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हाईकोर्ट में पीएम मोदी सहित कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ याचिका, याचिकाकर्ता का आरोप, CAA का प्रचार करने से देश में फैली हिंसा - Allahabad High Court

नागरिकता संशोधन कानून के प्रचार पर प्रधानमंत्री सहित भाजपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज़ करने की याचिका, याची के कहा कानून के प्रचार से देश में फैली हिंसा

बीजेपी नेताओं के खिलाफ याचिका
बीजेपी नेताओं के खिलाफ याचिका (PHOTO credits ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 10:17 PM IST

प्रयागराज: नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि CAA का भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रचार प्रसार करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता अलीगढ़ के खुर्शीद ऊर्र रहमान ने इसी मामले को लेकर पहले धारा 156(3 ) के तहत अलीगढ़ जिला कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. जिसे पहले सीजीएम अलीगढ़ ने खारिज कर दिया. उसके बाद सेशन कोर्ट अलीगढ़ ने भी सीजेएम के आदेश के खिलाफ निगरानी खारिज कर दी. अब इन दोनों आदेशों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में कमल संदेश नामक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख का हवाला दिया गया है और आरोप लगाया गया है कि, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने साजिश के तहत अपने हित में हिंसा, दंगा और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए अपने पद और शपथ का दुरुपयोग किया. नागरिकता संशोधन अधिनियम के जरिए बीजेपी नेताओं ने भाषण, होल्डिंग और कमल संदेश नामक पत्रिका में लेख प्रकाशित कराकर उसे बड़े पैमाने पर बांटे गए. जिससे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन, दंगे और हिंसा भड़की. जिसमें कई लोगों की जान भी गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ. याचिका में जिला न्यायालय अलीगढ़ के आदेशों पर रोक लगाने और बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.

प्रयागराज: नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि CAA का भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रचार प्रसार करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता अलीगढ़ के खुर्शीद ऊर्र रहमान ने इसी मामले को लेकर पहले धारा 156(3 ) के तहत अलीगढ़ जिला कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. जिसे पहले सीजीएम अलीगढ़ ने खारिज कर दिया. उसके बाद सेशन कोर्ट अलीगढ़ ने भी सीजेएम के आदेश के खिलाफ निगरानी खारिज कर दी. अब इन दोनों आदेशों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में कमल संदेश नामक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख का हवाला दिया गया है और आरोप लगाया गया है कि, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने साजिश के तहत अपने हित में हिंसा, दंगा और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए अपने पद और शपथ का दुरुपयोग किया. नागरिकता संशोधन अधिनियम के जरिए बीजेपी नेताओं ने भाषण, होल्डिंग और कमल संदेश नामक पत्रिका में लेख प्रकाशित कराकर उसे बड़े पैमाने पर बांटे गए. जिससे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन, दंगे और हिंसा भड़की. जिसमें कई लोगों की जान भी गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ. याचिका में जिला न्यायालय अलीगढ़ के आदेशों पर रोक लगाने और बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.

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