पाकुड़: वन विभाग भले ही गांव-गांव पहुंचकर ग्रामीणों को अंधविश्वास से दूर रहने के लिए जागरूक कर रहा हो, लेकिन आज भी गांव में अंधविश्वास कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कहींं न कहीं अंधविश्वास के चक्कर में आकर लोग जान गवा दे रहे हैं. ऐसा ही एक मामला पाकुड़ जिले में देखने को मिला. जहां एक शख्स की जान चली गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक महेशपुर प्रखंड के नंदनपाड़ा गांव के 35 वर्षीय राजा हांसदा नामक व्यक्ति अपने खेत में घास काटने गया था. घास काटने के दौरान उसे एक जहरीले सांप ने काट लिया. राजा हांसदा ने सांप को वहीं मार डाला और घर जाकर अपने परिजनों को जानकारी दी. परिजन उसे गांव के निकट एक ओझा के पास ले गए. जिसके बाद ओझा ने जहर निकालने के लिए झाड़-फूंक करना शुरू किया. घंटों ओझा द्वारा झाड़-फूंक के दौरान जहर पूरे शरीर मे फैल गया और उसकी मौत हो गयी.
मौत के बाद भी ओझा उसे एक पत्थर के पास ले गया, जहां उसका जहर निकालने का दावा करता रहा. अंततः ओझा उसे मृत घोषित कर चलता बना. जिसके बाद परिजन शव को घर लाए और अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे. तभी इसकी सूचना वन विभाग की टीम को मिली. सूचना मिलते ही वन कर्मी असराफुल शेख पहुंचे और शव को चिकित्सकों की देखरेख में पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों से अपील किया.
वनकर्मी असराफुल ने बताया कि साइलेंट किलर करैत सांप के काटने से उक्त व्यक्ति की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि सर्पदंश के शिकार राजा हांसदा को अस्पताल ले जाने के बजाय उसका घंटों झाड़फूंक कराया गया, जिस कारण उसकी मृत्यु हुई. वनकर्मी ने बताया कि गांव के लोगों को समझा बुझाने के साथ जागरूकता अभियान बीच-बीच में चलाया जाता है.
लोगों को वन्यप्राणी दिखाई देने पर इसकी सूचना वन विभाग को करने की बात कही जा रही है. किसी को सांप काट ले तो झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़े. बल्कि निकटतम अस्पताल में भर्ती कराए. साथ ही ऐसा नहीं कर पाने पर कम से कम वनकर्मी को इसकी सूचना दें. ताकि समय रहते जख्मी को अस्पताल भेजवाया जा सके. इसके लिए गांव-गांव में मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है. बावजूद इसके लोग आज भी अंधविश्वास में फंसे रह जाते हैं.
अंधविश्वास का जहर! सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में युवक की मौत - Snake Bite