपने घर में चोरी की ई-एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही थी, इसी दौरान 16 मार्च को पंकज मिश्रा ने भी अपने घर में चोरी की ई-एफआईआर दर्ज की. पुलिस टीम ने जांच के दौरान पाया कि दोनों वारदात मिलती जुलती है और एक ही तरीके से अंजाम दी गई है. जिससे आशंका जताई जा रही थी दोनों को एक ही शख्स ने अंजाम दिया है.

चार सौ कैमरे, सौ वाहनों की जांच की

संयुक्त टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए दोनों घटनाओं के चार सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और सौ से ज्यादा वाहनों की जांच की. सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को 4 संदिग्धों के फोटो मिले. एक फुटेज में चारों संदिग्ध ऑटो में बैठते दिखे. पुलिस ने ऑटो के नम्बर से ऑटो चालक को दबोच लिया. उसने पूछताछ में बताया कि चारो आरोपी उसके ऑटो से जंगपुरा गए थे. पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर जांच की तो पता चला कि उस दिन वहां भी चोरी की वारदात हुई थी.

पुलिस ने वहां के सीसीटीवी फुटेज देखे तो आरोपियों को फिर ऑटो में बैठते हुए देखा गया. पुलिस ने इस ऑटो चालक को नम्बर की मदद से पकड़ा तो उसने बताया कि उसने चारों को आर.के. पुरम सेक्टर 3 के पास, कैपिटल कोर्ट, मुनिरका के सामने उतारा था. पुलिस ने चारों आरोपियों के फोटो उस इलाके में दिखाए और उनकी जानकारी जुटाई. जिसके बाद 28 मार्च को पुलिस ने कापसहेड़ा से रंजीत, सोनू और बल्लभगढ़ से सौरभ को छापा मार कर गिरफ्तार कर लिया.

ज्वैलरी पिघलाने की मशीन लगा रखी थी
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने चोरी के गहनों और अन्य सामान छिपाने के लिए उत्तम नगर के विपिन गार्डन में एक फ्लैट किराए पर लिया था. जहां छापा मार कर पुलिस ने चोरी का सामान, घर तोड़ने के उपकरण और सोने की ज्वैलरी पिघलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन बरामद की है. आरोपियों ने बताया कि वो आभूषणों को गलाकर उन्हें थोड़ा थोड़ा कर बेच देते थे.

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कमीशन पर लोगों को रखता था
गिरोह के सरगना रंजीत ने बताया कि जेल में बंद होने के दौरान उसकी कई लोगों से दोस्ती हो गई, जिन्हें वो कमीशन के आधार पर अपने गिरोह में रखता था. ऐसे लोगों को चोरी के बाद मिले कैश और सामान का एक हिस्सा दे दिया जाता था, आरोपी ने बताया कि वो वारदात को अंजाम देते समय पूरी रात के लिए ऑटो किराए पर लिया करते थे. उनकी पहचान ना हो पाये इसलिए वो बार-बार ऑटो बदलते रहते थे.

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Last Updated : Apr 2, 2024, 1:47 PM IST
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