नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित 'पुस्तकायन' पुस्तक मेले का तीसरा दिन कवयित्रियों और गजलकारों के नाम रहा. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत नगाड़ा वादन एवं ओडिसी नृत्य की प्रस्तुतियां की गईं. प्रकाशकों की तरफ से भी अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. रविवार की वजह से हर उम्र के लोगों ने मेले में शिरकत की. इस दौरान 'अस्मिता' नाम से आयोजित कवयित्री सम्मेलन, प्रख्यात ओड़िआ लेखिका यशोधारा मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसमें अंजु रंजन (हिंदी), मालविका जोशी (हिंदी), नीलांचली सिंह (हिंदी), सरोजिनी बेसरा (संताली) एवं ए. साथिया सारदामणि (तमिल) ने अपनी-अपनी भाषाओं में एवं अनुवाद सहित कविताएं प्रस्तुत की.
वहीं गजल संध्या कार्यक्रम ज्ञानप्रकाश विवेक की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें हरेराम समीप, कमलेश भट्ट कमल, सविता चड्ढा और विज्ञान व्रत ने अपनी गजलों को प्रस्तुत किया. ज्ञानप्रकाश विवेक ने कहा कि वर्तमान हिंदी गजल में आधुनिकता बोध अपनी सबसे ऊंचाई पर है, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है. हरेराम समीप ने संवेदना से भरी गजलें सुनाई. वहीं कमलेश भट्ट कमल की पंक्तियां थी 'सलीका जिंदगी जीने का आता ही नहीं तुमको, कि सुख भी हैं कई इन कष्टों की दुनिया में.' इसके अलावा सविता चड्ढा ने पंक्तियां सुनाई 'दुनिया लाख बुरी हो लेकिन, हमें यहीं रहना होता है.'
कई भाषाओं में कविता पाठ का आयोजन: सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत आद्या सिंह ने लोक वाद्य नगाड़े की प्रस्तुति दी और शांभवी महेश ने ओडिसी नृत्य में रामाभिषेक और शिवतांडव प्रस्तुत किया. सोमवार को 'विविधता में एकता के माध्यम के रूप में अनुवाद' विषयक परिचर्चा एवं बहुभाषी कविता-पाठ का आयोजन किया जाएगा. परिचर्चा की अध्यक्षता हरीश नारंग करेंगे, जिसमें रख्शंदा जलील और रेखा सेठी अपने विचार रखेंगी. वहीं बहुभाषी कविता-पाठ की अध्यक्षता प्रख्यात हिंदी कवि आशुतोष अग्निहोत्री करेंगे कई भाषाओं के कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे.
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