झांसी : बरुआ सागर में बेतवा नदी पर बना पीपा का पुल तेज आंधी और बारिश के कारण तिनके की तरह बह गया. झांसी का यह पुल पुराने पुलों में गिना जाता है. इस पुल का इस्तेमाल मध्य प्रदेश और यूपी के 30 गांवों के लोग लंबे समय से करते रहे हैं.
शुक्रवार शाम करीब 5 बजे अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी. बताते हैं कि पुल की जंजीरें और रस्सियां पहले से गली हुई थीं. हवा के तेज झोंकों के आगे यह टिक नहीं सकीं और टूट गई. देखते ही देखते पीपा का पुल तिनके की तरह बहने लगा. इस दौरान पुल से तीन लोग गुजर रहे थे. इनमें से एक व्यक्ति खतरा देख लौटने लगा, लेकिन उसकी बाइक बह गई. वहीं दो अन्य लोग दूसरी तरफ फंस गए. जैसे ही सूचना मिली पुलिस मौके पर पहुंची. काफी मशक्कत के बाद नदी किनारे फंसे दो लोगों को रेस्क्यू कर बचाने में सफलता पाई. कुछ देर बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. जिस शख्स की बाइक बह गई थी, वह बाद में नदी किनारे मिली.
उज्जयान गांव के राजपाल सिंह बुंदेला ने बताया कि इस पुल के टूट जाने से 30 गांव प्रभावित हुए हैं. अब नदी पार करने के लिए 25 किलोमीटर दूर का सफर तय करना पड़ेगा. ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल की मरम्मत को लेकर लगातार प्रशासन से गुहार लगाई जाती रही, ध्यान नहीं दिया गया. अब ग्रामीणों को चिंता सता रही है कि देर रात अगर कोई बीमार पड़ जाए तो अस्पताल तक कैसे पहुंच पाएंगे. या फिर जो लोग अपने गांव से झांसी या बरुआसागर मजदूरी करने के लिए आते हैं उनका क्या होगा.
बता दें कि 6 माह पहले इस पुल को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया था. क्योंकि यह पुल जरा सी बारिश में डूब जाता था और ग्रामीणों की मांग थी कि इस पुराने पुल की जगह नए पुल का निर्माण कराया जाए. हालांकि संबंधित जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया.