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यूपी में लालच में फंसे आयकरदाता, लाखों कमाया फिर भी मुफ्त में राशन खाया, हो सकती है रिकवरी, पढ़िए डिटेल - PM Garib Kalyan Anna Yojana

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 1:01 PM IST

कोरोना काल में सरकार ने मुफ्त राशन योजना की शुरुआत की थी. इसका लाभ पात्रों को दिया जाना था, लेकिन अपात्र भी इसका फायदा उठाने लगे. शासन से जिलों में पहुंची रिपोर्ट ने अपात्र राशनकार्डधारकों की नींद उड़ा दी है.

जिला पूर्ति अधिकारी ने शुरू कराई जांच.
जिला पूर्ति अधिकारी ने शुरू कराई जांच. (Photo Credit; ETV Bharat)

गोरखपुर : जिले में 22 हजार 500 राशनकार्ड धारक आयकरदाता हैं. इसके बावजूद वह मोदी सरकार की मुफ्त अनाज योजना का लाभ जमकर उठा रहे हैं. 4025 महिला पेंशनधारक भी इस योजना का लाभ ले रहीं हैं. शासन से ऐसे अपात्रों की सूची जिला आपूर्ति कार्यालय को मिली है. इनकी जांच शुरू करा दी गई है. ऐसे लोगों का राशन कार्ड भी निरस्त किया जा रहा है. करीब दो वर्ष से ऐसे अपात्र कार्ड धारक अब तक करीब 6 करोड़ का अनाज डकार गए हैं. इस जांच में अपात्र कार्डधारक से वसूली होने की संभावना है. वहीं पात्रों की जांच करने वाले भी फंस सकते हैं. मामला उजागर होने में शहर के बेतियाहाता निवासी एक व्यक्ति का राशन कार्ड आधार बना है. इसमें उसने अपनी पत्नी को मुखिया दिखाते हुए परिवार के 6 लोगों का राशन कार्ड बनवाया. इसके आधार पर उन्हें हर महीने 30 किलोग्राम राशन मिल रहा है. जिस व्यक्ति ने राशन कार्ड बनवाया है उसकी सालाना सैलरी 10 लाख रुपए से ज्यादा है. वह आयकर भी देता है. गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों में भी गड़बड़ी पाई गई है.

जिसा पूर्ति अधिकारी ने शुरू कराई जांच.
जिसा पूर्ति अधिकारी ने शुरू कराई जांच. (Photo Credit; ETV Bharat)

राशन कार्डधारकों का शासन स्तर पर चल रहे सत्यापन में हजारों आयकर दाताओं के नाम का खुलासा हुआ है. जो मुफ्त राशन की सुविधा ले रहे हैं. शासन ने इनकी सूची नाम के साथ कई जिलों में आपूर्ति विभाग को जांच के लिए भेजी है. गोरखपुर में इसके तहत कई कार्ड ही निरस्त कर दिए गए हैं. बेतियाहाता के जिस व्यक्ति का कार्ड निरस्त हुआ और जांच चल रही है, उसने यह कहते हुए विरोध किया कि उसकी पत्नी गृहिणी है. अधिकारियों ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों की कुल वार्षिक आय 54 हजार से अधिक होगी तो राशन कार्ड नहीं बन सकता.

अब फंस गए आयकरदाता : आयकर देने वाले जिन लोगों ने कार्ड बनवाया है. वह फंस गए हैं. जिले में कुल 36325 राशन कार्ड ऐसे चिन्हित किए गए हैं जो अपात्रों के हैं. इस सूची में आयकरदाता पति की मृत्यु बताकर राशन कार्ड बनवाने वाली महिलाएं भी हैं. 5 एकड़ या इससे ज्यादा भूमि के स्वामी भी इसमें शामिल हैं. बताया जा रहा है कि यदि एक कार्ड में 5 लाभार्थियों को माना जाए और हर महीने अपात्र होने के बाद भी पांच-पांच किलोग्राम राशन ले रहे हैं, यदि 5 किलोग्राम राशन की बाजार दर 125 रुपए भी मानी जाए तो करीब 6 करोड़ का राशन अपात्र जिले में खा रहे हैं.

पूरे में सूबे मेंं मिली गड़बड़ी.
पूरे में सूबे मेंं मिली गड़बड़ी. (Photo Credit; ETV Bharat)

गोरखपुर में तेजी से चल रही निरस्तीकरण की कार्रवाई : विभागीय सूत्रों का कहना है कि पात्रों की संख्या इससे भी बहुत ज्यादा है. जिले में पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड होल्डर 6 लाख 69842 हैं तो पात्र गृहस्थी के लाभार्थी 2 लाख 85791 हैं. इसी प्रकार अंत्योदय के 1 लाख 26391 कार्ड धारक हैं तो अंत्योदय के लाभार्थियों की संख्या 91757 है. इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन से संभावित अपात्रों की सूची मिली हुई है. जांच शुरू करा दी गई है. जांच में अपात्र को राशन मिलने की पुष्टि के बाद राशन कार्ड निरस्त किया जा रहा है. यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है.

इनके निरस्त होंगे राशनकार्ड : अपात्र होकर खुद ही राशन कार्ड बनवाना गलत है. ऐसे में उनसे वसूली भी की जा सकती है. आयकरदाता, परिवार में 4 पहिया वाहन, एसी, 5 किलोवाट या इससे अधिक क्षमता का जनरेटर, सभी सदस्यों की कुल वार्षिक का 54000 से ज्यादा, शस्त्र लाइसेंस,100 वर्ग मीटर व इससे ज्यादा क्षेत्रफल का आवास, 80 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल का व्यवसाय का स्थान होगा तो राशन कार्ड बनने के बाद भी निरस्त हो जाएगा.

इन जिलों में भी सामने आई गड़बड़ी : गोंडा में आयकरदाता एक साल में करीब 30.54 करोड़ का मुफ्त राशन हजम कर गए. इसके अलावा हरदोई, अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, सुल्तानपुर समेत करीब हर जिले में ऐसे मामले सामने आए हैं. गोंडा में करीब 7866 आयकरदाता राशन ले रहे हैं.

कोरान काल में शुरू हुई थी योजना : कोरोना काल के दौरान जून 2020 में प्रवासियों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री करीब कल्याण योजना की शुरुआत की गई थी. योजना में गृहस्थी राशन कार्डधारक के परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5-5 किलो चावल या गेहूं दिया जाता है.

इन जिलों में इतने आयकरदाता ले रहे मुफ्त राशन : लखीमपुर में 5024, अंबेडकरनगर में 5600, बाराबंकी में 10,500, सुल्तानपुर में 9500, बलरामपुर में 728, बहराइच में 3878, अयोध्या में 11000, श्रावस्ती में 979, हरदोई में 5500 और सीतापुर में 5424 आयकरदाता मुफ्त राशन की सुविधा ले रहे हैं.

यह भी पढ़ें : फर्रुखाबाद में स्टोर है 6.93 लाख कुंतल आलू, बारिश थमते ही आएगा मार्केट में, 15-20 रुपए किलो तक सस्ता होगा

गोरखपुर : जिले में 22 हजार 500 राशनकार्ड धारक आयकरदाता हैं. इसके बावजूद वह मोदी सरकार की मुफ्त अनाज योजना का लाभ जमकर उठा रहे हैं. 4025 महिला पेंशनधारक भी इस योजना का लाभ ले रहीं हैं. शासन से ऐसे अपात्रों की सूची जिला आपूर्ति कार्यालय को मिली है. इनकी जांच शुरू करा दी गई है. ऐसे लोगों का राशन कार्ड भी निरस्त किया जा रहा है. करीब दो वर्ष से ऐसे अपात्र कार्ड धारक अब तक करीब 6 करोड़ का अनाज डकार गए हैं. इस जांच में अपात्र कार्डधारक से वसूली होने की संभावना है. वहीं पात्रों की जांच करने वाले भी फंस सकते हैं. मामला उजागर होने में शहर के बेतियाहाता निवासी एक व्यक्ति का राशन कार्ड आधार बना है. इसमें उसने अपनी पत्नी को मुखिया दिखाते हुए परिवार के 6 लोगों का राशन कार्ड बनवाया. इसके आधार पर उन्हें हर महीने 30 किलोग्राम राशन मिल रहा है. जिस व्यक्ति ने राशन कार्ड बनवाया है उसकी सालाना सैलरी 10 लाख रुपए से ज्यादा है. वह आयकर भी देता है. गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों में भी गड़बड़ी पाई गई है.

जिसा पूर्ति अधिकारी ने शुरू कराई जांच.
जिसा पूर्ति अधिकारी ने शुरू कराई जांच. (Photo Credit; ETV Bharat)

राशन कार्डधारकों का शासन स्तर पर चल रहे सत्यापन में हजारों आयकर दाताओं के नाम का खुलासा हुआ है. जो मुफ्त राशन की सुविधा ले रहे हैं. शासन ने इनकी सूची नाम के साथ कई जिलों में आपूर्ति विभाग को जांच के लिए भेजी है. गोरखपुर में इसके तहत कई कार्ड ही निरस्त कर दिए गए हैं. बेतियाहाता के जिस व्यक्ति का कार्ड निरस्त हुआ और जांच चल रही है, उसने यह कहते हुए विरोध किया कि उसकी पत्नी गृहिणी है. अधिकारियों ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों की कुल वार्षिक आय 54 हजार से अधिक होगी तो राशन कार्ड नहीं बन सकता.

अब फंस गए आयकरदाता : आयकर देने वाले जिन लोगों ने कार्ड बनवाया है. वह फंस गए हैं. जिले में कुल 36325 राशन कार्ड ऐसे चिन्हित किए गए हैं जो अपात्रों के हैं. इस सूची में आयकरदाता पति की मृत्यु बताकर राशन कार्ड बनवाने वाली महिलाएं भी हैं. 5 एकड़ या इससे ज्यादा भूमि के स्वामी भी इसमें शामिल हैं. बताया जा रहा है कि यदि एक कार्ड में 5 लाभार्थियों को माना जाए और हर महीने अपात्र होने के बाद भी पांच-पांच किलोग्राम राशन ले रहे हैं, यदि 5 किलोग्राम राशन की बाजार दर 125 रुपए भी मानी जाए तो करीब 6 करोड़ का राशन अपात्र जिले में खा रहे हैं.

पूरे में सूबे मेंं मिली गड़बड़ी.
पूरे में सूबे मेंं मिली गड़बड़ी. (Photo Credit; ETV Bharat)

गोरखपुर में तेजी से चल रही निरस्तीकरण की कार्रवाई : विभागीय सूत्रों का कहना है कि पात्रों की संख्या इससे भी बहुत ज्यादा है. जिले में पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड होल्डर 6 लाख 69842 हैं तो पात्र गृहस्थी के लाभार्थी 2 लाख 85791 हैं. इसी प्रकार अंत्योदय के 1 लाख 26391 कार्ड धारक हैं तो अंत्योदय के लाभार्थियों की संख्या 91757 है. इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन से संभावित अपात्रों की सूची मिली हुई है. जांच शुरू करा दी गई है. जांच में अपात्र को राशन मिलने की पुष्टि के बाद राशन कार्ड निरस्त किया जा रहा है. यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है.

इनके निरस्त होंगे राशनकार्ड : अपात्र होकर खुद ही राशन कार्ड बनवाना गलत है. ऐसे में उनसे वसूली भी की जा सकती है. आयकरदाता, परिवार में 4 पहिया वाहन, एसी, 5 किलोवाट या इससे अधिक क्षमता का जनरेटर, सभी सदस्यों की कुल वार्षिक का 54000 से ज्यादा, शस्त्र लाइसेंस,100 वर्ग मीटर व इससे ज्यादा क्षेत्रफल का आवास, 80 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल का व्यवसाय का स्थान होगा तो राशन कार्ड बनने के बाद भी निरस्त हो जाएगा.

इन जिलों में भी सामने आई गड़बड़ी : गोंडा में आयकरदाता एक साल में करीब 30.54 करोड़ का मुफ्त राशन हजम कर गए. इसके अलावा हरदोई, अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, सुल्तानपुर समेत करीब हर जिले में ऐसे मामले सामने आए हैं. गोंडा में करीब 7866 आयकरदाता राशन ले रहे हैं.

कोरान काल में शुरू हुई थी योजना : कोरोना काल के दौरान जून 2020 में प्रवासियों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री करीब कल्याण योजना की शुरुआत की गई थी. योजना में गृहस्थी राशन कार्डधारक के परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5-5 किलो चावल या गेहूं दिया जाता है.

इन जिलों में इतने आयकरदाता ले रहे मुफ्त राशन : लखीमपुर में 5024, अंबेडकरनगर में 5600, बाराबंकी में 10,500, सुल्तानपुर में 9500, बलरामपुर में 728, बहराइच में 3878, अयोध्या में 11000, श्रावस्ती में 979, हरदोई में 5500 और सीतापुर में 5424 आयकरदाता मुफ्त राशन की सुविधा ले रहे हैं.

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