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कंगना के चुनाव को चुनौती देने का मामला, HC में सांसद के वकील ने मांगी 3 हफ्ते की मोहलत - Petition against Kangana Election

Petition against the Election of Kangana: सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनावई हुई. किन्नौर के एक शख्स ने कोर्ट में चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है. डिटेल में पढ़ें मामला...

सांसद कंगना के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती
सांसद कंगना के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 9:05 PM IST

शिमला: हिमाचल हाइकोर्ट में बुधवार को मंडी की सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें कंगना रनौत के अधिवक्ता ने कोर्ट से जवाब दायर करने के लिए तीन हफ्ते की मोहलत मांगी है.

ये मामला न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की बेंच में लगा था. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी संसदीय सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर उन्हें नोटिस जारी किया है जिस पर कोर्ट ने प्रतिवादी कंगना रनौत को 21 अगस्त तक याचिका का जवाब देने के आदेश जारी किए थे.

लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग

न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने जिला किन्नौर निवासी लायक राम नेगी की ओर से दायर चुनाव याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए हैं. प्रार्थी लायक राम नेगी ने लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र को अनुचित तरीके से अस्वीकृत करने का आरोप लगाते हुए उक्त सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी ने इस मामले में चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर डीसी मंडी को भी प्रतिवादी बनाया है.

ये है मामला

प्रार्थी के मुताबिक उसने 14 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के लिए मंडी सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. प्रार्थी का कहना है कि वन विभाग से समय पूर्व सेवानिवृत होने पर उसने निर्वाचन अधिकारी के सामने वन विभाग से जारी जरूरी नो ड्यू सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे थे जिसमें नामांकन के दौरान प्रार्थी को कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों की ओर से सरकारी आवास को लेकर जारी बिजली, पानी व टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट भी देने होंगे.

उसे यह प्रमाणपत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया. 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी. प्रार्थी के अनुसार, 15 मई को उसने विभिन्न विभागों की ओर से जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट रिटर्निंग ऑफिसर को सौंपे थे, लेकिन उन्होंने यह दस्तावेज लेने से इंकार किया और उसे बताया गया कि प्रार्थी के नामांकन में उपरोक्त नो ड्यू सर्टिफिकेट न लगना एक बड़ी त्रुटि है जिसे अब दूर नहीं किया जा सकता इसलिए प्रार्थी का नामांकन अस्वीकार कर दिया गया है.

जिस कारण वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाया. प्रार्थी के अनुसार, यह कोई बड़ी त्रुटि नहीं थी जिस कारण उसका नामांकन अस्वीकार कर दिया जाता. प्रार्थी का कहना है कि यदि उसे चुनाव लड़ने का अवसर प्रदान किया जाता तो संभवतः वह लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हो जाता. ऐसे में प्रार्थी ने मंडी संसदीय सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की गुहार लगाई है ताकि दोबार इस सीट के लिए चुनाव हो सके.

ये भी पढ़ें: नगर निगम मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव से जुड़ा मामला, हाईकोर्ट का मुख्य सचिव व आयोग को नोटिस

शिमला: हिमाचल हाइकोर्ट में बुधवार को मंडी की सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें कंगना रनौत के अधिवक्ता ने कोर्ट से जवाब दायर करने के लिए तीन हफ्ते की मोहलत मांगी है.

ये मामला न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की बेंच में लगा था. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी संसदीय सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर उन्हें नोटिस जारी किया है जिस पर कोर्ट ने प्रतिवादी कंगना रनौत को 21 अगस्त तक याचिका का जवाब देने के आदेश जारी किए थे.

लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग

न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने जिला किन्नौर निवासी लायक राम नेगी की ओर से दायर चुनाव याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए हैं. प्रार्थी लायक राम नेगी ने लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र को अनुचित तरीके से अस्वीकृत करने का आरोप लगाते हुए उक्त सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी ने इस मामले में चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर डीसी मंडी को भी प्रतिवादी बनाया है.

ये है मामला

प्रार्थी के मुताबिक उसने 14 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के लिए मंडी सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. प्रार्थी का कहना है कि वन विभाग से समय पूर्व सेवानिवृत होने पर उसने निर्वाचन अधिकारी के सामने वन विभाग से जारी जरूरी नो ड्यू सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे थे जिसमें नामांकन के दौरान प्रार्थी को कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों की ओर से सरकारी आवास को लेकर जारी बिजली, पानी व टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट भी देने होंगे.

उसे यह प्रमाणपत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया. 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी. प्रार्थी के अनुसार, 15 मई को उसने विभिन्न विभागों की ओर से जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट रिटर्निंग ऑफिसर को सौंपे थे, लेकिन उन्होंने यह दस्तावेज लेने से इंकार किया और उसे बताया गया कि प्रार्थी के नामांकन में उपरोक्त नो ड्यू सर्टिफिकेट न लगना एक बड़ी त्रुटि है जिसे अब दूर नहीं किया जा सकता इसलिए प्रार्थी का नामांकन अस्वीकार कर दिया गया है.

जिस कारण वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाया. प्रार्थी के अनुसार, यह कोई बड़ी त्रुटि नहीं थी जिस कारण उसका नामांकन अस्वीकार कर दिया जाता. प्रार्थी का कहना है कि यदि उसे चुनाव लड़ने का अवसर प्रदान किया जाता तो संभवतः वह लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हो जाता. ऐसे में प्रार्थी ने मंडी संसदीय सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की गुहार लगाई है ताकि दोबार इस सीट के लिए चुनाव हो सके.

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