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अब म्यूजिक थेरैपी से इलाज; काशी विद्यापीठ बनारस ने शुरू किया संगीत चिकित्सा में PG डिप्लोमा, पढ़िए- पूरी डिटेल - PG Diploma in Music Therapy - PG DIPLOMA IN MUSIC THERAPY

काशी विद्यापीठ में संगीत चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है. इसके नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, जो 10 जुलाई तक रहेगी.

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PG DIPLOMA IN MUSIC THERAPY (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 8:21 AM IST

Updated : Jul 5, 2024, 12:13 PM IST

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब संगीत के जरिए छात्रों को इलाज की विधा बताई जाएगी. इसके लिए बाकायदा संगीत चिकित्सा में पीजी डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की जा रही है. बड़ी बात यह हैं कि, कोर्स का संचालन विश्वविद्यालय में पहली बार किया जा रहा है, जहां संगीत, चिकित्सा, मनोविभाग के विधार्थी सहजता के साथ कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. इस कोर्स की सालाना फीस 20 हजार है. छात्र इसे पर सेमिस्टर के हिसाब से 10 हजार भरकर पूरा कर सकते है.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में स्थापित संगीत चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं शोध केंद्र द्वारा अकादमिक सत्र 2024-25 से प्रदेश का पहला संगीत चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है. समन्वयक डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने बताया, कि यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश के आधार पर संचालित किया जाएगा. पाठ्यक्रम के कुल घंटों का 70 प्रतिशत ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जाएगा. बचे 30 प्रतिशत इंटर्नशिप, फील्ड वर्क आदि के माध्यम से पूरा किया जाएगा.

इसे भी पढ़े-काशी विद्यापीठ में 20 जुलाई से शुरू होगी प्रवेश परीक्षा, 24 हजार ने अब तक किया आवेदन

विद्यापीठ में शुरू हुआ संगीत चिकित्सा का पी जी डिप्लोमा कोर्स: डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने कहा, कि इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में ही मानसिक एवं संवेगात्मक समस्यायें विकराल रूप ले चुकी हैं. आने वाले वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने हेतु हमें ऐसे चिकित्सकीय विधियों की आवश्यकता पड़ने वाली है जो प्रभावी, सस्ते,सुलभ तथा बिना किसी साइड इफेक्ट के हों. इसी क्रम में ,संगीत द्वारा मानसिक विकारों की चिकित्सा ऐसी ही एक चिकित्सकीय विधा है, जिसे पाश्चात्य देशों में एक वैकल्पिक एवं पूरक चिकित्सा के रूप मान्यता प्राप्त है. संगीत द्वारा चिकित्सा प्रशिक्षित संगीत चिकित्सकों द्वारा प्रदान की जाती है.

ऐसे कर सकते है आवेदन: डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने बताया, कि पाठ्यक्रम में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, जो 10 जुलाई तक रहेगी. मनोविज्ञान, संगीत, मेडिकल एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी स्नातक इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं. उन्होने बताया, कि पंजीकरण एवं नामांकन की प्रक्रिया, तथा अन्य जानकारी अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://mgkvpadmission.samarth.edu.in/ से प्राप्त कर सकते हैं. यह पाठ्यक्रम स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे सभी प्रोफेशनल्स के साथ-साथ सभी संगीत एवं मनोविज्ञान के विद्यार्थियों में संगीत के जरिए चिकित्सा के कौशल को और बेहतर करेगा.

यह भी पढ़े-काशी विद्यापीठ की सेंट्रल लाइब्रेरी का होगा डिजिटलाइजेशन, घर बैठे मिलेगी किताबों की जानकारी - Central Library of Kashi Vidyapeeth

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब संगीत के जरिए छात्रों को इलाज की विधा बताई जाएगी. इसके लिए बाकायदा संगीत चिकित्सा में पीजी डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की जा रही है. बड़ी बात यह हैं कि, कोर्स का संचालन विश्वविद्यालय में पहली बार किया जा रहा है, जहां संगीत, चिकित्सा, मनोविभाग के विधार्थी सहजता के साथ कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. इस कोर्स की सालाना फीस 20 हजार है. छात्र इसे पर सेमिस्टर के हिसाब से 10 हजार भरकर पूरा कर सकते है.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में स्थापित संगीत चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं शोध केंद्र द्वारा अकादमिक सत्र 2024-25 से प्रदेश का पहला संगीत चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है. समन्वयक डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने बताया, कि यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश के आधार पर संचालित किया जाएगा. पाठ्यक्रम के कुल घंटों का 70 प्रतिशत ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जाएगा. बचे 30 प्रतिशत इंटर्नशिप, फील्ड वर्क आदि के माध्यम से पूरा किया जाएगा.

इसे भी पढ़े-काशी विद्यापीठ में 20 जुलाई से शुरू होगी प्रवेश परीक्षा, 24 हजार ने अब तक किया आवेदन

विद्यापीठ में शुरू हुआ संगीत चिकित्सा का पी जी डिप्लोमा कोर्स: डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने कहा, कि इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में ही मानसिक एवं संवेगात्मक समस्यायें विकराल रूप ले चुकी हैं. आने वाले वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने हेतु हमें ऐसे चिकित्सकीय विधियों की आवश्यकता पड़ने वाली है जो प्रभावी, सस्ते,सुलभ तथा बिना किसी साइड इफेक्ट के हों. इसी क्रम में ,संगीत द्वारा मानसिक विकारों की चिकित्सा ऐसी ही एक चिकित्सकीय विधा है, जिसे पाश्चात्य देशों में एक वैकल्पिक एवं पूरक चिकित्सा के रूप मान्यता प्राप्त है. संगीत द्वारा चिकित्सा प्रशिक्षित संगीत चिकित्सकों द्वारा प्रदान की जाती है.

ऐसे कर सकते है आवेदन: डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने बताया, कि पाठ्यक्रम में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, जो 10 जुलाई तक रहेगी. मनोविज्ञान, संगीत, मेडिकल एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी स्नातक इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं. उन्होने बताया, कि पंजीकरण एवं नामांकन की प्रक्रिया, तथा अन्य जानकारी अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://mgkvpadmission.samarth.edu.in/ से प्राप्त कर सकते हैं. यह पाठ्यक्रम स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे सभी प्रोफेशनल्स के साथ-साथ सभी संगीत एवं मनोविज्ञान के विद्यार्थियों में संगीत के जरिए चिकित्सा के कौशल को और बेहतर करेगा.

यह भी पढ़े-काशी विद्यापीठ की सेंट्रल लाइब्रेरी का होगा डिजिटलाइजेशन, घर बैठे मिलेगी किताबों की जानकारी - Central Library of Kashi Vidyapeeth

Last Updated : Jul 5, 2024, 12:13 PM IST
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