मंडी: हिमाचल में लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए कुछ समय ही बाकी है. सभी उम्मीदवार जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं. चुनाव को धार देने के लिए सभी पार्टियों के स्टार प्रचारकों का दौरे भी प्रदेश में शुरू होने वाले हैं. बड़े नेताओं की रैलियों के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. बीजेपी-कांग्रेस ने अपने-अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है.
मंडी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के प्रचार को धार देने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी24 मई को छोटी काशी आएंगें. वह ऐतिहासिक पड्डल मैदान में रैली को संबोधित करेंगे. इससे पहले 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी पड्डल मैदान में रैलियां कर चुके हैं. दोनों ही बार यहां से बीजेपी के पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा ने जीत हासिल की थी. पीएम मोदी के अलावा मंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी के दूसरे बड़े नेताओं की भी रैलियां होंगी.
पूर्व सीएम व नेता प्रतिप्रक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल आने से बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रदेश की चारों सीटें एक बार फिर से अपनी झोली में डालेगी. उन्होंने मंडी के पड्डल मैदान में 24 मई को प्रस्तावित पीएम मोदी की रैली की तैयारियों का जायजा लेने के उपरांत ये दावा किया. उन्होंने बताया कि 24 को हिमाचल में पीएम मोदी की दो रैलियां होने वाली है. एक रैली नाहन में सुबह व दोपहर को छोटी काशी मंडी में होगी. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे.
वहीं, उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी के उपर टिप्पणी करने के बजाय मुद्दों के उपर बात करनी चाहिए और मुद्दों के उपर ही चुनाव लड़ना चाहिए. विक्रमादित्य सिंह कई बार व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए सीमाओं को लांघ देते हैं, जिसका राजनीति में कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.
मंडी सीट का इतिहास: मंडी सीट पर अब तक 19 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें कुल 13 बार राजपरिवारों ने जीत हासिल की है. इसमें राजकुमारी अमृतकौर, राजा जोगेंद्र सेन, ललित सेन वीरभद्र सिंह, महेश्वर सिंह, प्रतिभा सिंह सभी इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं. मंडी सीट का ताल्लुक भले राज परिवारों से रहा हो लेकिन 6 बार ऐसे मौके भी आए हैं जब राज परिवार को कोई सदस्य यहां से जीत नहीं पाया. पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम, रामस्वरूप शर्मा यहां से राजपरिवारों के सदस्यों को हराकर संसद पहुंच चुके हैं.