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फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर रंगदारी का हो रहा है खेल, बंगाल-असम से जुड़े तार - PLFI extortion letter

Extortion from traders in Ranchi. राजधानी रांची में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई एक बार फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहा है. संगठन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड हासिल कर उसके जरिए राजधानी के कारोबारी और ठेकेदारों से इंटरनेट कॉल के जरिये रंगदारी की डिमांड कर रहा है. एसआईटी की जांच में इसका खुलासा भी हुआ है.

Extortion from traders in Ranchi
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2024, 5:30 PM IST

रांची: पिछले एक महीने में राजधानी रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगभग 10 से ज्यादा कारोबारियों से उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के नाम पर करोड़ों रुपए की रंगदारी मांगी गई है. रंगदारी मांगने का तरीका सबमें लगभग एक जैसा ही है. सभी रंगदारी के कॉल व्हाट्सएप के जरिए किए गए हैं. सभी रंगदारी भरे मैसेज को भेजने के लिए उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के लेटर पैड का प्रयोग किया गया है.

डीआईजी अनूप बीरथरे (ईटीवी भारत)

असम और बंगाल में एक्टिव किए गए सिम कार्ड

रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि मामले की तफ्तीश में जुटी एसआईटी को यह पता चला है कि जिन सिम कार्ड का प्रयोग कर रांची में कारोबारियों से रंगदारी की मांग की जा रही है उन्हें असम और बंगाल जैसे राज्यों में एक्टिव किया गया है. सभी सिम कार्ड जिससे रंगदारी की मांग की गई है वह फर्जी कागजातों के आधार पर हासिल किया गया है.

पीएलएफआई के खिलाफ भी दी जा रही है दबिश

डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि जांच में यह तो स्पष्ट हो गया है कि फर्जी कागजातों के आधार पर सिम कार्ड इशू करवा कर उसी से रंगदारी मांगी जा रही है. सभी रंगदारी मांगने की घटना में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का नाम आया है. क्योंकि यह संगठन एक तरह से मृतप्राय हो गया था हो सकता है कि दोबारा अपने आप को एक्टिव करने के लिए संगठन के द्वारा रंगदारी की मांग की जा रही हो इसकी विस्तृत जांच की जा रही है. डीआईजी के अनुसार पीएलएफआई के खिलाफ सिलेक्टिव ऑपरेशन चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जो उग्रवादी संगठन के सदस्य बचे हुए है उन्हें भी ढूंढ कर गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.

Extortion from traders in Ranchi
पीएलएफआई का रंगदारी वाला पत्र (ईटीवी भारत)
एक ही महीने में कई मामले आ गए सामने

पिछले एक महीने के भीतर झारखण्ड के पूर्व गृह सचिव के रिश्तेदार से लेकर आधे दर्जन लोगों को लाल स्याही से लिखी डिजिटल धमकी भरा पत्र मोबाइल पर मिल चुका है. किसी से दो करोड़ किसी से एक करोड़ तो किसी से 50 लाख की रंगदारी मांगी गई है. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.

इनलोगों को मिला लाल स्याही वाला लेटर

  • निशित केशरी- राज्य के एक गद्दावर आईएएस के रिश्तेदार है. 7 अगस्त 2024 को निशित केसरी के मोबाइल पर लाल स्याही से लिखा हुआ पत्र भेजकर एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है. इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
  • जगदीश प्रसाद- रांची के सुखदेव नगर इलाके में रहने वाले हैं और जमीन कारोबारी है. जगदीश प्रसाद के पार्टनर की हत्या पूर्व में हो चुकी है. 7 अगस्त 2024 को जगदीश प्रसाद से भी लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के जरिए एक करोड रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
  • हेमन्त सिंह मुंडा- रांची अरगोड़ा इलाके में रहते हैं और बड़े कारोबारी हैं. 28 अगस्त 2024 को लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के द्वारा मुंडा से दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
  • संजय कुमार- रांची के नामी बिल्डरों में शुमार हैं. 28 अगस्त 2024 को ही संजय कुमार से भी लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के जरिए एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.

फिलहाल किसी मामले का खुलासा नहीं

लाल स्याही से लिखे जितने भी धमकी भरे पत्र कारोबारियों को मिले हैं वे सभी उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के द्वारा लिखे गए है. सभी को भेजने के लिए इंटरनेट और वर्चुअल नम्बर का इस्तेमाल किया गया है. इसी वजह से अब तक किसी भी मामले का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है. हालांकि डीआईजी ने दावा किया है कि जल्द ही पूरे मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी होगी. संगठन के खिलाफ जोरदार कार्रवाई की जा रही है. जिन फर्जी कागजातों के आधार पर सिम कार्ड इशू करवाए गए थे उन लोकेशन पर पुलिस जाकर मामले की जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें-

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रांची: पिछले एक महीने में राजधानी रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगभग 10 से ज्यादा कारोबारियों से उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के नाम पर करोड़ों रुपए की रंगदारी मांगी गई है. रंगदारी मांगने का तरीका सबमें लगभग एक जैसा ही है. सभी रंगदारी के कॉल व्हाट्सएप के जरिए किए गए हैं. सभी रंगदारी भरे मैसेज को भेजने के लिए उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के लेटर पैड का प्रयोग किया गया है.

डीआईजी अनूप बीरथरे (ईटीवी भारत)

असम और बंगाल में एक्टिव किए गए सिम कार्ड

रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि मामले की तफ्तीश में जुटी एसआईटी को यह पता चला है कि जिन सिम कार्ड का प्रयोग कर रांची में कारोबारियों से रंगदारी की मांग की जा रही है उन्हें असम और बंगाल जैसे राज्यों में एक्टिव किया गया है. सभी सिम कार्ड जिससे रंगदारी की मांग की गई है वह फर्जी कागजातों के आधार पर हासिल किया गया है.

पीएलएफआई के खिलाफ भी दी जा रही है दबिश

डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि जांच में यह तो स्पष्ट हो गया है कि फर्जी कागजातों के आधार पर सिम कार्ड इशू करवा कर उसी से रंगदारी मांगी जा रही है. सभी रंगदारी मांगने की घटना में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का नाम आया है. क्योंकि यह संगठन एक तरह से मृतप्राय हो गया था हो सकता है कि दोबारा अपने आप को एक्टिव करने के लिए संगठन के द्वारा रंगदारी की मांग की जा रही हो इसकी विस्तृत जांच की जा रही है. डीआईजी के अनुसार पीएलएफआई के खिलाफ सिलेक्टिव ऑपरेशन चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जो उग्रवादी संगठन के सदस्य बचे हुए है उन्हें भी ढूंढ कर गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.

Extortion from traders in Ranchi
पीएलएफआई का रंगदारी वाला पत्र (ईटीवी भारत)
एक ही महीने में कई मामले आ गए सामने

पिछले एक महीने के भीतर झारखण्ड के पूर्व गृह सचिव के रिश्तेदार से लेकर आधे दर्जन लोगों को लाल स्याही से लिखी डिजिटल धमकी भरा पत्र मोबाइल पर मिल चुका है. किसी से दो करोड़ किसी से एक करोड़ तो किसी से 50 लाख की रंगदारी मांगी गई है. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.

इनलोगों को मिला लाल स्याही वाला लेटर

  • निशित केशरी- राज्य के एक गद्दावर आईएएस के रिश्तेदार है. 7 अगस्त 2024 को निशित केसरी के मोबाइल पर लाल स्याही से लिखा हुआ पत्र भेजकर एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है. इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
  • जगदीश प्रसाद- रांची के सुखदेव नगर इलाके में रहने वाले हैं और जमीन कारोबारी है. जगदीश प्रसाद के पार्टनर की हत्या पूर्व में हो चुकी है. 7 अगस्त 2024 को जगदीश प्रसाद से भी लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के जरिए एक करोड रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
  • हेमन्त सिंह मुंडा- रांची अरगोड़ा इलाके में रहते हैं और बड़े कारोबारी हैं. 28 अगस्त 2024 को लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के द्वारा मुंडा से दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
  • संजय कुमार- रांची के नामी बिल्डरों में शुमार हैं. 28 अगस्त 2024 को ही संजय कुमार से भी लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के जरिए एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.

फिलहाल किसी मामले का खुलासा नहीं

लाल स्याही से लिखे जितने भी धमकी भरे पत्र कारोबारियों को मिले हैं वे सभी उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के द्वारा लिखे गए है. सभी को भेजने के लिए इंटरनेट और वर्चुअल नम्बर का इस्तेमाल किया गया है. इसी वजह से अब तक किसी भी मामले का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है. हालांकि डीआईजी ने दावा किया है कि जल्द ही पूरे मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी होगी. संगठन के खिलाफ जोरदार कार्रवाई की जा रही है. जिन फर्जी कागजातों के आधार पर सिम कार्ड इशू करवाए गए थे उन लोकेशन पर पुलिस जाकर मामले की जांच कर रही है.

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