नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल की पेशी के दौरान ट्रायल कोर्ट की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के ऑडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका वकील विभव कुमार ने दायर किया है. याचिका में केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में 28 मार्च की पेशी के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई को आधार बनाया गया है.
याचिका में कहा गया कि शराब घोटाला मामले की सुनवाई कर रही जज कावेरी बावेजा की अदालती कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष विनीता जैन, प्रमिला गुप्ता और दूसरे लोगों ने पोस्ट किया. याचिका में सुनीता केजरीवाल, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि अदालत की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग को जानबूझ कर पोस्ट करना कोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग के नियमों का उल्लंघन है. ऐसे में जिन लोगों ने ये ऑडियो रिकॉर्डिंग पोस्ट किया उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
बता दें कि 28 मार्च को सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने खुद कोर्ट में अपनी बात रखी थी. केजरीवाल ने कहा था कि असली घोटाला तो ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ. ईडी के दो मकसद थे. केजरीवाल ने कहा था कि ईडी का मकसद एक स्मोक क्रिएट करना था कि आप पार्टी भ्रष्टाचारी है. ईडी का दूसरा मकसद उगाही करना है. केजरीवाल ने कहा था कि इस मामले में शरद रेड्डी ने गिरफ्तारी के बाद बीजेपी को 55 करोड़ रुपया दिया. बीजेपी को इलेक्टोरल बांड के रूप में पैसा देने के बाद शरद रेड्डी को जमानत मिल गई.
केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि मुझे किसी भी अदालत ने दोषी नहीं पाया है. ईडी और सीबीआई ने हजारों पन्नों की रिपोर्ट लगाई है. आप सभी कागजों को पढ़ेंगे तो आप भी सोचेंगे कि आखिर गिरफ्तार क्यों किया गया. वहीं, केजरीवाल ने दूसरे गवाह राघव मगुंटा के बयान पर कहा था कि ईडी के दबाव में लोग गवाह बन रहे हैं और बयान बदल रहे हैं. केजरीवाल के इस बयान का राजू ने विरोध किया. उसके बाद केजरीवाल ने कहा था कि ईडी का केवल एक और एक ही मकसद है मुझे फंसाना.
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