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फर्रुखाबाद में ज्ञानवापी जैसा मामला कोर्ट पहुंचा, मकबरे में शिव मंदिर होने का दावा - Case like Gyanvapi in Farrukhabad

उत्तर प्रदेश फर्रुखाबाद में ज्ञानवापी जैसा मामला (Case like Gyanvapi in Farrukhabad) कोर्ट पहुंच गया. इस याचिका में मकबरे में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. न्यायालय के आदेश के बाद अमीन ने स्थल का निरीक्षण कर नक्शा बनाया.

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Etv Bharat Varanasi Gyanvapi Case मकबरे में शिव मंदिर होने का दावा फर्रुखाबाद में ज्ञानवापी जैसा मामला Case like Gyanvapi in Farrukhabad रशीद मियां का प्राचीन रौजा
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 6:31 PM IST

जानकारी देते हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना और अधिवक्ता दीपक द्विवेदी और

फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद जिले में भी ज्ञानवापी जैसा मामला (Petition for Shiva temple in tomb in Farrukhabad) सामने आया है. प्राचीन रौजा (मकबरा) वाले भवन को प्राचीन गंगेश्वर नाथ महादेव शिवमंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू जागरण मंच के नेता ने जिलाधिकारी को प्रतिवादी बनाकर सीनियर सिविल जज न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया है. न्यायालय के आदेश से अमीन कमीशन ने स्थल का निरीक्षण कर नाप जोख कर नक्शा बनाया गया है. इसे न्यायालय में पेश किए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मऊ रसीदाबाद में मुगलकालीन रशीद मियां का प्राचीन रौजा स्थित है, जो सरकार के पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षित बताया जा रहा है. बताया कई वर्ष पहले पुरातत्व विभाग की ओर से जीर्णोद्धार भी कराया गया था. अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया कि पुरातत्व विभाग ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है. हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने इस रौजा को प्राचीन गंगेश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर बताते हुए पहले भी शासन में शिकायत भेजी थी कि मुगल आक्रमणकारियों ने शिव मंदिर को तोड़कर वहां मकबरा बना दिया है.

उन्होंने सिविल न्यायालय सीनियर डिवीजन फतेहगढ़ में इसी दावे का मुकदमा दर्ज कराया. इसकी सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने अमीन कमीशन को निर्देश जारी किया और कहा कि स्थल पर जाकर मानचित्र बनाकर अपनी आख्या प्रस्तुत करें. इसके अनुपालन में अमीन कमीशन ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया है, लेकिन अमीन कमिश्नर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की है. अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया की मऊ रसीदाबाद में मकबरे का ढांचा है. इसमें प्राचीन गंगेश्वर नाथ महादेव मंदिर होने का दावा हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारी प्रदीप सक्सेना ने किया है.

उसी को लेकर सिविल जय सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर किया गया. न्यायालय के निर्देश पर बीते दिन अमीन कमिश्नर ने मौके पर पहुंच कर नाप जोख की थी. उन्होंने कहा कि उक्त ढांचे पर हिंदू धर्म से संबंधित निशान जैसे की दीवार पर सर्प और त्रिशूल दिखाई पड़ रहे हैं. इनके चित्र साक्ष्य के रूप में दावे के साथ सबमिट किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है. जरूरत पड़ी तो न्यायालय से अनुरोध करेंगे कि पुरातत्व विभाग से खुदाई करवायी जाए.

ये भी पढ़ें- पीलीभीत में ज्ञानवापी मस्जिद बचाने के लिए पोस्टर लगे, हरकत में आयी पुलिस

जानकारी देते हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना और अधिवक्ता दीपक द्विवेदी और

फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद जिले में भी ज्ञानवापी जैसा मामला (Petition for Shiva temple in tomb in Farrukhabad) सामने आया है. प्राचीन रौजा (मकबरा) वाले भवन को प्राचीन गंगेश्वर नाथ महादेव शिवमंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू जागरण मंच के नेता ने जिलाधिकारी को प्रतिवादी बनाकर सीनियर सिविल जज न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया है. न्यायालय के आदेश से अमीन कमीशन ने स्थल का निरीक्षण कर नाप जोख कर नक्शा बनाया गया है. इसे न्यायालय में पेश किए जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मऊ रसीदाबाद में मुगलकालीन रशीद मियां का प्राचीन रौजा स्थित है, जो सरकार के पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षित बताया जा रहा है. बताया कई वर्ष पहले पुरातत्व विभाग की ओर से जीर्णोद्धार भी कराया गया था. अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया कि पुरातत्व विभाग ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है. हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने इस रौजा को प्राचीन गंगेश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर बताते हुए पहले भी शासन में शिकायत भेजी थी कि मुगल आक्रमणकारियों ने शिव मंदिर को तोड़कर वहां मकबरा बना दिया है.

उन्होंने सिविल न्यायालय सीनियर डिवीजन फतेहगढ़ में इसी दावे का मुकदमा दर्ज कराया. इसकी सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने अमीन कमीशन को निर्देश जारी किया और कहा कि स्थल पर जाकर मानचित्र बनाकर अपनी आख्या प्रस्तुत करें. इसके अनुपालन में अमीन कमीशन ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया है, लेकिन अमीन कमिश्नर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की है. अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया की मऊ रसीदाबाद में मकबरे का ढांचा है. इसमें प्राचीन गंगेश्वर नाथ महादेव मंदिर होने का दावा हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारी प्रदीप सक्सेना ने किया है.

उसी को लेकर सिविल जय सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर किया गया. न्यायालय के निर्देश पर बीते दिन अमीन कमिश्नर ने मौके पर पहुंच कर नाप जोख की थी. उन्होंने कहा कि उक्त ढांचे पर हिंदू धर्म से संबंधित निशान जैसे की दीवार पर सर्प और त्रिशूल दिखाई पड़ रहे हैं. इनके चित्र साक्ष्य के रूप में दावे के साथ सबमिट किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है. जरूरत पड़ी तो न्यायालय से अनुरोध करेंगे कि पुरातत्व विभाग से खुदाई करवायी जाए.

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