नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बयान देने पर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले ली गई है. सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है, इसलिए अब याचिका वापस ले रहे हैं. उसके बाद कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.
याचिका सुरजीत सिंह यादव ने दायर की थी. इसमें कहा गया था कि रवनीत सिंह बिट्टू ने 15 सितंबर को एक प्रेस ब्रीफिंग में राहुल गांधी के खिलाफ बयान दिया था. याचिका में बिट्टू के बयान का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया था कि राहुल गांधी भारतीय नहीं हैं. उन्होंने अपना ज्यादातर समय बाहर बिताया है. वे देश को ज्यादा प्यार नहीं करते हैं. यही वजह है कि वे विदेशों में जाकर गलत तरीके से बोलते हैं.
जो लोग मोस्ट वांटेड हैं, अलगाववादी हैं. बम, बंदूक और बारुद बनाने के विशेषज्ञ हैं वे राहुल गांधी की प्रशंसा कर रहे हैं. देश के दुश्मन जो हवाई जहाज, ट्रेन और रोड उड़ाना चाहते हैं वे राहुल गांधी के समर्थक हैं. अगर कोई ऐसा अवार्ड या इनाम होगा, जिसमें देश के नंबर वन आतंकी को पकड़ने की बात होगी तो वो राहुल गांधी के खिलाफ होगी. क्योंकि वो देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं.
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याचिका में सुरजीत सिंह यादव ने मांग की थी कि राहुल गांधी के खिलाफ इस बयान के खिलाफ रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया जाए, क्योंकि उनके बयान अपमानजनक, झूठे और मनगढ़ंत हैं. याचिका में कहा गया था कि राहुल गांधी के खिलाफ बिट्टू की अपमानजनक टिप्पणियों से व्यापक हिंसा और अशांति भड़कने की संभावना है.
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