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छत्तीसगढ़ की पिकल गर्ल रुचिका गुप्ता, पिता ने जन्म के बाद छोड़ा था अकेला, अब रील बनाने वाली बेटियों को दे रहीं संदेश - pickle girl ruchika gupta

Tribal pickel girl of chhattisgarh अंबिकापुर में इन दिनों सड़क पर एक लड़की लोगों का ध्यान खींच रही है.ये लड़की अपनी मां के साथ कार्ट में पिकल बेचती है. इसके हाथों के बने पिकल लोगों को दीवाना बना रहे हैं.लेकिन जितना स्वाद पिकल गर्ल के अचार में हैं,उतना ठीक उलट उतना ही दर्द इसने सहा है. जानिए कैसे इस लड़की ने संघर्षों के साथ इस मुकाम को हासिल किया.Ruchika gupta gave Message

pickle girl ruchika gupta
अचार बेचकर मां का सपना कर रही पूरा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 10, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 1:01 PM IST

सरगुजा : अम्बिकापुर में इन दिनों पिकल गर्ल चर्चा में हैं. कॉलेज की इस छात्रा के स्टार्टअप ने इसे चर्चा का विषय बना दिया है. असल में पुरुष स्ट्रीट वेंडर्स की लाइन में जब एक पढ़ी लिखी लड़की दिखी तो यह असामान्य सा लगा और फिर चर्चा शुरू हो गई. अकेली छात्रा चौक के किनारे ठेला लगाकर अपना अचार बेचती है.

pickle girl ruchika gupta
अचार का स्वाद लोगों को बना रहा दीवाना (ETV Bharat Chhattisgarh)
कौन है पिकल गर्ल ?: ये कहानी है बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा रुचिका गुप्ता की जिसने अपनी मां के कंधों से जिम्मेदारी का बोझ अपने कंधों पर ले लिया है. रुचिका का जन्म 2004 में हुआ . इसके बाद पिता ने मां बेटी को छोड़ दिया. रुचिका की परवरिश उसकी मां ने की.काफी संघर्षों के बाद मां ने रुचिका को पाल पोश के बड़ा किया.रुचिका की पढ़ाई करवाई.उसे इस काबिल बनाया कि भविष्य में किसी के सामने हाथ ना फैलाने पड़े.
सरगुजा की पिकल गर्ल (ETV Bharat Chhattisgarh)

मां के संघर्ष ने बनाया मजबूत : रुचिका ने अपने मां के संघर्ष को करीब से देखा.इसलिए अब रुचिका ने फैसला किया है कि वो अपने मां के काम में हाथ बटाकर उनका बोझ हल्का करेगी. रूचिका जनवरी 2024 से अचार बेचने का काम कर रही है. मां आचार बनाती है और बाजार में बेचने में उनका सहयोग करती है. हर महीने अचार बेचकर इस परिवार को 30 हजार रुपये की कमाई हो जाती है.

''पिता ने मां को मेरे जन्म के बाद ही छोड़ दिया था, उनका किसी और से अफेयर था, तब से मां ने अकेले पाला है, मां कांच के बर्तन बेचकर पैसे कमाती थी, लोगों के घरों में झाड़ू बर्तन करती थी. लेकिन अब सब ठीक है. मैं मां का साथ दे रही हूं अचार के बिजनेस से जीवन बेहतर हैं, मैं लड़कियों के लिये उदाहरण बनना चाहती हूँ, क्योंकि लड़कियां दूसरे कामों में ज्यादा उलझी रहती है. रील बनाती हैं. उन्हें अपने माँ की मदद करनी चाहिए"- रुचिका गुप्ता, पिकल गर्ल

रुचिका अचार बेचकर उन बेटियों को नसीहत दे रही हैं जो सोशल मीडिया के चक्कर में अपना समय बर्बाद करती हैं.रुचिका के मुताबिक वो उन बेटियों से बेहतर हैं जो रील्स बनाकर समय का सदुपयोग नहीं करतीं.यदि आपके अंदर किसी भी तरह का हुनर है तो उसे सामने लाईए,ताकि आपका जीवन बेहतर हो सके.रूचिका और उसकी मां की संघर्ष की कहानी लंबी है.मां ने तकलीफें सहीं और बेटी को लायक बनाया. लेकिन अब बेटी मां का सहारा बन चुकी है. रुचिका अपनी मां को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दे रही हैं. खुद का स्टार्टअप कर पैसे कमाने घर से बाहर निकल चुकी हैं. बेझिझक स्ट्रीट वेंडर्स की लाइन में खड़ी ये पिकल गर्ल अपनी तकदीर खुद लिख रही है.

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pickle girl ruchika gupta
अचार का स्वाद लोगों को बना रहा दीवाना (ETV Bharat Chhattisgarh)
कौन है पिकल गर्ल ?: ये कहानी है बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा रुचिका गुप्ता की जिसने अपनी मां के कंधों से जिम्मेदारी का बोझ अपने कंधों पर ले लिया है. रुचिका का जन्म 2004 में हुआ . इसके बाद पिता ने मां बेटी को छोड़ दिया. रुचिका की परवरिश उसकी मां ने की.काफी संघर्षों के बाद मां ने रुचिका को पाल पोश के बड़ा किया.रुचिका की पढ़ाई करवाई.उसे इस काबिल बनाया कि भविष्य में किसी के सामने हाथ ना फैलाने पड़े.
सरगुजा की पिकल गर्ल (ETV Bharat Chhattisgarh)

मां के संघर्ष ने बनाया मजबूत : रुचिका ने अपने मां के संघर्ष को करीब से देखा.इसलिए अब रुचिका ने फैसला किया है कि वो अपने मां के काम में हाथ बटाकर उनका बोझ हल्का करेगी. रूचिका जनवरी 2024 से अचार बेचने का काम कर रही है. मां आचार बनाती है और बाजार में बेचने में उनका सहयोग करती है. हर महीने अचार बेचकर इस परिवार को 30 हजार रुपये की कमाई हो जाती है.

''पिता ने मां को मेरे जन्म के बाद ही छोड़ दिया था, उनका किसी और से अफेयर था, तब से मां ने अकेले पाला है, मां कांच के बर्तन बेचकर पैसे कमाती थी, लोगों के घरों में झाड़ू बर्तन करती थी. लेकिन अब सब ठीक है. मैं मां का साथ दे रही हूं अचार के बिजनेस से जीवन बेहतर हैं, मैं लड़कियों के लिये उदाहरण बनना चाहती हूँ, क्योंकि लड़कियां दूसरे कामों में ज्यादा उलझी रहती है. रील बनाती हैं. उन्हें अपने माँ की मदद करनी चाहिए"- रुचिका गुप्ता, पिकल गर्ल

रुचिका अचार बेचकर उन बेटियों को नसीहत दे रही हैं जो सोशल मीडिया के चक्कर में अपना समय बर्बाद करती हैं.रुचिका के मुताबिक वो उन बेटियों से बेहतर हैं जो रील्स बनाकर समय का सदुपयोग नहीं करतीं.यदि आपके अंदर किसी भी तरह का हुनर है तो उसे सामने लाईए,ताकि आपका जीवन बेहतर हो सके.रूचिका और उसकी मां की संघर्ष की कहानी लंबी है.मां ने तकलीफें सहीं और बेटी को लायक बनाया. लेकिन अब बेटी मां का सहारा बन चुकी है. रुचिका अपनी मां को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दे रही हैं. खुद का स्टार्टअप कर पैसे कमाने घर से बाहर निकल चुकी हैं. बेझिझक स्ट्रीट वेंडर्स की लाइन में खड़ी ये पिकल गर्ल अपनी तकदीर खुद लिख रही है.

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Last Updated : Aug 2, 2024, 1:01 PM IST
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