रुद्रप्रयाग: मिनी स्विटरजलैंड से विख्यात चोपता-दुगलबिट्टा में बर्फबारी होने के बाद सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन इसकी वजह से पर्यटक स्थल में गंदगी फैलने लगी है. बर्फ से लकदक बुग्यालों में प्लास्टिक कचरा फेंके जाने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है. जिस कारण स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यावरण प्रेमी खासे परेशान हैं.
इन दिनों बर्फबारी होने से स्विटरजलैंड चोपता-दुगलबिट्टा में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. पर्यटकों की भीड़ उमड़ने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है, लेकिन गंदगी भी फैलने लगी है. जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. चोपता में जगह-जगह फैली गंदगी से पर्यावरण प्रेमी खासे चिंतित नजर आ रहे हैं. जबकि, स्थानीय लोग भी जिला प्रशासन और वन विभाग से चोपता को स्वच्छ रखने की मांग कर रहे हैं.
पर्यावरण प्रेमी गुरेंद्र जीत सिंह ने बताया कि वे पिछले 12 सालों से चोपता आ रहे हैं. चोपता की खूबसूरत वादियों और यहां के नजारों को तस्वीरों में कैद करके ले जाते हैं. वे चोपता में कई पक्षियों के साथ ही जंगली जानवर भालू की तस्वीर ले चुके हैं. उनकी मानें तो चोपता जैसे खूबसूरत स्थल को स्वच्छ और सुंदर रखा जाना जरूरी है. यहां आने के बाद पर्यटक गंदगी फैला रहा है, जिस कारण प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा है.
बुग्याल पर मंडराया खतरा: उन्होंने कहा कि सैलानी चोपता में आकर प्लास्टिक कचरे को फेंक देते हैं, जिससे यहां विचरण करने वाले पक्षियों और जंगली जानवरों पर इसका प्रभाव पड़ता है. वे इस प्लास्टिक कचरे को सेवन करते हैं और उनके व्यवहार में भी बदलाव आता है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान प्लास्टिक कचरे से बुग्यालों को हो रहा है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है.
वहीं, स्थानीय निवासी दीपक नौटियाल, कमल किशोर भट्ट, दुर्गा प्रसाद ने कहा कि चोपता में बर्फबारी का आनंद उठाने को लेकर दूर-दूर से सैलानी पहुंच रहे हैं, लेकिन ये लोग यहां पहुंचकर प्लास्टिक कचरे को छोड़कर जा रहे हैं. सफाई को लेकर चोपता में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही कहा कि जिला प्रशासन और वन विभाग को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
चोपता में फैली गंदगी को साफ करने को लेकर वन विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं. - कल्यानी, प्रभागीय वनाधिकारी
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