जोधपुर: मारवाड़ में अपराध लगातार बढ़ रहा है. अंदर ही अंदर अपराधियों के गठजोड़ भी बड़े स्तर पर होने लगे हैं. लॉरेंस की क्षेत्र में एंट्री के बाद यहां के बदमाशों का नेटवर्क पंजाब में बन गया है. ताजा मामला हाल ही में बासनी थाना क्षेत्र में हुई सुभाष विश्नोई की हत्या से जुड़ा सामने आया है. सुभाष को बदमाशों ने जिस मॉर्डन पिस्टल से मारा था. उससे ही पंजाब के एक गैंगस्टर को मारना था. जिसके लिए सुभाष की हत्या कर पिस्टल देने हत्यारे पंजाब गए. जहां एक लाख रुपए में .32 कैलिबर की पिस्टल बदमाश नवजोत सिंह उर्फ जोता को देनी थी. लेकिन पंजाब के डेरा बस्सी में पुलिस ने डिलीवरी देते समय नवजोत सहित चार जनों को पकड़ लिया. बासनी थानाधिकारी शफीक मोहम्मद के अनुसार पकड़े गए आरोपियों में सुभाष की हत्या में शामिल अनिल गोदारा, मोहम्मद आसिफ और भानू सिसोदिया को जोधपुर लाने के प्रयास जारी हैं. वे अभी तक पंजाब पुलिस के रिमांड पर है. इनके अलावा सुभाष की हत्या की सुपारी देने वाले जितेंद्र को भी हमने गिरफ्तार कर लिया है.
जोता के आका यूएसए और फ्रांस से करते हैं डील, मारवाड़ तक बनाई पहुंच: पंजाब पुलिस के एसएसपी दीपक पारिख ने इस बात का खुलासा किया कि जोधपुर के बदमाश हथियार की डिलीवरी करने आए थे. गैंगस्टर जोता को इस पिस्टल से पंजाब में एक गैंगस्टर और एक ट्रेवल्स संचालक को मरवाना था. आरोपी नवजोत उर्फ जोता अमेरिका में बैठे हैंडलर पवितर और फ्रांस में रह रहे मनजिंदर का पंजाब में काम देखता है. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि आखिरकार जोता का संपर्क जोधपुर के बदमाशों से कैसे हुआ? इनका कोई नया गठजोड़ तो नहीं बन रहा है. पूछताछ में यह भी सामने आया है कि पिस्टल मध्य प्रदेश से ली गई थी. ऐसे में पंजाब तक हथियार तस्करी का नया मॉड्यूल वाया राजस्थान तो नहीं बन रहा?
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मास्टरमाइंड बना भानू सिसोदिया, पिस्टल लाया और सुपारी दी: 8 अक्टूबर को सांगरिया फांटा के पास खेड़ी गांव निवासी सुभाष बिश्नोई की हत्या करने के बाद शूटर मोहमद आसिफ व अनिल गोदारा व हथियार सप्लायर भानू सिसोदिया फरार हो गए थे. भानू ने ही इस हत्या की साजिश रची थी. क्योंकि सुभाष ने पारिवारिक रंजिश में इस वर्ष जनवरी में अनिल लेगा की विष्णु के साथ मिलकर हत्या की थी. अनिल भानू का दोस्त था, लेकिन सुभाष इससे अनभिज्ञ था. दोनों जब जेल में थे तब मिले थे. सुभाष से पहले भानू बाहर आया था. वह अनिल के भाई जितेंद्र से मिला और उसने आसिफ और अनिल से सुभाष की हत्या की प्लानिंग की. इसके लिए 10 लाख की सुपारी आसिफ और अनिल को दी थी. हत्या के बाद भानू को पिस्टल नवजोत को देनी थी. इसलिए तीनों आरोपी बस से पंजाब के मोहाली पहुंचे थे, जहां डेरा बस्सी में पंजाब की एटीजीएफ ने उनको पकड़ा.