पटना: आज शनिवार को पटना पुस्तक मेला में आयोजित कवि सम्मेलन में हास्य कवि समूह शिखर ने अपनी कविताओं के माध्यम से समां बांध दिया. लोगों को अपने चुटीले अंदाज से खूब गुदगुदाया. कविता करने के बाद पुस्तक मेला में वो एक प्रकाशन की स्टाल पर गए. यहां उनकी नई पुस्तक 'चांद पर प्लॉट' देखने को मिली. पुस्तक का हाल ही में विमोचन हुआ है और इसकी काफी डिमांड देखने है.
पुस्तक मेला में पाठकों की जुटी भीड़: जब प्रकाशन में शंभू शिखर अपने पुस्तक के पास पहुंचे तो पाठकों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया. देखते ही देखे 'चांद पर प्लाट' की 50 कॉपी बिक गई और स्टॉल से पुस्तक की सभी कॉपी खत्म हो गई. शंभू शिखर ने सभी पुस्तक पर अपना हस्ताक्षर किया और पुस्तक खरीदने के बाद पाठकों ने शंभू शिखर के साथ पुस्तक लेकर सेल्फी खिंचवाई.
शंभू शिखर को देखकर फैंस हुए क्रेजी: इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शंभू शिखर ने कहा कि बीते दिनों पटना में अभिनेता अल्लू अर्जुन आए थे और उनको देखने के लिए भीड़ आई थी. आज उनके लिए उतनी अधिक भीड़ नहीं है लेकिन प्यार उनसे ज्यादा उन्हें मिल रहा है. यह पाठकों का प्यार है और उन्होंने सोचा भी नहीं था कि पटना पुस्तक मेला में पुस्तकों के प्रति पाठकों का इस प्रकार क्रेज होगा. पाठकों की भीड़ बता रही है कि अध्ययन करके ज्ञान अर्जित करने में बिहार के लोग अभी भी जागरूक हैं.
नाटकों का संग्रह है चांद पर प्लॉट: शंभू शिखर ने बताया कि उन्होंने अब तक छह पुस्तक लिख दिया है, जिसमें दो कविता की पुस्तक हैं. चांद पर प्लॉट उनकी नई पुस्तक है जो व्यंग नाटकों का संग्रह है. इसमें 12 व्यंग्य नाटक है. पुस्तक में प्रॉपर्टी डीलरों की धांधली बाजी पर व्यंग नाटक है. हमारे यहां की जो प्रॉपर्टी डीलर है उन्होंने हेरा फेरी करके यहां की सभी जमीनों को तो बेंच दिया है. अब उनके पास बेंचने के लिए कुछ नहीं बचा है.
"मेरे पुस्तक में चांद पर प्लॉट लेने को लेकर व्यंग है. ऐसे में तय करते हैं कि चलो जमीन है, चांद पर ही बेचते हैं. फिर सवाल उठता है कि चांद पर जमीन लेगा कौन? फिर अपना कस्टमर तैयार करते हैं, ऐसे लोगों को जो अपनी प्रेमिका के लिए कहते हैं मैं तुम्हारे लिए चांद पर घर बना दूंगा. उनका जिक्र भी है."- शंभू शिखर, हास्य कवि
ठगी से संबंधित 11 कहानी है: शंभू शिखर ने बताया कि यह प्रॉपर्टी डीलरों की धांधली बाजी, लोगों के साथ होने वाली ठगी, पर आधारित पुस्तक है. जिसमें 11 अन्य कहानियां भी है. उनके लिए सुख दिया है कि हिंदी कवि सम्मेलन के मंच के वह व्यक्ति हैं और नाटक एक अलग विधा है. इस विधा में उन्होंने पुस्तक लिखी है और पाठकों का इसे खूब प्रेम मिल रहा है. यह नाटकों का ही संग्रह है और इसमें कविताएं नहीं है.