कोटा : सिविल लाइंस स्थित जिला एवं सेशन न्यायाधीश के निवास पर तीसरी बार कोबरा नजर आया है. इससे पहले दो बार कोबरा का रेस्क्यू किया गया था. दोनों जहरीले बेबी कोबरा थे. वहीं, तीसरी बार अवयस्क कोबरा नजर आया है. यह 2.7 फीट लंबा था. इसकी सूचना स्नेक कैचर गोविंद शर्मा को जिला जज के निवास से मिली थी, जिसके बाद वह मौके पर पहुंचे और कोबरा का रेस्क्यू किया गया. इसके बाद फॉरेस्ट विभाग के भवानी सिंह जादौन को सूचना देकर इसे लाडपुरा रेंज के जंगलों में रिलीज कर दिया है. यह कोबरा गार्ड रूम के नजदीक घूम रहा था. लगातार कोबरा निकलने से जिला जज के निवास का स्टाफ भी काफी भयभीत हैं.
10 से 30 अंडे देती है मादा कोबरा : स्नेक कैचर गोविंद शर्मा का कहना है कि फीमेल कोबरा करीब 10 से 30 अंडे देती है. इनमें से अधिकांश बच्चे बड़े नहीं हो पाते हैं. जिला जज के निवास पर पहले निकले दोनों बच्चे कोबरा थे और यह अवयस्क कोबरा हैं. इससे साफ है कि यह बिल बनाने की तैयारी कर रहे हैं. बिलों की तलाश करते हुए ही यह इधर-उधर पहुंच रहे हैं. कोबरा ने अंडे कहां पर दिए हैं, यह पता लगाना काफी मुश्किल है, लेकिन ऐसा लगता है कि जिला जज के निवास के आसपास के ही उसने अंडे दिए हुए हैं. इस कारण यह कोबरा निकालकर बाहर आ रहे हैं.
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इसलिए भी घातक होते हैं बेबी कोबरा : गोविंद शर्मा का कहना है कि बेबी कोबरा अंडे से बाहर निकालने के बाद ही अपने विषदंतों का प्रयोग करना सीख जाते हैं. उन्हें यह नहीं समझ होता कि जहर को कैसे नियंत्रित करना है. खतरा महसूस होने पर वह एक साथ हमला बोल देते हैं. इसी दौरान काफी मात्रा में जहर भी छोड़ देते हैं. हालांकि, उम्र बढ़ने पर ही वे अपने जहर का ठीक से उपयोग करना सीख पाते हैं.
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