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पिथौरागढ़ में 80 साल की बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म का मामला, दोषी को आजीवन कारावास - Pithoragarh Elderly Woman Rape Case

Elderly Woman Rape Case in Pithoragarh पिथौरागढ़ में 80 साल की बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म मामले में युवक को दोषी पाया गया है. अब कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 71 हजार रुपए का अर्थदंड भी भरना होगा.

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कॉन्सेप्ट इमेज (फोटो- ईटीवी भारत ग्राफिक्स)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 4, 2024, 9:58 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 10:08 PM IST

पिथौरागढ़: जिला सत्र न्यायालय पिथौरागढ़ ने 80 वर्षीय वृद्धा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 71 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अगर दोषी अर्थदंड नहीं देता है तो उसे एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

पैरवी डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत ने बताया कि मामला पिथौरागढ़ जिले के जाजरदेवल थाना क्षेत्र के एक गांव का है. जहां 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपने घर पर अकेले रहती थीं. 8 फरवरी 2023 को गांव के ही मुकेश सिंह बिष्ट ने महिला के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की, फिर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. महिला की चीख पुकार सुनकर जब परिजन घर की तरफ दौड़े तो आरोपी मौके से भाग गया.

परिजनों की तहरीर पर जाजरदेवल थाने में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 450, 376 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. अब पूरे मामले में सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने गवाहों और सबूत के आधार पर आरोपी मुकेश सिंह बिष्ट को दोषी पाया है. न्यायालय ने मुकेश सिंह बिष्ट को आईपीसी की धारा 323 के अपराध के लिए एक वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई.

वहीं, दोषी को धारा 450 के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपए की अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर दो साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा. इसके धारा 376 (2) के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की.

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पिथौरागढ़: जिला सत्र न्यायालय पिथौरागढ़ ने 80 वर्षीय वृद्धा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 71 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अगर दोषी अर्थदंड नहीं देता है तो उसे एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

पैरवी डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत ने बताया कि मामला पिथौरागढ़ जिले के जाजरदेवल थाना क्षेत्र के एक गांव का है. जहां 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपने घर पर अकेले रहती थीं. 8 फरवरी 2023 को गांव के ही मुकेश सिंह बिष्ट ने महिला के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की, फिर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. महिला की चीख पुकार सुनकर जब परिजन घर की तरफ दौड़े तो आरोपी मौके से भाग गया.

परिजनों की तहरीर पर जाजरदेवल थाने में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 450, 376 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. अब पूरे मामले में सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने गवाहों और सबूत के आधार पर आरोपी मुकेश सिंह बिष्ट को दोषी पाया है. न्यायालय ने मुकेश सिंह बिष्ट को आईपीसी की धारा 323 के अपराध के लिए एक वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई.

वहीं, दोषी को धारा 450 के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपए की अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर दो साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा. इसके धारा 376 (2) के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की.

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Last Updated : Jul 4, 2024, 10:08 PM IST
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