चंडीगढ़: यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग्स बायलॉज 2023 को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब घर में पालतू कुत्ते का पंजीकरण जरूरी हो गया है. बिना पंजीकरण के अगर कोई कुत्ता पालता मिला, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अगर पंजीकरण के बाद किसी का कुत्ता आवारा घुमता मिला, तो उसके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा. इस नए लॉ में चंडीगढ़ में 7 नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाया गया है.
चंडीगढ़ में पालतु कुत्तों का पंजीकरण जरूरी: चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग्स बायलॉज 2023 के तहत अब चंडीगढ़ में रहने वाले लोगों को अपने कुत्ते का पंजीकरण करवाना होगा. जिसके लिए ₹500 फीस भी देनी होगी. आवेदन के समय अपने पालतू कुत्ते की लेटेस्ट फोटो और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी लगाना होगा. जिसके तहत कुत्तों के लिए एक मेटल टोकन दिया जाएगा, जो गले में बांधा जाएगा. इसके साथ ही कुत्तों के मालिक को हर 5 साल बाद पंजीकरण रिन्यू कराना होगा. इसके साथ शहर के एनजीओ, वालंटियर पेट पेरेंट्स, पेट शॉपकीपर, डॉग ट्रेनर, डॉग हॉस्टल में कुत्तों को पालने वाले लोगों को भी कुत्तों का पंजीकरण कराना जरूरी होगा.
चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग्स बायलॉज 2023 को मंजूरी: पंजीकृत कुत्ता खुले में घूमता हुआ पाया जाता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा और कुत्ते के मालिक पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. बायलॉज नियम के मुताबिक चंडीगढ़ में रहने वाले लोग अपने कुत्तों को सुखना लेक, शांतिकुंज, रॉक गार्डन, लेजर वैली, मिनी रोज गार्डन, रोज गार्डन, फ्रेगरेंस गार्डन, टेरेस गार्डन, शिवालिक गार्डन समेत अन्य कई जगहों पर नहीं ले जा सकेंगे. सामान्य पार्क में कुत्तों को टहलाने के लिए कुत्ते के मालिक को पूप बैग रखना होगा.
नए नियमों का पालन करना अनिवार्य: पंजीकृत कुत्ते की पूरी जिम्मेदारी उसके मालिक की होगी. अगर उनके कुत्ते ने किसी को चोट पहुंचाई या किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, तो जिम्मेदारी कुत्ते के मालिक की होगी. उसे मुआवजा भी देना पड़ सकता है. अगर कुत्ते का व्यवहार ठीक नहीं हुआ, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा और मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा. कुत्ते की मृत्यु के बाद उसे खुले में या चंडीगढ़ नगर निगम के कूड़ेदान में नहीं फेंका जाएगा. मृत कुत्ते को श्मशान घाट या अपने स्थान पर पूरी विधि के साथ दफनाया जाएगा.
इस ब्रीड पर लगा बैन: बायलॉज नियम के मुताबिक चंडीगढ़ में अमेरिकन बुलडॉग, अमेरिकन पिटबुल, बुल टेरियर, केन कोरसो, डोगो अर्जेंटीनो, रॉटविलर के रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इन आदेशों के उल्लंघन पर 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ ही अब घर के बाहर घूमने वाले कोई भी किसी आवारा कुत्ता को खाना नहीं दे सकेगा.
आरडब्ल्यूए और पार्षद पर बड़ी जिमेदारी: आरडब्ल्यूए और पार्षद की सहमति से प्रत्येक इलाके में जगह चयनित की जाएगी, जहां कुत्तों को खाना दिया जा सकेगा. कुत्तों के मालिक को पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा निर्धारित 200 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. नियमों का एक से अधिक उल्लंघन करने पर पालतू कुत्ते के मालिक को जुर्माना 200 रुपये प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है, जो अधिकतम 10 दिन तक हो सकता है.
घर के आकर के मुताबिक पालना होगा कुत्ता: 5 मरला या उससे कम वाले घर के लिए 1 कुत्ता रखने की इजाजत होगी. वहीं अलग-अलग फ्लोर पर एक से ज्यादा परिवार रह रहे हों, तो अधिकतम तीन कुत्ते रख सकते हैं. वहीं पांच से बड़े 12 मरले से कम वाले घर में दो कुत्ते रखने की इजाजत होगी. अलग-अलग फ्लोर पर एक से ज्यादा परिवार रह रहे हों. या अधिकतम 12 मरले से बड़े और एक कनाल से कम हो तो तीन कुत्ते रखने की इजाजत होगी. इसमें एक मांगरोल/इंडी कुत्ते को अडॉप्ट करना अनिवार्य होगा. एक कनाल से अधिक 4 कुत्ते रखने की इजाजत होगी.