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मेयर मुनेश गुर्जर को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर - Petition filed in High Court

हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर को कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

RAJASTHAN HIGH COURT,  MAYOR MUNESH GURJAR
राजस्थान हाईकोर्ट . (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 23, 2024, 8:47 PM IST

जयपुरः नगर निगम से पट्टे जारी करने के एवज में रिश्वत लेने से जुड़े मामले में एसीबी कोर्ट की ओर से आरोप पत्र पेश होने के दौरान हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. मामले के परिवादी सुधांशु सिंह की ओर से पेश इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी दिनों में सुनवाई करेगा.

याचिका में अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने बताया कि मामले में एसीबी ने गत 19 सितंबर को मुनेश गुर्जर सहित अन्य के खिलाफ एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था. एसीबी ने मुनेश गुर्जर को नोटिस जारी कर इस दौरान एसीबी कोर्ट में उपस्थित होने को कहा था. इसके बावजूद मुनेश गुर्जर अदालत नहीं आई और उनके अधिवक्ता हाजिर हुए. मुनेश के अधिवक्ता ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि वह गंभीर पीठ दर्द से ग्रसित हैं और चिकित्सक ने उन्हें सात दिन का बेड रेस्ट बताया है. याचिका में कहा गया कि एसीबी कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए मुनेश को उस दिन उपस्थिति से छूट देते हुए 5 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा.

पढ़ेंः सरकार ने हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को किया निलंबित, जांच में प्रथम दृष्टया पाई गईं दोषी - Heritage Mayor Munesh Suspended

याचिका में बताया गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में अदालत की ओर से प्रसंज्ञान लेने या जमानत देने के अलावा आरोपी को उपस्थिति से छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके अलावा चिकित्सक ने मुनेश को सात दिन का बेड रेस्ट बताया था, लेकिन अदालत ने उदारता दिखाते हुए 16 दिन की छूट दे दी. एसीबी कोर्ट ने आरोपी के परीक्षण के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन भी नहीं किया. याचिका में गुहार की गई कि 19 सितंबर का एसीबी कोर्ट का आदेश रद्द कर मुनेश गुर्जर को अदालत में सरेंडर करने के निर्देश दिए जाएं.

जयपुरः नगर निगम से पट्टे जारी करने के एवज में रिश्वत लेने से जुड़े मामले में एसीबी कोर्ट की ओर से आरोप पत्र पेश होने के दौरान हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. मामले के परिवादी सुधांशु सिंह की ओर से पेश इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी दिनों में सुनवाई करेगा.

याचिका में अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने बताया कि मामले में एसीबी ने गत 19 सितंबर को मुनेश गुर्जर सहित अन्य के खिलाफ एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था. एसीबी ने मुनेश गुर्जर को नोटिस जारी कर इस दौरान एसीबी कोर्ट में उपस्थित होने को कहा था. इसके बावजूद मुनेश गुर्जर अदालत नहीं आई और उनके अधिवक्ता हाजिर हुए. मुनेश के अधिवक्ता ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि वह गंभीर पीठ दर्द से ग्रसित हैं और चिकित्सक ने उन्हें सात दिन का बेड रेस्ट बताया है. याचिका में कहा गया कि एसीबी कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए मुनेश को उस दिन उपस्थिति से छूट देते हुए 5 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा.

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याचिका में बताया गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में अदालत की ओर से प्रसंज्ञान लेने या जमानत देने के अलावा आरोपी को उपस्थिति से छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके अलावा चिकित्सक ने मुनेश को सात दिन का बेड रेस्ट बताया था, लेकिन अदालत ने उदारता दिखाते हुए 16 दिन की छूट दे दी. एसीबी कोर्ट ने आरोपी के परीक्षण के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन भी नहीं किया. याचिका में गुहार की गई कि 19 सितंबर का एसीबी कोर्ट का आदेश रद्द कर मुनेश गुर्जर को अदालत में सरेंडर करने के निर्देश दिए जाएं.

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