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टॉयलेट टैक्स पर लोगों ने शेयर किए ये फनी मीम्स, हंस-हंस कर हो जाओगे लोट-पोट - funny memes on toilet tax

टायलेट टैक्स पर जहां सीएम सुक्खू मीडिया के कैमरों के सामने इस पर सफाई देते रहे. वहीं, सोशल मीडिया पर लोग मौज काटते रहे.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

सोशल मीडिया पर बने फनी मीम्स
सोशल मीडिया पर बने फनी मीम्स (ETV BHARAT)

शिमला: शहरी इलाकों में प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए मासिक शुल्क वसूलने की खबर के बाद पूरे देश भर में सुक्खू सरकार की खूब फजीहत हुई. खबरों के मुताबिक इस शुल्क का पैसा जलशक्ति विभाग को जाना था. सोशल मीडिया और देशभर में आलोचना झेलने के बाद सुक्खू सरकार बैकफुट पर दिखी और खुद सीएम सुक्खू ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार की टॉयलेट टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं है. ये बीजेपी का प्रोपेगेंडा है.

हालांकि दिनभर मीडिया में सफाई देने के बाद मामला कुछ शांत हुआ, लेकिन तीर कमान से निकल चुका था. लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया और कई तरह के फनी मीम्स तैरने लगे. लोगों ने ऐसे ऐसे मीम्स सोशल मीडिया पर शेयर किए जिससे आपकी हंसी छूट जाएगी. चलिए देखते हैं सोशल मीडिया शेयर किए गए कुछ फनी मीम्स.

किये कराये से आर्थिक संकट दूर

धर्मेंद्र कुमार नाम के यूजर ने लिखा, 'जहां अब लोग "शौच"कर परेशान होंगे. सुक्खू सरकार लोगों के "किये कराये" से आर्थिक संकट दूर करेगी. सरकार ने प्रति शौचालय 25 रुपए वसूलने की अधिसूचना जारी की.'

देवेश चंदेल नाम के यूजर्स ने लिखा, 'व्यवस्था परिवर्तन...हिमाचल में पहले जनसंख्या गणना के लिए अधिकारी आते थे अब हर घर शौचालय के पॉट गिनने आएंगे.'

निहारिका शर्मा नाम की यूजर्स ने भी एक्स पर कांग्रेस पर चुटकी ली. उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और सीएम सुक्खू की फोटो के साथ कांग्रेस को फटकार लगाई.

गनी सिंह चंद्रावत नाम के यूजर्स ने एक्स पर लिखा, 'चाहे पाकिस्तान कितना भी कंगाल क्यू नही हो गया पर उसने ने भी हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार की तरह टैक्स नहीं लगाया.'

'मोदी जी ने सब महंगा कर दिया है...टॉयलेट सीट पर टैक्स लगाकर क्या फायदा'

हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की तरफ से 21 सितंबर को जारी नोटिफिकेशन में ये दर्ज था कि शहरी इलाकों में जहां कोई प्रतिष्ठान जल शक्ति विभाग की सीवरेज लाइन का प्रयोग करता है, उसे 25 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क देना होगा. इसमें एक बिंदु ये था कि जो प्रतिष्ठान अपना वाटर सोर्स यूज कर रहे हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम सरकारी यानी जल शक्ति विभाग का है, उन्हें इस शुल्क का भुगतान करना होगा.

इस नोटिफिकेशन के बाद जब सोशल मीडिया पर हल्ला मचा तो सरकार बैकफुट पर आ गई. हालांकि इस शुल्क का बोझ बहुत कम लोगों या प्रतिष्ठानों पर पड़ना था, लेकिन हल्ला ऐसा मचा कि अब हिमाचल में टॉयलेट सीट यूज करने पर प्रतिमाह 25 रुपए शुल्क लगेगा.

बाकायदा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल शक्ति विभाग) ओंकार शर्मा ने मीडिया में आकर स्थिति स्पष्ट की. ओंकार शर्मा ने कहा कि जिस दिन यानी 21 सितंबर को ये अधिसूचना आई, उसी दिन इसे वापिस ले लिया गया. ओंकार शर्मा ने कहा, "21 सितंबर को जो अधिसूचना तैयार की गई थी, उसे डिप्टी सीएम के पास भेजा गया. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के पास ही जल शक्ति विभाग भी है. डिप्टी सीएम का मानना था कि ये 25 रुपए टॉयलेट शुल्क वाली शब्दावली कुछ अजीब सी लग रही है. ऐसे में उसे वापस लिया गया और नई अधिसूचना तैयार की गई, जिसे जल्द ही अपलोड किया जाएगा".

दरअसल, हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण इलाकों में निशुल्क पेयजल की सुविधा को बंद कर दिया है. उसके बाद पानी की दरों को लेकर नई अधिसूचना जारी की गई थी. उसमें शहरी इलाकों में प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए मासिक शुल्क वसूलने के आदेश भी दिए गए. इस शुल्क का पैसा जल शक्ति विभाग को जाएगा. इस बारे में जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की तरफ से जो आदेश जारी किए गए Ls, उनके अनुसार शहरी इलाकों में जहां जल शक्ति विभाग का सीवरेज सिस्टम प्रयोग किया जा रहा है, वहां प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए शुल्क वसूला जाएगा. आदेश में कहा गया है कि कुछ प्रतिष्ठान खुद का पानी का सोर्स प्रयोग करते हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम जल शक्ति विभाग का प्रयोग कर रहे हैं, वहां प्रति सीट प्रति महीने 25 रुपए शुल्क लिया जाएगा.

सीएम सुक्खू ने इस विवाद पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि, 'ये बात तथ्यों से परे है. हरियाणा में विधानसभा चुनाव है. इसलिए बीजेपी कभी हिंदू-मुस्लिम और कभी सीवरेज की बात कर रही है. किसी से कोई शौचालय शुल्क नहीं लिया जाएगा. ये बात बिल्कुल गलत है.'

वहीं, इस मामले पर जेपी नड्डा ने कहा कि, "हिमाचल में 100 प्रतिशत भ्रष्ट सरकार चल रही है. सुक्खू सरकार की बुद्धि और मति दोनों भ्रष्ट हो चुकी है. इन्होंने तो टायलेट पर भी टैक्स लगा दिया. ऐसी सरकार को प्रदेश में रहने का हक नहीं है. सीएम सुक्खू की दो भाषाएं है, चुनाव में कहते हैं कि हिमाचल को केंद्र से कुछ नहीं मिला और दिल्ली में सरकार का धन्यवाद कर कहते है, सब कुछ मिल रहा है और चाहिए."

ये भी पढ़ें: 'बीजेपी कभी करती है हिंदू मुस्लिम, कभी सीवरेज की बात'

ये भी पढ़ें: 25 रुपए टॉयलेट शुल्क पर बवाल, बैकफुट पर सुक्खू सरकार

शिमला: शहरी इलाकों में प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए मासिक शुल्क वसूलने की खबर के बाद पूरे देश भर में सुक्खू सरकार की खूब फजीहत हुई. खबरों के मुताबिक इस शुल्क का पैसा जलशक्ति विभाग को जाना था. सोशल मीडिया और देशभर में आलोचना झेलने के बाद सुक्खू सरकार बैकफुट पर दिखी और खुद सीएम सुक्खू ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार की टॉयलेट टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं है. ये बीजेपी का प्रोपेगेंडा है.

हालांकि दिनभर मीडिया में सफाई देने के बाद मामला कुछ शांत हुआ, लेकिन तीर कमान से निकल चुका था. लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया और कई तरह के फनी मीम्स तैरने लगे. लोगों ने ऐसे ऐसे मीम्स सोशल मीडिया पर शेयर किए जिससे आपकी हंसी छूट जाएगी. चलिए देखते हैं सोशल मीडिया शेयर किए गए कुछ फनी मीम्स.

किये कराये से आर्थिक संकट दूर

धर्मेंद्र कुमार नाम के यूजर ने लिखा, 'जहां अब लोग "शौच"कर परेशान होंगे. सुक्खू सरकार लोगों के "किये कराये" से आर्थिक संकट दूर करेगी. सरकार ने प्रति शौचालय 25 रुपए वसूलने की अधिसूचना जारी की.'

देवेश चंदेल नाम के यूजर्स ने लिखा, 'व्यवस्था परिवर्तन...हिमाचल में पहले जनसंख्या गणना के लिए अधिकारी आते थे अब हर घर शौचालय के पॉट गिनने आएंगे.'

निहारिका शर्मा नाम की यूजर्स ने भी एक्स पर कांग्रेस पर चुटकी ली. उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और सीएम सुक्खू की फोटो के साथ कांग्रेस को फटकार लगाई.

गनी सिंह चंद्रावत नाम के यूजर्स ने एक्स पर लिखा, 'चाहे पाकिस्तान कितना भी कंगाल क्यू नही हो गया पर उसने ने भी हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार की तरह टैक्स नहीं लगाया.'

'मोदी जी ने सब महंगा कर दिया है...टॉयलेट सीट पर टैक्स लगाकर क्या फायदा'

हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की तरफ से 21 सितंबर को जारी नोटिफिकेशन में ये दर्ज था कि शहरी इलाकों में जहां कोई प्रतिष्ठान जल शक्ति विभाग की सीवरेज लाइन का प्रयोग करता है, उसे 25 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क देना होगा. इसमें एक बिंदु ये था कि जो प्रतिष्ठान अपना वाटर सोर्स यूज कर रहे हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम सरकारी यानी जल शक्ति विभाग का है, उन्हें इस शुल्क का भुगतान करना होगा.

इस नोटिफिकेशन के बाद जब सोशल मीडिया पर हल्ला मचा तो सरकार बैकफुट पर आ गई. हालांकि इस शुल्क का बोझ बहुत कम लोगों या प्रतिष्ठानों पर पड़ना था, लेकिन हल्ला ऐसा मचा कि अब हिमाचल में टॉयलेट सीट यूज करने पर प्रतिमाह 25 रुपए शुल्क लगेगा.

बाकायदा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल शक्ति विभाग) ओंकार शर्मा ने मीडिया में आकर स्थिति स्पष्ट की. ओंकार शर्मा ने कहा कि जिस दिन यानी 21 सितंबर को ये अधिसूचना आई, उसी दिन इसे वापिस ले लिया गया. ओंकार शर्मा ने कहा, "21 सितंबर को जो अधिसूचना तैयार की गई थी, उसे डिप्टी सीएम के पास भेजा गया. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के पास ही जल शक्ति विभाग भी है. डिप्टी सीएम का मानना था कि ये 25 रुपए टॉयलेट शुल्क वाली शब्दावली कुछ अजीब सी लग रही है. ऐसे में उसे वापस लिया गया और नई अधिसूचना तैयार की गई, जिसे जल्द ही अपलोड किया जाएगा".

दरअसल, हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण इलाकों में निशुल्क पेयजल की सुविधा को बंद कर दिया है. उसके बाद पानी की दरों को लेकर नई अधिसूचना जारी की गई थी. उसमें शहरी इलाकों में प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए मासिक शुल्क वसूलने के आदेश भी दिए गए. इस शुल्क का पैसा जल शक्ति विभाग को जाएगा. इस बारे में जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की तरफ से जो आदेश जारी किए गए Ls, उनके अनुसार शहरी इलाकों में जहां जल शक्ति विभाग का सीवरेज सिस्टम प्रयोग किया जा रहा है, वहां प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए शुल्क वसूला जाएगा. आदेश में कहा गया है कि कुछ प्रतिष्ठान खुद का पानी का सोर्स प्रयोग करते हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम जल शक्ति विभाग का प्रयोग कर रहे हैं, वहां प्रति सीट प्रति महीने 25 रुपए शुल्क लिया जाएगा.

सीएम सुक्खू ने इस विवाद पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि, 'ये बात तथ्यों से परे है. हरियाणा में विधानसभा चुनाव है. इसलिए बीजेपी कभी हिंदू-मुस्लिम और कभी सीवरेज की बात कर रही है. किसी से कोई शौचालय शुल्क नहीं लिया जाएगा. ये बात बिल्कुल गलत है.'

वहीं, इस मामले पर जेपी नड्डा ने कहा कि, "हिमाचल में 100 प्रतिशत भ्रष्ट सरकार चल रही है. सुक्खू सरकार की बुद्धि और मति दोनों भ्रष्ट हो चुकी है. इन्होंने तो टायलेट पर भी टैक्स लगा दिया. ऐसी सरकार को प्रदेश में रहने का हक नहीं है. सीएम सुक्खू की दो भाषाएं है, चुनाव में कहते हैं कि हिमाचल को केंद्र से कुछ नहीं मिला और दिल्ली में सरकार का धन्यवाद कर कहते है, सब कुछ मिल रहा है और चाहिए."

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