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PM मोदी आज करेंगे द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, इन रास्तों से जानें से बचें - Delhi dwarka wxpreaway

Dwarka Expressway: दिल्ली को जाम से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे का सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. शाम पांच बजे के बाद आम लोगों के लिए एक्सप्रेसवे को खोल दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 10, 2024, 10:36 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 11:25 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को द्वारका एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे. इसको लेकर रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत, चीफ सेक्रेटरी समेत तमाम आला अफसरों ने सभा स्थल और रोड शो की तैयारियों का जायजा लिया. पीएम के आने से शहर के कुछ रूटों पर हैवी ट्रैफिक भी रहेगा. पीएम की सेक्टर 84 में रैली होनी है. द्वारका एक्सप्रेसवे पर रोड शो होना है. इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है.

रैली के चलते NH-48 दिल्ली-जयपुर हाइवे, केएमपी, द्वारका एक्सप्रेसवे सर्विस लेन, एसपीआर, सेक्टर 80 से 90 तक एरिया में हैवी ट्रैफिक और जाम के हालात हो सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस ने इस रास्तों पर जाने से बचने की सलाह दी है. सोमवार शाम पांच बजे द्वारका एक्सप्रेसवे को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.

एक्सप्रेस वे का 10 KM हिस्सा दिल्ली मेंः अगर द्वारका एक्सप्रेस वे की बात की जाए तो इस एक्सप्रेस वे के बनने में कुल 9000 करोड़ से ज्यादा की लागत आई है. इसको चार हिस्सों में बांट कर तैयार किया गया है. दिल्ली में 10 किलोमीटर का हिस्सा आता है, जबकि 18 किलोमीटर का क्षेत्र हरियाणा में पड़ता है. यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस वे गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेस वे की कुल 29 किलोमीटर का है और इसका 18.9 किलोमीटर का हिस्सा गुरुग्राम में आता है.

सफर होगा आसान, बचेगा समयः द्वारका एक्सप्रेस-वे के चालू होते ही 20 मिनट में मानेसर से दिल्ली के द्वारका तक पहुंचा जा सकेगा. फिलहाल एक घंटा से अधिक समय लगता है. जाम लगने पर डेढ़ से दो घंटे भी लग जाते हैं. यही नहीं जनकपुरी, प्रीतमपुरा एवं रोहिणी इलाके में भी कम से कम समय में पहुंचा जा सकेगा. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की भी भारी बचत होगी.

एडवांस तकनीक का हुआ है इस्तेमालः एक्सप्रेस-वे की खासियत की बात करें तो ये देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस वे है, जिसमें 20 लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है. जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है. इस एक्सप्रेस-वे पर यातायात की सुगमता और सुहावने सफर के लिए सुरक्षा के लिहाज से अगर बात करें तो एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, हाईटेक टोल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस आदि अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी किया गया है.

यह भी पढ़ेंः

Dwarka Expressway Features: जिस द्वारका एक्सप्रेस-वे को गडकरी ने बताया इंजीनियरिंग का चमत्कार, जानिए उसकी खासियत

द्वारका एक्सप्रेसवे पर सीएजी की रिपोर्ट को लेकर दिल्ली विधानसभा में हुई चर्चा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को द्वारका एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे. इसको लेकर रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत, चीफ सेक्रेटरी समेत तमाम आला अफसरों ने सभा स्थल और रोड शो की तैयारियों का जायजा लिया. पीएम के आने से शहर के कुछ रूटों पर हैवी ट्रैफिक भी रहेगा. पीएम की सेक्टर 84 में रैली होनी है. द्वारका एक्सप्रेसवे पर रोड शो होना है. इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है.

रैली के चलते NH-48 दिल्ली-जयपुर हाइवे, केएमपी, द्वारका एक्सप्रेसवे सर्विस लेन, एसपीआर, सेक्टर 80 से 90 तक एरिया में हैवी ट्रैफिक और जाम के हालात हो सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस ने इस रास्तों पर जाने से बचने की सलाह दी है. सोमवार शाम पांच बजे द्वारका एक्सप्रेसवे को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.

एक्सप्रेस वे का 10 KM हिस्सा दिल्ली मेंः अगर द्वारका एक्सप्रेस वे की बात की जाए तो इस एक्सप्रेस वे के बनने में कुल 9000 करोड़ से ज्यादा की लागत आई है. इसको चार हिस्सों में बांट कर तैयार किया गया है. दिल्ली में 10 किलोमीटर का हिस्सा आता है, जबकि 18 किलोमीटर का क्षेत्र हरियाणा में पड़ता है. यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस वे गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेस वे की कुल 29 किलोमीटर का है और इसका 18.9 किलोमीटर का हिस्सा गुरुग्राम में आता है.

सफर होगा आसान, बचेगा समयः द्वारका एक्सप्रेस-वे के चालू होते ही 20 मिनट में मानेसर से दिल्ली के द्वारका तक पहुंचा जा सकेगा. फिलहाल एक घंटा से अधिक समय लगता है. जाम लगने पर डेढ़ से दो घंटे भी लग जाते हैं. यही नहीं जनकपुरी, प्रीतमपुरा एवं रोहिणी इलाके में भी कम से कम समय में पहुंचा जा सकेगा. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की भी भारी बचत होगी.

एडवांस तकनीक का हुआ है इस्तेमालः एक्सप्रेस-वे की खासियत की बात करें तो ये देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस वे है, जिसमें 20 लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है. जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है. इस एक्सप्रेस-वे पर यातायात की सुगमता और सुहावने सफर के लिए सुरक्षा के लिहाज से अगर बात करें तो एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, हाईटेक टोल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस आदि अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी किया गया है.

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Last Updated : Mar 12, 2024, 11:25 AM IST
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