बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में देवेंद्र यादव की याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया.
किसने देवेंद्र यादव के निर्वाचन को दी चुनौती: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा उम्मीदवार प्रेमप्रकाश पांडेय ने याचिका दायर की थी. याचिका में पांडेय ने कहा कि देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर नामांकन में अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है. साथ ही आपराधिक केस का भी अपने शपथपत्र में उल्लेख नहीं किया, इसलिये उनका निर्वाचन निरस्त किया जाए.
याचिकाकर्ता ने अपनी चुनावी याचिका में ये भी कहा "चुनाव आयोग से आपराधिक मामलों और संपत्ति की जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है. यदि कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन अवैध हो जाता है. रायपुर और बिलासपुर कोर्ट ने देवेंद्र यादव को समन जारी किया, जिसमें उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है."
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित: जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में देवेंद्र यादव की ओर से एडवोकेट बीपी शर्मा ने आवेदन पेश किया और याचिका को चलने योग्य नहीं बताया. सभी पक्षों की सुनवाई और बहस पूरी हो जाने के बाद कोर्ट ने फिलहाल फैसले को रिजर्व रख लिया है.