धनबाद: जिले में अचानक लोगों ने बड़ी संख्या में पक्षियों को एक पेड़ पर मंडराते देखा. जब काफी देर तक पक्षी मंडराते दिखे तो आसपास के लोग हैरान रह गए. उन्हें आश्चर्य हुआ कि ये पक्षी इतनी देर तक एक ही स्थान पर क्यों मंडरा रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने आसपास देखा. जो नजारा देखने को मिला वो बेहद भावुक कर देने वाला था.
एक पक्षी 90 फीट की ऊंचाई पर पेड़ पर उल्टा लटका हुआ था. वह वहां से निकल नहीं पा रहा था. यह देखकर उसके साथी पक्षी उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन वे सफल नहीं हो पा रहे थे. वह वहीं पेड़ पर मंडरा रहे थे, फिर बार-बार रुककर अपने साथी को बाहर निकालने की फिर से कोशिश कर रहे थे. जब लोगों ने यह नजारा देखा तो उन्होंने पशु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि राणा प्रताप को इस घटना की जानकारी दी. राणा प्रताप मौके पर पहुंचे. पहले तो ऐसा लगा कि पक्षी मर गया है क्योंकि उसमें कोई सुगबुगाहट नहीं थी. लेकिन बाद में पता चला कि वह जिंदा हैं.
यह घटना सदर थाना क्षेत्र के हीरापुर श्मशान रोड पर हुई. पक्षी यूकेलिप्टस के पेड़ की ऊपरी शाखा में करीब 90 फीट की ऊंचाई पर उल्टा लटका हुआ था, जिससे सटीक जानकारी नहीं मिल सकी कि वह जिंदा है या मर गया है. इसमें मीडियाकर्मी चंदन पाल ने मदद की. चंदन पाल ड्रोन कैमरा लेकर आए. फिर जाकर ड्रोन कैमरे की मदद से उस पक्षी की सटीक लोकेशन प्राप्त की जा सकी. पक्षी जीवित था.
चाइनीज मांझे में फंसा था पक्षी
पक्षी को बचाने के लिए पहले दिन रेस्क्यू शुरू किया गया, लेकिन शाम को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा. अगले दिन फिर से रेस्क्यू शुरू हुआ. 90 फीट की ऊंचाई से उसे बचाना कोई आसान काम नहीं था. वह पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चाइनीज मांझे में फंस गया था.
पशु कल्याण बोर्ड के राणा प्रताप ने फायर ब्रिगेड से संपर्क किया. लेकिन इतनी ऊंचाई तक पहुंचने के लिए फायर ब्रिगेड के पास भी साधन नहीं था. जिसके बाद डीएफओ विकास पालीवाल से संपर्क किया गया. सूचना मिलने पर डीएफओ ने नगर आयुक्त रविराज शर्मा से संपर्क किया और स्काई क्रेन उपलब्ध करायी गयी. डीएफओ द्वारा वनरक्षी सोनू मंडल एवं यमुना कुमार को भी घटना स्थल पर भेजा गया.
फिर से शुरू हुआ रेस्क्यू
दोबारा रेस्क्यू शुरू हुआ. जिस स्थान पर पक्षी फंसा था वहां तक स्काई ट्रेन भी नहीं पहुंच सकी. फिर लोगों ने बांस का सहारा लिया और चार घंटे के रेस्क्यू के बाद आखिरकार सफलता मिल गई. आखिरकार पेड़ में फंसे पक्षी को बचा लिया गया. जैसे ही पक्षी मांझे से छूटा तो आसमान में उड़ गया, जिसके बाद रेस्क्यू में लगे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
हालांकि, यह घटना उन लोगों के लिए एक सबक है जो मुसीबत में फंसे या किसी दुर्घटना में घायल लोगों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं. ऐसे लोगों को इन पक्षियों से सीखने की जरूरत है कि पक्षी होते हुए भी अपने साथियों के प्रति इनकी संवेदनशीलता कितनी गहरी होती है. मुसीबत के समय भी ये अपने साथियों को अकेला नहीं छोड़ते.
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